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  • Kanpur Bikaru case: 7 acquitted in gangster case, 23 sentenced to ten years each

विकास दुबे वाले बिकरु कांड में ये 7 लोग छूट गए, 23 को दस-दस साल की सजा

कानपुर देहात के बिकरू कांड में तीन साल बाद आया गैंगस्टर मामले पर फैसला

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दोषी संयत हुए लोगों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है | फाइल फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
5 सितंबर 2023 (Updated: 5 सितंबर 2023, 05:07 PM IST)
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बिकरू कांड (Bikru kand) याद होगा. कानपुर देहात के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को हुई इस घटना को शायद ही कोई भूल पाए. गैंगस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ. इसमें डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई. इस घटना को तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. अब इस मामले में गैंगस्टर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में 30 आरोपियों में से सात को दोषमुक्त कर दिया है. 23 आरोपियों को गैंगस्टर मामले में दोषी करार दिया है. इन्हें दस-दस साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही प्रत्येक पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

बचाव पक्ष के वकील पवनेश शुक्ला ने इंडिया टुडे को बताया कि गैंगस्टर कोर्ट ने जिन लोगों को दोष मुक्त किया है उनके नाम राजेंद्र मिश्रा, प्रशांत शुक्ला उर्फ डब्बू, अरविन्द उर्फ गुड्डन त्रिवेदी, बालगोविंद, संजू उर्फ संजय, सुशील और रमेशचंद्र हैं. पवनेश शुक्ला ने साफ किया कि ये सुनवाई केवल गैंगस्टर केस में हुई है, बिकरू कांड वाले मामले में इन सभी 30 लोगों पर अभी केस चल रहा है.

बिकरू कांड में क्या हुआ था?

गैंगस्टर विकास दुबे कानपुर देहात के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में रहता था. 2 जुलाई 2020 की रात को सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने सर्किल फोर्स के साथ उसे अरेस्ट करने के लिए दबिश दी. इस दबिश की सूचना विकास दुबे को पहले ही मिल गई. उसके शूटर जाल बिछाकर पुलिस का इंतजार करने लगे. पुलिस के गांव में एंट्री करते ही छतों पर मौजूद विकास दुबे और उसके शूटर्स ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. उन्होंने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी. इस दौरान पुलिस टीम के कुछ सदस्यों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा (Photo: File)
शहीद डीएसपी देवेंद्र मिश्रा | फाइल फोटो: आजतक
फिर पुलिस ने कार्रवाई की

इस हत्याकांड ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला दिया था. राज्य के DGP से लेकर कानपुर में तैनात रहे एसएसपी दिनेश कुमार और IG मोहित अग्रवाल एक्शन में आए. कुछ रोज बाद 10 जुलाई को विकास दुबे को कथित मुठभेड़ में मार गिराया गया. उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से पकड़ा गया था. पुलिस ने कहा था कि दुबे ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चलाई. ऐसे में आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें विकास दुबे मारा गया.

कुछ रोज बाद ही विकास दुबे गैंग के पांच सदस्यों को भी एनकाउंटर में मार गिराया गया. 45 आरोपियों को जेल भेजा गया. जिसमें अभी भी करीब 40 आरोपी जेल में बंद हैं. अबतक बिकरू कांड में विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों और सहयोगियों सहित 91 लोगों के खिलाफ 79 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.

वीडियो: कानपुर: बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे की दो जुलाई की रात फोन पर किससे और क्या बात हुई थी?

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