The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Jaishankar hold secret meet with Canadian counterpart Melanie Joly in america? What India said

क्या जयशंकर ने कनाडा के साथ अमेरिका में गुपचुप मीटिंग की थी? सच पता चल गया!

कनाडा और भारत के विदेश मंत्रियों की अमेरिका में हुई 'सीक्रेट' मीटिंग पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने क्या कहा है?

Advertisement
Justin Trudeau S Jaishankar meeting photos america
कितना सच निकला ब्रिटेन के अखबार का दावा | प्रतीकात्मक फोटो: इंडिया टुडे
pic
अभय शर्मा
13 अक्तूबर 2023 (Updated: 13 अक्तूबर 2023, 07:34 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत और कनाडा. दो पुराने दोस्तों के बीच कुछ रोज से तनातनी चल रही है. तब से, जब से एक ने दूसरे पर संगीन आरोप लगा दिए. तकरार इतनी बढ़ी कि वीजा सेवाएं भी फिलहाल के लिए बंद कर दी गईं. भारत ने कनाडा के मुंह पर कह दिया कि जो तादाद से ज्यादा कनाडाई राजनयिक दिल्ली में बैठे हैं, इन्हें वापस बुलाइए. अक्टूबर महीने की 10 तारीख इनकी वापसी की समय-सीमा थी. बताते हैं कि तारीख निकल गई, लेकिन वो राजनयिक यहां से कनाडा नहीं गए, जिनके लिए कहा गया था. इसी बीच एक खबर आई. एक तीसरे देश के एक बड़े अखबार ने छापी. लिखा ये लोग शायद इसलिए वापस नहीं गए, क्योंकि चुप्पा-चुप्पा एक मीटिंग हुई है अमरीका में. इसमें थे कनाडा और भारत के विदेश मंत्री. यानी मेलानी जोली और एस जयशंकर. लेकिन अखबार के इस दावे पर भारत और कनाडा किसी ने भी मोहर नहीं लगाई. फिर गरुवार (12 अक्टूबर) को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय की एक प्रेस कांफ्रेंस हुई. इसमें पता चला कि आखिर हुआ क्या था?

'सीक्रेट' मीटिंग को लेकर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

जब विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में ‘सीक्रेट’ मीटिंग वाला सवाल पत्रकारों ने दागा तो मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी विभिन्न स्तरों पर कनाडाई अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ कोई बैठक की है.

बागची आगे बोले,

‘किसी विशेष बातचीत या मीटिंग के संबंध में मेरे पास साझा करने के लिए कोई विशेष जानकारी नहीं है.’

अरिंदम बागची | फोटो: इंडिया टुडे
फाइनेंशियल टाइम्स ने क्या-क्या बताया?

ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने ये खबर दी थी कि जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के बीच अमेरिका में मुलाकात हुई है. अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों मुल्कों की टेंशन के बाद कनाडा सरकार भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रही है.

अखबार ने आगे लिखा था,

'भारत-कनाडा के बीच हुई इस मीटिंग की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने कहा है कि कुछ दिन पहले, जोली ने वाशिंगटन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक गुप्त बैठक की थी. जब हमने कनाडा के विदेश मंत्रालय से इसपर टिप्पणी मांगी तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.'

रिपोर्ट में ये भी था कि भारत ने राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का हवाला दिया. कहा कि डिप्लोमैट्स की संख्या दोनों देशों में बराबर होनी चाहिए. क्योंकि ये वियना कन्वेंशन के तहत जरूरी है. लेकिन, कनाडा ने इस तर्क को खारिज कर दिया और जवाब दिया कि भारत वियना कन्वेंशन का गलत मतलब निकाल रहा है.

राजनयिकों की वापसी का आदेश कब दिया गया था?

कनाडा के PM जस्टिन टूड्रो ने 18 सितंबर को भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने भारत के एक डिप्लोमैट को भी निकाल दिया था. कनाडा के इस एक्शन का जवाब देते हुए भारत ने भी उनके एक डिप्लोमैट को देश छोड़ने के लिए कहा था. इसके बाद भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं भी बंद कर दी थीं.

ये भी पढ़ें:- कनाडा में हमास के समर्थन में हुए प्रदर्शन, ट्रूडो कुछ ऐसा कह देंगे, किसने सोचा होगा!

इसके कुछ रोज बाद ही दिन पहले ही फाइनेंशियल टाइम्स ने ही अपनी में दावा किया था कि भारत ने कनाडा से उनके 41 डिप्लोमैट्स को वापस बुलाने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, इन डिप्लोमैट्स को भारत छोड़ने के लिए 10 अक्टूबर की डेडलाइन दी गई है. खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या पर जारी तनाव के बीच ये फैसला लिया गया.

दिल्ली में G20 की मीटिंग के दौरान जस्टिन ट्रूडो और PM नरेंद्र मोदी | फोटो: इंडिया टुडे

रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि डेडलाइन के बाद इन 41 में से जो डिप्लोमैट भारत में रह जाएंगे, उनको मिलने वाली छूट और दूसरे फायदे (डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी) बंद कर दिए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कनाडा के भारत में करीब 62 डिप्लोमैट्स काम करते हैं. 10 अक्टूबर के बाद देश में केवल 21 कनाडाई डिप्लोमैट्स ही बचेंगे.

राजनयिकों की वापसी कनाडा का रुख

इसके बाद 3 अक्टूबर को कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वो भारत के साथ तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते हैं. उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को फिलहाल बेहद चुनौतीपूर्ण बताया था. ओटावा में मीडिया से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा था, 'कनाडा के लिए ये जरूरी है कि हमारे डिप्लोमैट्स भारत में मौजूद रहें. हम लगातार ऐसे कदम उठाते रहेंगे, जिससे मुश्किल समय में भी भारत के साथ बेहतर रिश्ते बना सकें.

ये भी पढ़ें:-हरदीप सिंह 'निज्जर की हत्या में चीन का हाथ' बताने वाली जेनिफर ज़ेंग कौन हैं?

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: भारत और कनाडा की सीक्रेट मीटिंग, दुनिया के सामने रोए ट्रूडो

Advertisement