उमर खालिद से 9-10 घंटे पूछताछ हुई, फिर दिल्ली दंगों के कनेक्शन में गिरफ्तारी हो गई
UAPA के तहत गिरफ्तार किए गए उमर खालिद.

उमर खालिद. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व स्टूडेंट हैं. स्टूडेंट यूनियन के मेंबर भी थे. 13 सितंबर के दिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. फरवरी में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुए दंगे के कनेक्शन में ये गिरफ्तारी हुई है. खालिद के ऊपर अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) लगाया गया है.
'इंडिया टुडे' के अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, खालिद को समन भेजा गया था. 13 सितंबर को स्पेशल सेल ऑफिस में कुछ घंटे पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई. इसके पहले 1 अगस्त को भी दिल्ली पुलिस ने खालिद से पूछताछ की थी, उस दौरान उनका मोबाइल फोन भी सीज़ कर लिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस अब आने वाले दिनों में उनके खिलाफ चार्जशीट भी फाइल कर सकती है.
क्या आरोप लगे हैं?
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, 6 मार्च को खालिद के खिलाफ एक FIR दर्ज हुई थी. ये FIR एक खबरी के ज़रिए, नारकोटिक्स यूनिट ऑफ क्राइम ब्रांच के सब-इन्स्पेक्टर अरविंद कुमार को मिली जानकारी के आधार पर फाइल की गई थी. खालिद पर आरोप लगे थे कि उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़काने की 'सोची-समझी साजिश' रची थी. इसमें किसी दानिश और दूसरे संगठनों के दो व्यक्तियों ने उनका साथ दिया था. FIR में लिखा था,
"खालिद ने दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए थे. लोगों से अपील की थी कि वो सड़कों पर आएं और अमेरिका के प्रेसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप की विज़िट के दौरान सड़कें जाम करें. ताकि इंटरनेशनल लेवल पर ये मैसेज चला जाए कि भारत में किस तरह से अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है."
FIR में ये भी कहा गया था कि साजिश के तहत कर्दमपुरी, जाफराबाद, चांद बाग, गोकुलपुरी, शिव विहार और उसके आस-पास के इलाकों के घरों में, फायरआर्म्स, पेट्रोल बम, एसिड बॉटल्स और पत्थर इकट्ठे करके रखे गए थे. आगे आरोप लगे,
"सह अभियुक्त दानिश को ज़िम्मेदारी दी गई थी कि वो हिंसा में हिस्सा लेने के लिए लोगों को इकट्ठा करे. तनाव पैदा करने के लिए 23 फरवरी को औरतों और बच्चों से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम कराई गई. उसी दिन अल्पसंख्यक बच्चों के स्कूल भी खाली करा दिए गए थे, 'सोची-समझी साजिश' के तहत."
इसके पहले जुलाई में दिल्ली पुलिस ने सस्पेंडेड आप पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. जिसमें कहा था कि उमर खालिद और 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के मेंबर खालिद सैफी ने 8 जनवरी को ताहिर हुसैन से मुलाकात की थी. शाहीन बाग के एंटी-CAA प्रोटेस्ट के दौरान. जहां खालिद ने ताहिर से कहा था कि 'ट्रंप की विज़िट के दौरान कुछ बड़ा होने जा रहा है, इसके लिए वो तैयार रहें'. साथ ही ये भी आरोप लगे थे कि उन्होंने ताहिर से कहा था कि उन्हें आर्थिक तौर पर भी मदद दी जाएगी. आरोप हैं कि ये मुलाकात 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के मेंबर खालिद सैफी ने अरेंज करवाई थी.

रांची में CAA के विरोध में हुए प्रदर्शन में उमर खालिद. तस्वीर जनवरी 2020 की है. क्रेडिट- PTI.
खालिद का पक्ष क्या कह रहा है?
'इंडिया टुडे' के मुताबिक, गिरफ्तारी के बाद 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' ने एक स्टेटमेंट जारी किया. कहा,
"11 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद को दिल्ली दंगे मामले में 'साजिशकर्ता' होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस ने एक और विक्टिम को खोज लिया. इन सभी धमकाने वाले उपायों के बाद भी कठोर CAA और UAPA के खिलाफ लड़ाई चलती रहेगी. अभी इस वक्त, हमारी प्राथमिकता ये है कि उन्हें (खालिद) को अधिकतम सुरक्षा दी जाए और दिल्ली पुलिस को हर तरह से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए."
उमर खालिद के पिता ने भी ट्विटर पर लिखा,
"मेरे बेटे खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया है, रात 11 बजे. UAPA के तहत. पुलिस दोपहर 1 बजे से उनसे पूछताछ कर रही थी. उसे दिल्ली दंगों में फंसाया गया है."
My son Umar Khalid has been arrested tonight at 11:00 pm by Special Cell, Delhi Police under UAPA. Police was questioning him since 1:00 pm. He has been implicated in Delhi Riots. #StandWithUmarKhalid
— Ilyas SQR (@sqrIlyas1) September 13, 2020
इस गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट किया. कहा,
"येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को गिरफ्तार किया, अब दिल्ली दंगों की जांच में उनके दुर्भावनापूर्ण बर्ताव को लेकर कोई संदेह नहीं बचता. ये पुलिस द्वारा जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है."
Umar Khalid's arrest by Delhi police after naming Yechury, Yogendra Yadav, Jayati Ghosh& Apoorvanand, leaves no doubt at all about the malafide nature of it's investigation into Delhi riots. It's a conspiracy by the police to frame peaceful activists in the guise of Investigation
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 14, 2020
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खालिद ने कहा था कि दो तरह के कानूनों का पालन किया जा रहा है- एक सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों के लिए है और दूसरा आम लोगों के लिए हैं, जिनके खिलाफ 'सबूत बनाए जा रहे हैं'.
वीडियो देखें: पुलिस की तरफ से ज़ारी कबूलनामे में ताहिर हुसैन ने दिल्ली दंगे में शामिल होने पर क्या कहा है?