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झारखंड: विधायकी जाने के खतरे के बीच हेमंत सोरेन बस से MLAs को कहां लेकर चले गए?

हेमंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी को जितना कुचक्र रचना है रच ले, कोई फर्क नहीं पड़ता.

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Jharkhand Hemant Soren
बस में विधायकों के साथ सीएम हेमंत सोरेन (फोटो- इंडिया टुडे)
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साकेत आनंद
27 अगस्त 2022 (Updated: 27 अगस्त 2022, 06:41 PM IST)
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झारखंड के CM हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधायकी रद्द होने के खतरे के बीच सत्ताधारी दल के विधायकों को रांची से बाहर ले जाया गया है. पहले चर्चा थी कि विधायकों को छत्तीसगढ़ के एक होटल में शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक सभी विधायक फिलहाल तीन बसों से झारखंड के खूंटी के लतरातू डैम के नजदीक पहुंचे हैं. विधायकों के साथ सीएम हेमंत सोरेन भी नजर आए. इससे पहले हेमंत सोरेन के आवास पर विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक के लिए जब विधायक सीएम आवास आए तो वे अपने सामान लेकर ही पहुंचे थे.

पिछले कुछ घंटों में हेमंत सोरेन विधायकों के साथ तीन बैठक कर चुके हैं. अभी तक यह साफ नहीं है कि विधायकों को बसों से शिफ्ट क्यों किया गया है. हालांकि अटकलें लगी कि यह विधायकों की कथित खरीद-बिक्री को रोकने का प्रयास है. विधायकों से भरी बस की जो तस्वीर आई हैं उनमें सीएम हेमंत सोरेन सेल्फी ले रहे हैं और विधायक मुस्कुराते दिख रहे हैं. कुछ ऐसी तस्वीरें आईं जिनमें हेमंत सोरेन विधायकों के साथ लतरातू डैम में बोटिंग करते नजर आए. लतरातू डैम जाने वाले रास्तों को प्रशासन ने ब्लॉक कर दिया है.

झारखंड में हलचल क्यों बढ़ी?

दरअसल, 25 अगस्त को खबरें आईं कि चुनाव आयोग ने माइनिंग लीज मामले में राज्यपाल से सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. सोरेन पर आरोप है कि खनन मंत्री रहने के दौरान सोरेन ने रांची के अनगड़ा में एक खान का आवंटन अपने नाम पर कराया था. बीजेपी ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी. इसी पर चुनाव आयोग लोक जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा-9(ए) के तहत सुनवाई कर रहा था. 18 अगस्त को चुनाव आयोग ने सुनवाई पूरी कर ली. और अपनी सिफारिशें सील कवर में राज्यपाल रमेश बैस को भेज दी.

हेमंत सोरेन ने इससे पहले कहा था कि उन्हें चुनाव आयोग या राज्यपाल की तरफ से विधानसभा की सदस्यता रद्द होने को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है. पूरे मामले में राज्यपाल के फैसले का इंतजार है. सदस्यता रद्द होने पर हेमंत सोरेन को विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. लेकिन 6 महीनों के भीतर दोबारा चुनकर आ सकते हैं. सदस्यता रद्द होने के बाद भी वे सीएम बने रह सकते हैं अगर गठबंधन के विधायक उन्हें अपना नेता चुनते हैं. सोरेन संथाल परगना की बरहेट सीट से विधायक हैं.

विधायकों के साथ बोटिंग के दौरान हेमंत सोरेन (फोटो- जेएमएम कोडरमा)

इन अटकलों के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने पिछले दो दिनों में कई ट्वीट किए हैं जिनमें उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सोरेन ने कहा कि बीजेपी को जितना कुचक्र रचना है रच ले, कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि वे डरने वाले नहीं, लड़ने वाले लोग हैं.

RJD और कांग्रेस ने क्या कहा?

झारखंड सरकार में सहयोगी आरजेडी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार को अस्थिर करने की नाकाम कोशिश कर रही है. झारखंड आरजेडी ने ट्वीट किया, 

"CBI, ED जैसी सरकारी संस्थाओं के सहारे BJP झारखंड-बिहार जैसे हर राज्य जहां गैर-भाजपाई सरकार है उसे अस्थिर करने की नाकाम कोशिश कर रही है. यहां की जनता को सब सूझ रहा, वो आपको आगामी चुनाव में अच्छे से बुझा देगी कि उनके द्वारा चुनी सरकार का अपमान करने का हश्र क्या होता है!"

वहीं झारखंड के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने विधायकों के खूंटी निकलने से पहले आजतक को बताया कि विधायकों का कोई खतरा नहीं है लेकिन अपने तरीके से वे तैयार हैं. उन्होंने कहा था, 

"हम समान लेकर आए हैं ताकि तैयार रहें. कहीं भी जाना पड़ सकता है. लेकिन अभी कोई फैसला हुआ नहीं है. फैसला होगा कि क्या करना है. इसीलिए यहां पर सब इकट्ठा हुए हैं. मैं राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि भ्रम की स्थिति को जल्दी दूर किया जाए. जो भी फैसला है उसको सुनाया जाए."

राजेश ठाकुर ने कहा कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो महागठबंधन के विधायक जो फैसला करेंगे वो सबको मंजूर होगा. सीएम बदले जाने को लेकर राजेश ठाकुर ने कहा कि महागठबंधन विधायक दल की बैठक में इसका फैसला किया जाएगा. झारखंड में महागठबंधन सरकार में जेएमएम के पास 30, कांग्रेस के 18, आरजेडी के एक विधायक हैं. मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के पास 26 विधायक हैं.

वीडियो: क्या बिहार के बाद झारखंड में भी होगा सत्ता परिवर्तन?

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