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क्या Kia मोटर्स अपने प्लांट को आंध्र प्रदेश से शिफ्ट करने वाली है?

खबर आई कि कंपनी अपने 1.1 बिलियन डॉलर के प्लांट को शिफ्ट कर रही है.

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Kia मोटर्स के प्लांट शिफ्ट करने का पूरा मामला क्या है? (सांकेतिक फोटो)
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6 फ़रवरी 2020 (Updated: 6 फ़रवरी 2020, 15:17 IST)
Updated: 6 फ़रवरी 2020 15:17 IST
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Kia Moters. कोरियाई ऑटो कंपनी. खबरों में है. एक वजह तो ये है कि इसने ऑटो एक्सपो में अपनी कार्निवल कार पेश की है. हालांकि खबर ये नहीं है. कुछ मीडिया संस्थानों ने खबर छापी कि Kia मोटर्स आंध्र प्रदेश से अपने प्लांट शिफ्ट करने की तैयारी में है. इसके बाद खलबली मच गई. बयान पर बयान आने लगे. इसके बाद राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश से प्लांट शिफ्ट करने की बात को झूठ बताया.

क्या है पूरा मामला?

रॉयटर्स. न्यूज एजेंसी है. इसने एक खबर छापी कि साउथ कोरिया की कंपनी Kia मोटर्स अपने 1.1 बिलियन डॉलर (भारतीय करंसी में लगभग 7,832 करोड़) के प्लांट को आंध्र प्रदेश से शिफ्ट करने की तैयारी में है. इसके लिए तमिलनाडु सरकार से बातचीत चल रही है. ये तब हो रहा है जब इस प्लांट ने हाल ही में पूरी तरह के काम करना शुरू किया है. प्लांट को शिफ्ट करने के पीछे वजह राज्य सरकार की पॉलिसी में बदलाव को बताया गया. दो साल के कंस्ट्रक्शन के बाद Kia ने दिसंबर 2019 में ही इस प्लांट का उद्घाटन किया था. इस प्लांट की क्षमता हर साल तीन लाख यूनिट कार बनाने की है. और इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 12 हजार जॉब्स पैदा होता है. खबर आई कि Kia आंध्र प्रदेश के पड़ोसी राज्य तमिलनाडु से बातचीत कर रही है. तमिलनाडु के एक अधिकारी ने 5 फरवरी को को रॉयटर्स को बताया,
Kia आंध्र प्रदेश में समस्याओं का सामना कर रही है. वे हमारे साथ शुरुआती बातचीत कर रहे हैं. अगले हफ्ते सचिव स्तर की बैठक होगी. उसके बाद स्थिति साफ होगी.
हालांकि किया ने अपने बयान में कहा,
हम भारत में लंबे समय तक टिकने के लिए आए हैं. विस्तार करने से पहले हमारा लक्ष्य आंध्र प्रदेश प्लांट की क्षमता का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना है. हम अपने वर्तमान प्लांट को कहीं और शिफ्ट करने की तैयारी में नहीं हैं.

शिफ्ट करने की बात कहां से आई?

आंध्र प्रदेश के नए कानून की वजह से Kia को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार पिछली सरकार की ओर से दी जारी इंसेंटिव का रिव्यू करना चाहती है. पिछली सरकार ने Kia राज्य में प्लांट लगाने के लिए कुछ छूट दी थी. इसके अलावा प्लांट में स्थानीय नीति लागू करने के फैसले से भी Kia को दिक्कत है. Kia ने 2017 में नए संयंत्र का निर्माण शुरू किया था. दिसंबर 2019 में औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन किया. तब Kia ने कहा था कि 23 मिलियन वर्ग फुट के प्लांट में भारतीय और विदेशी बाजारों में अपने सेल्टोस एसयूवी जैसे वाहनों का निर्माण करेगी. रॉयटर्स ने ये भी लिखा कि राज्य सरकार ने जुलाई में Kia से कहा था कि वह अपने प्लांट में 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को दे. कंपनी का कहना है कि काबिल स्थानीय लोगों को खोजना मुश्किल है. सूत्रों ने कहा कि Kia को पिछली राज्य सरकार की ओर से वित्तीय छूट मिली थी. जैसे कि इलेक्ट्रिसिटी टैक्स पर छूट और भूमि अदायगी को स्थगित करना. इसके बाद नई सरकार बनी. नई सरकार ने कई कंपनियों के साथ किए गए समझौतों की समीक्षा करने का फैसला किया. इससे विदेशी निवेशकों की चिंता बढ़ गई. दूसरी वजह ये है कि प्लांट को तमिलनाडु ले जाने से लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को कम करने में मदद मिल सकती है. क्योंकि इसके कुछ पार्ट्स सप्लायर्स करीब हो जाएंगे. हालांकि खबरे सामने आने के बाद वाईएसआरसीपी के सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि Kia मोटर्स की ओर से आंध्र प्रदेश के बाहर अपने संयंत्र को ट्रांसफर करने के बारे में कुछ मीडिया संस्थानों की ओर फैलाई जा रही अफवाहें बिल्कुल गलत हैं. सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व में हमारी सरकार का Kia से अच्छे संबंध हैं और किया उनकी विकास योजनाओं का पूरा समर्थन कर रही है.
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