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ड्रीम जॉब के लिए अप्लाई किया था, फिर 50 घर बदले और 5 देश भी, 48 साल बाद वापस आया लेटर!

एप्लीकेशन का कोई जवाब न मिलने के बाद टिजी ने बाकी नौकरियों की तलाश को नहीं छोड़ा. वो अफ्रीका गईं. वहां उन्होंने सांपों को पकड़ने और घोड़ों को पहचानने का काम किया. इतना ही नहीं वो एरोबैटिक पायलट और फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बनीं.

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Woman gets reply about job application 48 years after she applied
टिजी ने बताया कि उन्होंने एड जारी करने वालों से ये भी कहा थी कि उन्हें इसकी परवाह नहीं कि उनकी कितनी हड्डियां टूट सकती हैं. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
7 अक्तूबर 2024 (Published: 11:43 PM IST)
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हम सब की कोई न कोई एक ड्रीम जॉब होती है. जैसे हमारी भी थी. क्या, वो नहीं बताएंगे. पर एक महिला है, उसकी ड्रीम जॉब के बारे में जरूर बताएंगे. वो जॉब, जो उन्हें कभी न मिल पाई. क्यों न मिल पाई? क्योंकि उनकी जॉब की एप्लीकेशन एक पोस्ट ऑफिस के ड्रॉअर के पीछे अटक गई थी. माने उनकी एप्लीकेशन वहां न पहुंच पाई जहां पहुंचनी चाहिए थी. 48 साल बाद महिला को उनकी वही एप्लीकेशन वापस मिली है.

पूरी कहानी की मुख्य किरदार हैं, लैंकशर के गेडनी हिल की रहने वाली 70 वर्षीय टिजी होडसन. टिजी ने जनवरी 1976 में मोटरसाइकिल स्टंट राइडर की जॉब के लिए अप्लाई किया था. लेकिन उनकी ये एप्लीकेशन पोस्ट ऑफिस के ड्रॉअर में अटका रह गया. जिस वजह से टिजी को उनकी ड्रीम जॉब नहीं मिल पाई. अब 48 साल बाद उन्हें उनका ओरिजनल लेटर मिल गया है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार लेटर मिलते ही टिजी ने कहा,

“मैं हमेशा सोचा करती थी कि मुझे नौकरी के बारे में कभी कोई जवाब क्यों नहीं मिला. अब मुझे पता चला कि ऐसा क्यों हुआ.”

लेटर के टॉप पर हाथ से लिखा एक नोट भी आया, जिसमें लिखा था,

"स्टेन्स पोस्ट ऑफिस द्वारा देरी से डिलीवरी. एक ड्रॉअर के पीछे पाया गया, लगभग 50 साल के बाद."

हालांकि, टिजी को ये नहीं पता चला कि उन्हें ये लेटर किसने वापस किया और ये उनके घर तक कैसे पहुंचा. वो कहती हैं,

“जब मैं 50 से अधिक बार घर बदल चुकी हूं और चार या पांच बार देश भी बदल चुकी हूं, तो उन्होंने मुझे कैसे ढूंढ निकाला? ये एक रहस्य है.”

लंदन से लिखा था लेटर

टिजी कहती हैं कि इतने सालों बाद इसे वापस पाना उनके लिए बहुत मायने रखता है. एप्लीकेशन के बारे में वो कहती हैं,

“मुझे अच्छी तरह याद है कि मैं लंदन में अपने फ्लैट में बैठकर लेटर टाइप कर रही थी. हर दिन मैं अपनी पोस्ट ढूंढती थी, लेकिन वहां कुछ भी नहीं था. मैं बहुत निराश थी, क्योंकि मैं वास्तव में मोटरसाइकिल स्टंट राइडर बनना चाहती थी."

लेकिन, एप्लीकेशन का कोई जवाब न मिलने के बाद टिजी ने बाकी नौकरियों की तलाश को नहीं छोड़ा. वो प्रयास करती रहीं. वो अफ्रीका गईं. वहां उन्होंने सांपों को पकड़ने और घोड़ों को पहचानने का काम किया. इतना ही नहीं, वो एरोबैटिक पायलट और फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर बनीं.

एप्लीकेशन के बारे में टिजी ने बताया,

“मैं इस बात को लेकर बहुत सावधान थी कि स्टंट राइडर के लिए नोटिफिकेशन देने वाले लोगों को ये पता न चले कि मैं महिला हूं. मुझे लगता था कि मुझे इंटरव्यू का मौका भी नहीं मिलेगा.”

टिजी ने बताया कि उन्होंने एड जारी करने वालों से ये भी कहा थी कि उन्हें इसकी परवाह नहीं कि उनकी कितनी हड्डियां टूट सकती हैं. टिजी को इसकी आदत हो चुकी थी.

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