19 अगस्त 2016 (Updated: 18 अगस्त 2016, 04:57 AM IST) कॉमेंट्स
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इंडिया का रेस्लर नरसिंह यादव. ओलम्पिक के लिए नाम गया. सुशील कुमार उन्हें कोर्ट ले गए. वहां नरसिंह के फेवर में फ़ैसला हुआ. फिर डोपिंग में पॉजिटिव पाए गए. वहां NADA(National Anti Doping Agency) ने उन्हें बरी किया. ये कहके कि उनके खिलाफ़ साजिश रची गयी है और उन्हें बेनिफिट ऑफ़ डाउट मिलना चाहिए. अब हुआ ये है कि WADA(World Anti Doping Agency) ने उन्हें खेलने से मना कर दिया है. सिर्फ मना ही नहीं किया है, उनपर बैन लगा दिया है. दरअसल WADA के पास CAS(Court of Arbitration for Sports) के आगे जाकर NADA के नरसिंह को खिलाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ एक अपील की थी. NADA ने ये कहकर नरसिंह को ओलम्पिक में जाने दिया था कि उनके खिलाफ़ साज़िश हुई है जिसमें उन्हें ड्रग्स दिए गए थे. इसलिए बेनिफिट ऑफ़ डाउट के तहत उन्हें खेलना चाहिए. WADA इससे सहमत नहीं थी और उसने CAS के सामने NADA के इस फ़ैसले के खिलाफ़ अपील की.
सबसे बड़ा झटका तो ये लगा कि CAS ने न सिर्फ नरसिंह को ओलम्पिक से बाहर किया बल्कि उनपर चार साल का बैन भी लगा दिया. और इसी के साथ इंडिया का रियो ओलम्पिक में मेडल लाने का एक सपना टूट गया.
नरसिंह यादव ने 2015 में लास वेगस में ब्रॉन्ज़ मेडल जीत कर रियो ओलम्पिक में जाने का टिकट पक्का करवा लिया था. लेकिन उनकी राह में पहले कंटक बने थे इंडियन पहलवान सुशील कुमार. सुशील ने नरसिंह को दिल्ली कोर्ट के चक्कर भी लगवाए. लेकिन वहां भी फ़ैसला नरसिंह के ही पक्ष में आया.
अगला टर्न तब आया जब डोप टेस्ट में नरसिंह यादव का नाम मिला. उनका टेस्ट पॉजिटिव आया था. तब तो ऐसा लगने ही लगा था ओलम्पिक की फ्लाइट में नरिसंह नहीं बैठ पायेंगे. लेकिन नरसिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ़ ऐसे लोगों ने साज़िश रची है जो उन्हें ओलम्पिक में नहीं देखना चाहते हैं. काफी हो हल्ले के बाद मालूम चला कि नरसिंह के खिलाफ़ सच मुच साज़िश की ही गयी थी. इस बात पर यकीन तब ही हो गया था जब नरसिंह के रूममेट को भी सेम ड्रग के लिए पॉजिटिव पाया गया था. कहा जा रहा था कि ये दोनों एक ही खाना खाते थे. इसलिए जो ड्रग इन्हें दिया गया, वही उनके रूममेट को भी मिला.
मगर WADA को इन सब से कोई फ़र्क नहीं पड़ता. लॉजिकली देखें तो सही भी है. भले ही उनके खिलाफ़ साज़िश की गयी हो, लेकिन बात ये है कि चूंकि उनके खाने में बैन हो चुकी दवाएं मिली हुई थीं इसलिए उनके शरीर में ताकत बढ़ाने वाली दवाएं मौजूद हैं. और ऐसे में उन्हें कुश्ती लड़ने के लिए अनुमति नहीं ही मिलनी चाहिए.