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भारत में बेरोजगारी पर बड़ी रिपोर्ट आई है, पढ़े-लिखे युवाओं की हालत पता चली

India Employment Report 2024: ये रिपोर्ट इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) ने जारी की है.

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International Labour Organisation Report on unemployment in india
रिपोर्ट में बताया गया है कि बेरोजगार लोगों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है. (सांकेतिक फोटो: आजतक)
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प्रशांत सिंह
27 मार्च 2024 (Updated: 27 मार्च 2024, 10:18 PM IST)
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भारत में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर अक्सर बात होती रहती है. कई तरह के आंकड़े जारी होते हैं. जिनमें बेरोजगारी का डेटा सामने रखा जाता है. ऐसी ही एक और रिपोर्ट आई है. इंडिया एंप्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024. रिपोर्ट इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) और इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (IHD) ने जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के बेरोजगारों में 83 फीसदी युवा हैं.

शिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी

रिपोर्ट में बेरोजगारी को लेकर एक चिंताजनक प्रवृत्ति को रेखांकित किया गया है. ILO की रिपोर्ट में बताया गया है कि बेरोजगार लोगों में शिक्षित युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है. भारत के कुल बेरोजगार लोगों में साल 2022 में 65.7 फीसदी शिक्षित युवा रहे, जबकि साल 2000 में ये हिस्सेदारी 54.2 फीसदी थी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में माध्यमिक शिक्षा के बाद स्कूल छोड़ने की दर अभी भी काफी ज्यादा है. खासकर गरीब राज्यों और हाशिए पर रहने वाले समूहों में. वहीं उच्च शिक्षा में बढ़ते एनरोलमेंट के बावजूद गुणवत्ता संबंधी चिंताएं बनी हुई हैं.

वेतन बढ़ा या घटा?

ILO की रिपोर्ट में वेतन के बारे में भी काफी कुछ बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार देश में लोगों का वेतन ज्यादातर एक जैसा रहा है, या ये घटा है. नियमित श्रमिकों और स्वरोजगार वाले व्यक्तियों के वेतन में साल 2019 के बाद नकारात्मक प्रवृत्ति देखी गई है. इतना ही नहीं बिना स्किल वाले श्रमिकों को साल 2022 में न्यूनतम वेतन तक नहीं मिला है.

टेक्नोलॉजी से नौकरी पर खतरा  

टेक्नोलॉजी से जुड़े बदलावों ने कौशल और रोजगार के प्रकारों की मांग को भी प्रभावित किया है. रिपोर्ट के अनुसार हाई और मीडियम स्किल वाली नौकरियों और गिग अर्थव्यवस्था में युवाओं का बेहतर प्रतिनिधित्व है. हालांकि, इन क्षेत्रों में नौकरी की असुरक्षा अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है.

स्किल में कमी

रिपोर्ट में भारत के युवाओं में बुनियादी डिजिटल साक्षरता के अभाव के बारे में बताया गया है. इस वजह से उनकी रोजगार की क्षमता में रुकावट आ रही है. बताया गया कि 90 फीसदी भारतीय युवा स्प्रेडशीट में मैथ्स के फॉर्मूला लगाने में असमर्थ हैं. 60 फीसदी युवा फाइलें कॉपी और पेस्ट नहीं कर सकते हैं. वहीं 75 फीसदी युवा किसी अटैचमेंट के साथ ईमेल भेजने में असमर्थ हैं.  

रिपोर्ट महिला श्रम बल भागीदारी की कम दर के साथ लेबर मार्केट में बढ़ते जेंडर गैप पर भी प्रकाश डालती है. रिपोर्ट के मुताबिक युवा महिलाओं, विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाओं को रोजगार हासिल करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

वीडियो: खर्चा पानी: CMIE के आंकड़ों में बेरोजगारी दर में भयंकर उछाल!

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