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JNU में धरना देने पर अब 20 हजार का जुर्माना, दूसरी सजा तो और भयंकर है!

इस साल मार्च महीने में भी जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में यह नियम लागू किया गया था. लेकिन छात्र संगठनों प्रदर्शन के बाद इसे वापस भी ले लिया गया.

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JNU में धरना करने को लेकर आया नया नियम. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
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रवि सुमन
12 दिसंबर 2023 (Updated: 12 दिसंबर 2023, 10:21 AM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU Protest) में प्रदर्शन या भूख हड़ताल को लेकर नए नियम बनाए गए हैं. इंडिया टुडे से जुड़े अमरदीप कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, JNU में किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में धरना, भूख हड़ताल या झुंड बनाकर कोई मांग करने पर 20 हजार रूपये का जुर्माना देना होगा. इसके अलावा आदेश में ये भी लिखा है कि इस 100 मीटर के दायरे में किसी अन्य रूप में भी प्रोटेस्ट करने पर जुर्माना देना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, किसी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के एंट्री या एग्जिट गेट को ब्लॉक करने पर भी बीस हजार रुपये का जुर्माना है. जुर्माना के अलावा अगले दो सेमेस्टर के लिए हॉस्टल या पूरे JNU कैंपस से भी निकाला जा सकता है. 

इसके अलावा परिसर में किसी भी ‘राष्ट्र-विरोधी’ गतिविधि में शामिल होने पर दस हजार का जुर्माना है. आदेश के अनुसार, शांति भंग करने वाली किसी भी एक्टिविटी में शामिल होने पर यह जुर्माना देना होगा.

ये भी पढ़ें: JNU की VC ने तीस्ता और CJI का नाम ले क्यों कहा- "हमारे लिए रात में नहीं खुलेगा कोर्ट"?

इस नए आदेश पर ABVP के मीडिया इंचार्ज अंबुज तिवारी ने कहा है कि इस तरह का फरमान पहले भी आ चुका है. जिसके बाद हमने काफी प्रदर्शन किया था. बाद में उसे वापस ले लिया गया. लेकिन अब फिर से सुनने में आया है कि ऐसा कोई आदेश आया है. उन्होंने आगे कहा कि यह बिल्कुल गलत है क्योंकि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है कि हम अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करें. 

तिवारी ने ‘राष्ट्र-विरोधी’ गतिविधियों पर लगाए गए जुर्माने को सही ठहराते हुए कहा कि संगठन इस जुर्माने का समर्थन करता है, लेकिन विश्वविद्यालय के अंदर अगर कोई भी संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है तो उसे प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए. अपने अधिकारियों के लिए प्रदर्शन करना हमारा हक है.

JNU के विद्यार्थियों के हवाले से अंग्रेजी अखबार The Hindu ने लिखा कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है. विद्यार्थियों ने इस आदेश को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि छात्र नेताओं के खिलाफ प्रॉक्टर ऑफिस का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

इसी साल मार्च महीने में भी जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में यह नियम लागू किया गया था. जिसमें परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द करने या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता था. इस मामले को लेकर छात्र संगठनों ने काफी प्रदर्शन किया था. बाद में इसको वापस भी ले लिया गया लेकिन आज फिर से JNU में एक नया आदेश जारी किया गया है.

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