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जया बच्चन का पूरा नाम आखिर है क्या? इन सरकारी कागजों से पता चल गया

Jaya Bachchan Name Controversy: जया बच्चन अपने नाम में 'अमिताभ' जोड़ने पर आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं. राज्यसभा के सभापति Jagdeep Dhankhar से उनकी फिर से बहस हो गई. इस बार जया ने उनके टोन पर भी आपत्ति जताई है. सरकारी कागजों में जया का नाम क्या है?

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Jaya Bachchan
जया बच्चन और जगदीप धनखड़ के बीच फिर से बहस हो गई है. (तस्वीर साभार: PTI)
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रवि सुमन
9 अगस्त 2024 (Updated: 9 अगस्त 2024, 04:53 PM IST) कॉमेंट्स
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राज्यसभा में जया बच्चन (Jaya Bachchan) और सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के बीच एक बार फिर से बहस हो गई. इस बार मामला जया बच्चन के नाम से और धनखड़ के टोन से जुड़ा था. दरअसल, जया खुद को ‘जया अमिताभ बच्चन’ बुलाए जाने पर नाराज थीं. हालांकि, ये पहला मौका नहीं है जब उन्होंने अपनी नाराजगी जताई है. 29 जुलाई को और 5 अगस्त को भी उन्होंने सदन में अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

ये मामला चर्चा में तब आया जब उन्होंने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण को अपने नाम के लिए टोका. उन्होंने कहा कि उन्हें ‘जया अमिताभ बच्चन’ ना कहा जाए. समाजवादी पार्टी की सांसद ने हरिवंश को याद दिलाया कि उन्हें ‘जया बच्चन’ कहना ही काफी होगा. इसके बाद उपसभापति ने कहा कि आधिकारिक तौर पर उनका मिडिल नेम अमिताभ है. और वो इसी का पालन करेंगे. इसके बाद जया ने कहा,

"ये कोई नया तरीका है क्या कि महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाए. उनका कोई अस्तित्व नहीं है क्या? उनकी अपने में कोई उपलब्धि नहीं है?"

इसके बाद 5 अगस्त को जगदीप धनखड़ ने सदन में उन्हें उसी नाम से बुलाया. जिससे वो एक बार फिर से नाराज हो गईं. इसके बाद 9 अगस्त को भी ऐसा ही हुआ, तो इस बार जया बच्चन गुस्से में नजर आईं. और उन्होंने अपना कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया. इस बार उन्होंने धनखड़ के टोन पर आपत्ति जताई.

ये भी पढ़ें: राज्यसभा में एक बार फिर से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और जया बच्चन में तकरार, विपक्ष का वॉकआउट

सरकारी कागजों में क्या नाम है?

इंटरनेट पर जया बच्चन से जुड़े तीन दस्तावेज मिलते हैं. पहला- 2006 में उनके राज्यसभा से अयोग्य घोषित करने का ऑर्डर. दूसरा- 2012 के राज्यसभा चुनाव के लिए उनका चुनावी हलफनामा. इसी तरह 2018 के राज्यसभा चुनाव का हलफनामा भी मौजूद है. साल 2012 और 2018 के उनके चुनावी हलफनामे में उनका नाम ‘जया अमिताभ बच्चन’ लिखा हुआ है.

Jaya Bachchan Affaidaviat
जया बच्चन का 2012 और 2018 का चुनावी हलफनामा.

साल 2006 में राज्यसभा सांसद बनने के बाद जया बच्चन पर आरोप लगा था कि वो ‘लाभ के पद’ पर भी बनी हुई थीं. वो उत्तर प्रदेश फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष थीं. जो नियमों के अनुकूल नहीं था. इस आधार पर चुनाव आयोग ने तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से एक सिफारिश की. और मांग की- जया बच्चन को राज्यसभा से निष्कासित कर दिया जाए. 16 मार्च 2006 को चुनाव आयोग की सिफारिश मान ली गई और उनकी सांसदी चली गई.

Jaya Bachchan Disqualified from Rajya Sabha
2006 का नोटिफिकेशन.

मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस की ओर से एक गजेट नोटिफिकेशन जारी किया गया. इस नोटिफिकेशन में जया बच्चन का नाम ‘जया बच्चन’ ही लिखा हुआ है. इन कागजों से इतना तो तय है कि जया का नाम दोनों तरीकों से लिखा गया है. लेकिन वो अपने नाम में ‘अमिताभ’ जोड़कर बुलाए जाने से सहज नहीं हैं. ऐसा हाल की घटनाओं से स्पष्ट हो गया है.

वीडियो: संसद में आज: जया बच्चन ने मजाक-मजाक में सभापति से क्यों पूछ लिया कि आज आपको लंच ब्रेक नहीं मिला क्या?

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