ऑस्ट्रेलियाई संसद में पहली बार भगवद्गीता पर ली गई शपथ, लेने वाला कौन?
Australian Senator Varun Ghosh शपथ लेने के लिए खड़े हुए तो बाकी सांसद चौंक गए. वजह था वरुण घोष के शपथ लेने का तरीका.
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जगह- ऑस्ट्रेलिया की संसद. नया-नया चुनकर आया एक सांसद है, जिसे आज शपथ लेनी है. शपथ के लिए वो अपनी जगह पर खड़ा होता है और उसके हाथ में होती है श्रीमद्भगवदगीता. और पहली बार ऑस्ट्रेलिया की संसद में कोई सांसद गीता पर हाथ रखकर सांसदी की शपथ लेता है. इस सांसद यानी सीनेटर का नाम है- वरुण घोष (Varun Ghosh Australia Senator).
भारतवंशी वरुण घोष पेशे से बैरिस्टर हैं और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं. वर्ल्ड बैंक के साथ भी बतौर बैरिस्टर जुड़े हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया की सीनेट में वो वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया का ही प्रतिनिधित्व करेंगे. सीनेटर पैट्रिक डॉडसन के रिटायरमेंट के बाद लेबर पार्टी ने घोष को सीनेट भेजा है. फरवरी में घोष का नाम सीनेट के लिए तय हुआ था.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने वरुण घोष का स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा-
"वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है. सीनेटर घोष पहले ऐसे ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं, जिन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली. मैं हमेशा कहती हूं कि अगर कोई काम करने वाले आप पहले व्यक्ति हैं, तो आपको ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आप ऐसा करने वाले आख़िरी व्यक्ति न हों. मुझे यकीन है कि सीनेटर घोष वेस्ट ऑस्ट्रेलिया के लिए और अपने समुदाय के लिए आवाज बुलंद करते रहेंगे. लेबर सीनेट टीम में आपका स्वागत है."
वरुण घोष के माता-पिता 80 के दशक में ऑस्ट्रेलिया जाकर बस गए थे. उनके माता-पिता न्यूरोलॉजिस्ट हैं. 1985 में पैदा हुए वरुण घोष जब 17 साल के थे, तब ही लेबर पार्टी जॉइन कर ली थी. घोष जिन मुद्दों पर राजनीति करते हैं, उनमें उच्च-स्तरीय शिक्षा को बड़ा मुद्दा बताया जाता है. वरुण कहते हैं-
"मुझे ख़ुद अच्छी शिक्षा मिली है और मुझे लगता है कि सबको मिलनी चाहिए. इसके अलावा भी सभी तरह की उपयोगी ट्रेनिंग सबके लिए सुलभ होनी चाहिए."
सीनेट पहुंचने पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भी वरुण घोष को शुभकामनाएं दी हैं.
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