नोकिया के मुनाफे का 78% हिस्सा अकेले दम देने वाले राजीव सूरी ने कंपनी को NO-किया
सूरी जी अपने दिल्ली के ही निकले!
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नोकिया का फोन इस्तेमाल किया है कभी? जब फोन स्विच ऑन करो, तो दो हाथ आते हैं. एक स्क्रीन के इस छोर से, दूसरा उस छोर से. दोनों हाथ एक-दूसरे को थामते हैं और जुप्प...फोन ऑन हो जाता है. इस कला का मकसद होता है नोकिया को अच्छी कनेक्टिविटी वाले फोन के तौर पर सिंबलाइज़ करना.
चलो मान लिया कि इसमें एक हाथ नोकिया का, तो दूसरा किसका? अरे दूसरा हाथ राजीव सूरी का. राजीव सूरी कौन? ये राजीव सूरी 2 मार्च तक नोकिया नेटवर्क के हेड और CEO थे. अब इस्तीफा दे दिया है. वे नोकिया के तमाम कामों में से नेटवर्क डिवीज़न को हेड करते थे. राजीव के हेड रहते नोकिया ने वो वक्त भी देखा, जब कंपनी के कुल रेवेन्यू में से 78 फीसदी तो अकेले नेटवर्क डिवीजन से ही आ जाता था.
अब राजीव सूरी की जगह पेक्का लुंडमार्क ये पोस्ट संभालेंगे. नोकिया ने इसका पब्लिक अनाउंसमेंट भी कर दिया है.
छह महीने काम हैंडओवर करने में लग जाएंगे 57 साल के पेक्का लुंडमार्क सितंबर में काम-काज संभालेंगे. राजीव सूरी को सारा काम पेक्का को हैंडओवर करने में ही छह महीने लग जाएंगे. अब बड़े लोगों के पास काम ही इतने बड़े-बड़े होते हैं. कंपनी को 10 गुना मजबूत किया राजीव सूरी ने 2014 में नोकिया CEO की पोस्ट संभाली थी. उस वक्त कंपनी की वैल्यू करीब आठ हजार करोड़ रुपए की थी. पद पर रहते सूरी और उनकी टीम इसे 80 हजार करोड़ रुपए तक लेकर गई. यानी कंपनी को करीब 10 गुना ज्यादा मजबूत किया. MBA डिग्री के बिना टॉप मैनेजर पोस्ट पर राजीव सूरी भारतीय मूल के हैं. 1967 में दिल्ली में पैदा हुए थे. पले-बढ़े कुवैत में. सिटिज़न सिंगापुर के हैं. सूरी टेक्नोलॉजी-नेटवर्क सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक नोकिया के टॉप पोस्ट तक बिना किसी MBA डिग्री के ही पहुंचे.Pekka Lundmark appointed President and CEO of Nokia; Rajeev Suri to step down after more than a decade as President and CEO of Nokia and Nokia Siemens Networks. @PekkaLundmark is expected to start in his new role on September 1, 2020. https://t.co/umjmnhYm7R pic.twitter.com/XebUf3tt0O
— Nokia (@nokia) March 2, 2020
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