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रॉन डि सेंटिज अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे, ये रिपब्लिकन ट्रंप से बड़ा 'कट्टर' है

रॉन डि सेंटिज की कहानी जो डोनाल्ड ट्रंप के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं.

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Know about Ron DeSantis, who is in White House race as Trump's biggest threat
डोनाल्ड ट्रंप और रॉन डि सेंटिज. (फोटो- ट्विटर)
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25 मई 2023 (Updated: 25 मई 2023, 17:04 IST)
Updated: 25 मई 2023 17:04 IST
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जिसका इंतज़ार पिछले कई महीनों से हो रहा था, वो घड़ी फ़ाइनली आ गई.

24 मई को अमेरिका के फ़्लोरिडा स्टेट के गवर्नर रॉन डि सेंटिज ने राष्ट्रपति चुनाव का पर्चा भर दिया. वो रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूएन में अमेरिका की राजदूत रहीं निक्की हेली रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से दावेदारी पेश कर चुके हैं. आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि एक ही पार्टी से इतने सारे लोग चुनाव कैसे लड़ेंगे?

इसका जवाब मिलेगा, ‘प्राइमरी’ में. अमेरिका में अगला राष्ट्रपति चुनाव नवंबर 2024 में होना है. उससे पहले रिपब्लिकन पार्टी के अंदर प्राइमरी इलेक्शन कराया जाएगा. पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट को चुनने के लिए. फ़ाइनल राउंड के लिए पार्टी अपनी तरफ़ से सिर्फ़ एक नाम भेजती है. प्राइमरी को आप सेमीफ़ाइनल मैच की तरह भी देख सकते हैं. इसमें जीतने वाला शख़्स फ़ाइनल में पहुंचते हैं. बाकी लोग रेस से बाहर हो जाएंगे. इसलिए, भले ही रॉन ने दावेदारी पेश कर दी हो, उनका राष्ट्रपति चुनाव लड़ना तय नहीं है. अभी उन्हें प्राइमरी इलेक्शन में डोनाल्ड ट्रंप और दूसरे उम्मीदवारों की चुनौती पार करनी है. हालिया सर्वे के मुताबिक ट्रंप, रॉन से 38 पॉइंट आगे चल रहे हैं. यानी, प्राइमरी में रॉन की जीत बहुत आसान नहीं होने वाली है.

हालांकि, रॉन डि सेंटिज जिस वैचारिक और एजेंडागत रास्ते पर चल रहे हैं, उनके लिए इस अंतर को पाटना बहुत मुश्किल नहीं होगा.

रॉन की यूएसपी क्या है?

- कोरोना काल में उन्होंने अपने राज्य में लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया था.
- फ़्लोरिडा में बंदूक खरीदने और रखने का प्रोसेस आसान बनाया.
- सेक्स और जेंडर आधारित पढ़ाई पर प्रतिबंध लगाया.
- वोटिंग से जुड़े नियमों को सख़्त किया.
- अबॉर्शन के हक़ को मुश्किल किया.

रिपब्लिकन पार्टी रूढ़िवादों विचारों वाली मानी जाती है. उनके कोर वोटर्स इसी तरह के मुद्दों की तरफ़ आकर्षित होते हैं. उन्हें रॉन में ‘नया तारणहार’ दिख रहा है.

रॉन आगे क्या करने वाले हैं?

उन्होंने कहा है कि अगर मैं राष्ट्रपति बना तो,

- अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर आपातकाल लगा दूंगा. उनका इशारा यूएस-मेक्सिको बॉर्डर की तरफ़ था.
- राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही FBI के डायरेक्टर क्रिस्टोफ़र रे को बर्ख़ास्त कर दूंगा. रे को ट्रंप के कार्यकाल में नियुक्त किया गया था.
- रॉन ने ऐलान से पहले ट्विटर स्पेसेज़ में इलॉन मस्क से कहा, ‘मैं अमेरिका का संविधान पढ़ने वाला हूं. जहां कहीं भी बटन दबाने की गुंज़ाइश होगी, वहां बदलाव किया जाएगा.’

इन सबके अलावा, रॉन समलैंगिक अधिकारों और वोक कल्चर के भी मुखर आलोचक रहे हैं. आने वाले दिनों में उनका बर्ताव और तीखा होगा. इस समय ट्रंप पोर्नस्टार को पैसे देने और सीक्रेट दस्तावेज चुराने के आरोप में कानूनी अड़चनों का सामना कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी के अंदर एक लीडरशिप वैक्यूम बन रहा है. रॉन इस वैक्यूम को पाट रहे हैं. वो ट्रंप से अधिक कट्टर होकर सामने आ रहे हैं. इसी वजह से कहा जा रहा है कि वो ट्रंप के सामने की सबसे बड़ी चुनौती बनने वाले हैं. कुछ जानकार तो ये भी कहते हैं कि ट्रंप के लिए प्राइमरी जीतना राष्ट्रपति चुनाव जीतने से ज़्यादा कठिन हो सकता है.

अब रॉन डि सेंटिज का परिचय भी जान लीजिए.

रॉन 1978 में फ़्लोरिडा के जैक्सनविले में पैदा हुए थे. उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से हिस्ट्री की पढ़ाई की. फिर हार्वर्ड चले गए. हार्वर्ड लॉ स्कूल में पढ़ाई के दौरान ही उन्हें नौसेना में नौकरी मिल गई. यूएस नेवी के लीगल विंग में. इस रोल में उन्होंने ग्वांतनामो बे के क़ैदियों और इराक़ में ऑपरेशन चलाने वाले नेवी सील्स के लीगल एडवाइजर के तौर पर काम किया. 2010 में उन्होंने नेवी छोड़ दी. फिर वो फ़ेडरल प्रॉसिक्यूटर बन गए.

2012 में उन्होंने पॉलिटिक्स में उतरने का फ़ैसला किया. 2013 में वो अमेरिकी संसद कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ़ रेप्रजेंटेटिव्स के लिए चुने गए. वो इस रोल में 2018 तक रहे.

2019 में उन्होंने फ़्लोरिडा के गवर्नर का चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया. वो ट्रंप से बेहद प्रभावित थे. संसद में रहते हुए भी उन्होंने वफ़ादारी दिखाई थी. इसलिए, जब गवर्नर का चुनाव हुआ, तब ट्रंप ने उनको अपना सपोर्ट दिया. रॉन आसानी से चुनाव जीत गए.

गवर्नर रहते हुए रॉन ने कोविड, समलैंगिकता, गन राइट्स, डेथ पेनल्टी जैसे मसलों पर जो नीतियां बनाईं, उसने उन्हें रिपब्लिकन पार्टी का प्रबल दावेदार बना दिया था. उनके नाम की चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी. 24 मई को उन्होंने पहली सीढ़ी पर कदम रख दिया. इस ऐलान ने अमेरिका की राजनीति और अगले राष्ट्रपति चुनाव को दिलचस्प बना दिया है.

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