14 साल पहले 'गुप्त' दस्तावेज़ छापने से शुरू हुआ था केस, जुर्म क़ुबूलने के बाद आज़ाद हुए जूलियन असांज
जूलियन असांज (Julian assange) ने ये बात क़ुबूली कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे और उन्होंने वो छापे. लेकिन इसी के साथ ये भी कहा कि उन्हें लगा था कि अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन - जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है - उन्हें बचा लेगा.

विकीलीक्स के फ़ाउंडर जूलियन असांज (Julian Assange) बुधवार, 26 जून को रिहा हो गए. बीते रोज़, उन्हें ब्रिटिश की हाई-सेक्योरिटी जेल से छोड़ा गया था, इस शर्त पर कि वो अमेरिका की एक संघीय अदालत में अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार करें. इसी डील के तहत उन्हें वापस ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा.
प्रशांत क्षेत्र के साइपन द्वीप की एक अदालत में तीन घंटे सुनवाई चली. इस दौरान असांज ने ये बात क़ुबूली कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ मिले थे और उन्होंने वो छापे थे. लेकिन इसी के साथ ये भी कहा कि उन्हें लगा था कि अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन - जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है - उन्हें बचा लेगा. अदालत से उन्होंने कहा,
एक पत्रकार के तौर पर मैंने अपने सोर्स से ऐसी जानकारी मांगी, जिसे वर्गीकृत कहा जाता था. ताकि उस जानकारी को प्रकाशित किया जा सके. मेरा मानना था कि ये गतिविधि पहले संशोधन के दायरे में आती है. लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि ये... जासूसी क़ानून का उल्लंघन था.
मुख्य अमेरिकी ज़िला न्यायाधीश रमोना वी. मैंग्लोना ने उनकी दोषसिद्धि स्वीकार की और चूंकि उन्होंने पांच साल ब्रिटिश जेल में काट ही लिए थे, सो उन्हें तुरंत रिहा कर दिया गया. अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, ट्रायल के बाद असांज कुछ राजनयिकों के साथ एक प्राइवेट जेट से साइपन द्वीप से रवाना हुए. अब वो ऑस्ट्रेलिया जाएंगे.
दुनिया भर की मीडिया कोर्ट के बाहर जमा हुई थी. मगर सुनवाई को फ़िल्माने की अनुमति नहीं दी गई.
कौन हैं जूलियन असांज?- जन्म से ऑस्ट्रेलियाई. कर्म से ऐक्टिविस्ट. सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स लीक करने वाले नॉन-प्रॉफिट मीडिया संगठन विकीलीक्स (WikiLeaks) के फ़ाउंडर.
- कुछ के लिए नायक, कुछ के लिए खलनायक. कुछ लोगों की नज़र में क्रांतिकारी, कुछ की नज़र में सनकी और अपराधी. कुछ कहते हैं, उनको नोबेल मिलना चाहिए. कुछ कहते हैं, उनको गोली मार देनी चाहिए.
- 2010 में चर्चा में आए थे. जब विकीलीक्स ने अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ युद्ध के वक़्त के बहुत सारे अमेरिकी सैन्य दस्तावेज़ रिलीज़ कर दिए थे. इसमें कई ऐसे फ़ोटोज़ और वीडियोज़ थे, जिनसे अमेरिकी सेना की करतूत सामने आ गई थी.
- मगर अमेरिकी प्रशासन ने उनके इस क़दम को अमेरिकी नागरिकों के लिए जान का ख़तरा बताया. वो भागे-भागे लंदन में इक्वाडोर के दूतावास गए. वहां सात साल बिताए. फिर 2019 में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और फिर पांच साल से ज़्यादा समय ब्रिटेन की एक हाई-सेक्योरिटी जेल में.
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ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कई बार उनकी रिहाई की जिरह की. कई बार ये मसला अमेरिका के सामने रखा. अब 2010 से शुरू हुई ये गाथा अपने अंत तक पहुंची है.
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