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विदेशों में युद्ध के दौरान भारत अपने लोगों को कैसे बचाता है? गिनीज बुक में कैसे दर्ज हुआ नाम?

इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत ने वॉर जोन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन अजय' लॉन्च कर दिया है. इससे पहले भी भारत कई ऐसे मौकों पर भारतीय नागरिकों के लिए अलग-अलग ऑपरेशंस चला चुका है. आज इन्हीं ऑपरेशंस के बारे में जानते हैं.

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Operation Ajay launched to evacuate Indian citizens from war zone in Israel and Palestine.
ऑपरेशन अजय में विशेष चार्टर्ड विमानों और नौसेना जहाजों के जरिए भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जाएगा. (फोटो क्रेडिट - X)
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प्रज्ञा
12 अक्तूबर 2023 (Updated: 12 अक्तूबर 2023, 05:24 PM IST) कॉमेंट्स
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इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच भारत ने वॉर जोन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन अजय' की घोषणा की है. इसकी शुरुआत 12 अक्टूबर से होगी. भारत सरकार विशेष चार्टर्ड हवाई जहाजों के जरिए अपने नागरिकों को वापस लेकर आएगी. जरूरत पड़ने पर भारतीय नौसेना के जहाजों को भी सेवा में लगाया जाएगा.

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा,

"इजरायल से लौटना चाह रहे हमारे नागरिकों के लिए 'ऑपरेशन अजय' की शुरुआत की जा रही है. इसके लिए विशेष चार्टर जहाज और बाकी ज़रूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं. विदेशों में भारत के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं."

तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने भारत के पहले विशेष जहाज से लौटने वाले नागरिकों को मेल कर दिया है. ऐसे में जानते हैं इससे पहले भारत ने विदेशों में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए कौन-कौन से ऑपरेशन चलाए हैं.

ये भी पढ़ें- नौसेना का वो ऑपरेशन जिसने 1971 युद्ध में खेल पलट दिया

ऑपरेशन कावेरी

अप्रैल 2023 में सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन कावेरी लॉन्च किया गया था. सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच सत्ता का संघर्ष होने के चलते भीषण लड़ाई हुई. इस बीच 3000 से ज़्यादा भारतीय नागरिक यहां फंस गए थे.

ऑपरेशन कावेरी के तहत करीब 3000 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस भारत लाया गया था. (फोटो क्रेडिट -X)

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया था कि भारतीय एयरफोर्स के सी-130 विमान ने 3,862 लोगों को एयरलिफ्ट किया. इस ऑपरेशन के लिए भारतीय एयरफोर्स ने 17 विमानों और नौसेना के कई जहाजों को तैनात किया गया था.

ऑपरेशन गंगा

मार्च 2022 में रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के नागरिकों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' चलाया गया था. बचाए गए लोगों में ज्यादातर स्टूडेंट्स शामिल थे. भारत सरकार ने पोलैंड में अपने दूतावास से बसें भेज कर भारतीय नागरिकों को युद्ध के इलाकों से निकाला था. साथ ही अपने नागरिकों के लिए पश्चिमी यूक्रेन के उजहोरोड से बुडापेस्ट तक विशेष ट्रेनें भी चलवाई थीं. फिर यहां से हवाई जहाजों के जरिए इन लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया.

इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तानी और तुर्किए के लोगों को भी बचाया था. ऑपरेशन गंगा के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, किरण रिजिजू, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जनरल वीके सिंह भी पोलैंड और रोमानिया गए थे. ताकि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

रूस और यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया गया था. (फोटो क्रेडिट -X)
ऑपरेशन देवी शक्ति

तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. तब अपने नागरिकों को यहां से सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार ने 'ऑपरेशन देवी शक्ति' शुरू किया था. इसमें सैकड़ों भारतीय नागरिकों को एयरलिफ्ट कर काबुल से दिल्ली लाया गया था.

ये काबुल और आसपास के इलाकों में हालात खराब होने की शुरुआत थी. इसके बाद पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया.

अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के समय भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन देवी शक्ति चलाया गया था. (फोटो क्रेडिट -X)
ऑपरेशन राहत

साल 2015 में यमन में हुए युद्ध के बीच भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन राहत' चलाया था. इस ऑपरेशन में भारत ने करीब 5600 भारतीय नागरिकों और 26 देशों के 1000 से भी ज्यादा विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकाला था. इसके लिए भारतीय नौसेना और वायुसेना के कई जहाजों और विमानों को तैनात किया गया था.

2015 में हुए यमन युद्ध से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन राहत चलाया गया था.  (फोटो क्रेडिट -X)

ये भी पढ़ें- 'ऑपरेशन गंगा' से वापस आए थे यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चे

ऑपरेशन मैत्री

साल 2015 में नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए ऑपरेशन मैत्री चलाया गया था. इसमें करीब 5000 भारतीय लोगों को एयरफोर्स और सिविलियन हवाई जहाजों के जरिए बचाया गया था. साथ ही अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी के करीब 170 विदेशी नागरिकों को भी इस ऑपरेशन में सुरक्षित बचाया गया था.

नेपाल में आए भूकंप में लोगों की मदद के लिए भारत अपने ऑपरेशन मैत्री के ज़रिए सबसे पहले आगे आया था. (फोटो क्रेडिट -X)

भारत सरकार ने भूकंप आने के बाद कुछ ही समय में फुल-स्केल ऑपरेशन लॉन्च कर दिया था. ऐसा करने वाला भारत पहला देश था. इसमें भारतीय एयरफोर्स के इल्युशिन आईएल-76, सी-130जे हरक्यूलिस, सी-17 ग्लोबमास्टर, एमआई-17 हेलिकॉप्टर और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया गया था.

कुवैत एयरलिफ्ट, 1990

साल 1990 में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला कर दिया था. भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री आई. के. गुजराल, सद्दाम से मिलने पहुंचे. इसके बाद 13 अगस्त से लेकर 20 अक्टूबर तक कुवैत से करीब 1 लाख 75 हजार भारतीयों को भारतीयों को निकालने का सिलसिला शुरू हुआ. इसके लिए कुवैत के पड़ोसी देश जॉर्डन में एक होटल को ऑपरेशन का बेस बनाया गया था. एयर इंडिया के विमानों ने लगातार 2 महीने से ज्यादा समय तक 500 से ज्यादा उड़ानें भरीं.

कुवैत में फंसे 1,75,000 भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए उन्हें यहां से एयरलिफ्ट किया गया था. (फोटो क्रेडिट -X)

कुवैत में हुए इस ऑपरेशन के लिए एयर इंडिया का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी दर्ज हुआ, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत ने बहुत ज्यादा नागरिकों को एयर लिफ्ट किया था, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था. हालांकि हजारों भारतीय ऐसे भी थे जो अपनी संपत्ति छोड़कर भारत नहीं आना चाहते थे. उन्होंने वहीं रहने का फैसला किया. अक्षय कुमार की मशहूर फिल्म 'एयरलिफ्ट' भी इसी ऑपरेशन पर आधारित है. 

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वीडियो: 'ऑपरेशन गंगा' में पायलट बनीं महाश्वेता चक्रवर्ती का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

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