कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने कराया 'रेफरेंडम', खुलेआम लगे 'मार डालो' के नारे
Khalistani Referendum in Canada: यह रेफरेंडम ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और कनाडा के रिश्ते सुधर रहे हैं और दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की है. सिख फॉर जस्टिस के सदस्यों ने सवाल उठाया कि उसी दिन कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय पीएम मोदी के साथ मुलाकात क्यों की.

कनाडा की राजधानी ओटावा में रविवार, 23 नवंबर को एक तथाकथित 'खालिस्तानी रेफरेंडम' करवाया गया. यह एक तरह की वोटिंग थी, जिसमें कथित तौर पर लोगों से पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि पंजाब भारत से अलग हो जाए और 'खालिस्तान' नाम का अलग देश बने. यह गैर-आधिकारिक (Unofficial) रेफरेंडम भारत में प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) नाम के संगठन ने कराया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लगाए. यहां तक कि कथित तौर पर भारतीय नेताओं और अधिकारियों के लिए 'मार डालो' के नारे भी लगाए गए.
यह रेफरेंडम ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और कनाडा के रिश्ते सुधर रहे हैं और दोनों देशों ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक SFJ के सदस्यों ने सवाल उठाया कि उसी दिन कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय पीएम मोदी के साथ मुलाकात क्यों की. बता दें कि दोनों प्रधानमंत्री साउथ अफ्रीका में आयोजित G20 समिट के दौरान मिले थे.
53 हजार लोगों के आने का दावारिपोर्ट के मुताबिक SFJ ने दावा किया कि इस रेफरेंडम में 53 हजार से अधिक कनाडाई सिख शामिल हुए और अपना मत डालने के लिए दो किलोमीटर तक लाइन में लगे रहे. SFJ के मुताबिक यह लोग ओंटारियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक समेत कई जगहों से आए थे. SFJ ने दावा किया कि लोग परिवार के साथ पूरे दिन लाइन में खड़े रहे. कनाडा के “मीडिया बेजिरगन” ने रेफरेंडम वाले दिन का वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें कई खालिस्तानी समर्थक भारी बर्फबारी के बीच SFJ का झंडा लिए हुए भारत विरोधी नारे लगाते नजर आ रहे हैं. मौके पर सुरक्षाकर्मी और पुलिस बल भी खड़े नजर आ रहे हैं. सिख फॉर जस्टिस के मेंबर गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, ने भी इस इवेंट को सैटेलाइट मैसेज के जरिए संबोधित किया.
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बता दें कि सिख फॉर जस्टिस खालिस्तानी समर्थकों द्वारा बनाया गया एक संगठन है, जिसकी प्रमुख मांग पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान नाम का अलग देश बनाना है. देश विरोधी गतिविधियों के कारण इसे भारत सरकार ने UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत प्रतिबंधित किया हुआ है. संगठन का प्रमुख चेहरा गुरपतवंत सिंह पन्नू है, जो कि अमेरिका में रहता है और एक वकील है.
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