The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Iran Strikes Israel with Fatta...

क्या है ईरान की फ़त्ताह हाइपरसॉनिक मिसाइल का रहस्य? जिसकी रफ्तार ने इजरायल को चकमा दे दिया

ईरानी सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल स्ट्राइक में Tel Aviv, Haifa और Bnei Brak जैसे बड़े शहरों को निशाना बनाया गया. IRGC ने दावा किया कि उनकी मिसाइलें "इज़रायल के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सफल रहीं" और आकाश में उनकी तकनीकी पकड़ बनी रही. लेकिन डिफेंस एक्सपर्ट उसके दावे पर शक कर रहे हैं.

Advertisement
Fattah hypersonic missile
ईरान की हाइपरसोनिक मिसाइल का रहस्य
pic
दिग्विजय सिंह
18 जून 2025 (Updated: 18 जून 2025, 09:00 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

मिडिल-ईस्ट (Middle East) में युद्ध की लपटें अब और तीखी हो गई हैं. 17 और 18 जून की दरमियानी रात को ईरान ने आधिकारिक रूप से घोषणा की कि उसने पहली बार ‘फ़त्ताह‑1’ हाइपरसॉनिक मिसाइल का युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल किया है. जिनका निशाना था इजरायल. यह मिसाइल हमला ईरान के ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसमें ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कई बड़े इजरायली शहरों को टारगेट किया. ये बात और है कि दुनियाभर के डिफेंस एक्सपर्ट अभी तक यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि ईरान के पास वाकई में हाइपरसॉनिक मिसाइल तकनीक मौजूद है.

किन शहरों पर हुआ हमला?

ईरानी सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल स्ट्राइक में तेल अवीव, हैफ़ा और ब्नेई ब्राक जैसे बड़े शहरों को निशाना बनाया गया. IRGC ने दावा किया कि उनकी मिसाइलें "इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सफल रहीं" और आकाश में उनकी तकनीकी पकड़ बनी रही. जिस दिन से ईरान ने ये एलान किया था कि उसके पास खुद की बनाई हाइपरसॉनिक मिसाइल है, उसी दिन से उसके दावे पर शक किया जा रहा है. ऐसे में ईरान ने इजरायल पर हमला करके अपनी बात का सबूत देने की कोशिश की है. इससे पहले की बात आगे बढ़ाए, एक नजर ईरान के इस हाइपरसॉनिक मिसाइल फ़त्ताह के बारे में जान लेते हैं.

fatah
ईरान की फत्ताह मिसाइल (फोटो- AP)
फ़त्ताह-1: क्या है यह मिसाइल?
विशेषताविवरण
नामफ़त्ताह-1 (Fattah-1)
प्रकारहाइपरसॉनिक बैलिस्टिक मिसाइल
गतिMach 13 से 15 (ध्वनि से 13-15 गुना तेज)
रेंज1,400 किलोमीटर तक
वारहेडमैन्युवरेबल ग्लाइड वारहेड (दिशा बदल सकने वाला)
निर्माताईरान की IRGC Aerospace Force








 Fattah-1 को पहली बार 2023 में सार्वजनिक किया गया था. इसका डिजाइन ऐसे किया गया है कि यह हवाई सुरक्षा प्रणालियों को चकमा देकर टारगेट तक सटीक रूप से पहुंच सके. 

डिफेंस सिस्टम फेल?

इजरायल की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि उनके Iron Dome या David’s Sling जैसे डिफेंस सिस्टम ने इन मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया या नहीं. लेकिन ईरानी रिपोर्ट्स का दावा है कि "हाइपरसॉनिक गति और दिशा बदलने की क्षमता" के कारण ये मिसाइलें इंटरसेप्ट नहीं की जा सकीं.

fattah1
एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने वाली मिसाइल (फोटो- AP)
ईरान का संदेश क्या है? 

यहां ये बात दिलचस्प है कि ईरान ने जब फत्ताह का फर्स्ट लुक सार्वजनिक किया था, उस वक्त उस मिसाइल पर हिब्रू (इजरायल में बोली जाने वाली भाषा) में तेहरान से तेल अवीव की दूरी लिखी हुई थी. जो इस बात का एलान था कि मिसाइल का निशाना इजरायल ही होगा. अब अपने हमले के तुरंत बाद IRGC के प्रवक्ता ने बयान दिया, 

ये हमला एक चेतावनी है उन लोगों के लिए जो ईरान की संप्रभुता को चुनौती देते हैं. हम अपने वैज्ञानिकों पर गर्व करते हैं जिन्होंने Fattah मिसाइल को दुश्मन की आंखों से भी तेज बनाया है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका ने इस हमले को “खतरनाक उकसावा” बताया और इजरायल के साथ एकजुटता जाहिर की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है. रूस और चीन ने संयम की अपील की है, लेकिन ईरान की सैन्य क्षमता पर खुलकर टिप्पणी नहीं की.

विशेषज्ञों की राय

हाइपरसॉनिक युद्ध अब कल्पना नहीं रहा. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान का यह कदम दर्शाता है कि वह तकनीकी रूप से अब केवल रीजनल नहीं, स्ट्रेटेजिक थ्रेट बन चुका है. इस मिसाइल का इस्तेमाल सिर्फ ताकत दिखाने नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल डॉमिनेंस स्थापित करने के लिए किया गया है.

यह हमला एक प्रकार की ‘डिटरेंस स्ट्राइक’ है - जो इजरायल और पश्चिमी देशों को चेतावनी के रूप में लिया जा रहा है.

क्या होती है हाइपरसॉनिक मिसाइल

हाइपरसॉनिक मिसाइलें ऐसी मिसाइल्स हैं जो कम से कम मैक 5 की रफ्तार से चल सकती हैं. यानी ध्वनि (आवाज) की रफ्तार से पांच गुना अधिक. यानी 1.7 किमी प्रति सेकंड या 6,174 किमी प्रति घंटा.

कुछ बैलिस्टिक मिसाइलें पहले से ही इस स्पीड तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन हथियारों का यह नया वर्ग बाकी से अलग है, क्योंकि यह धरती के एटमॉस्फेयर (वायुमंडल) में जाने के बाद अपने टारगेट तक पहुंचने के लिए मैनुवरिंग कर सकती हैं. इससे रडार सिस्टम्स द्वारा इसका पता लगाना तथा एयर डिफेंस सिस्टम्स के लिए इसे नष्ट करना मुश्किल हो जाता है.

जंग के नए दौर का आगाज़

18 जून 2025 को हाइपरसॉनिक मिसाइलों के इस्तेमाल ने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है. ईरान द्वारा फ़त्ताह-1 का युद्ध में पहला उपयोग यह दर्शाता है कि भविष्य की जंगें सिर्फ टैंक और ड्रोन से नहीं, मेक 15 स्पीड वाली मिसाइलों से लड़ी जाएंगी.

अब सवाल यह है: क्या इजरायल पलटवार करेगा? या यह हमला मध्य-पूर्व को एक नए युद्ध में धकेल देगा? 

वीडियो: तारीख: ईरान क्यों बनाना चाहता है न्यूक्लियर बम?

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement