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अब भारतीय मूल का ये शख्स तय करेगा YouTube पर एड दिखेंगे या नहीं?

कौन हैं यूट्यूब के नए CEO नील मोहन?

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Indian-American Neal Mohan becomes new YouTube CEO
नील मोहन बने यूट्यूब के नए CEO. (फोटो- ट्विटर और Unsplash.com)
17 फ़रवरी 2023 (Updated: 17 फ़रवरी 2023, 13:15 IST)
Updated: 17 फ़रवरी 2023 13:15 IST
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भारतीय मूल के नील मोहन यूट्यूब के नए CEO (Neal Mohan New YouTube CEO) नियुक्त किए गए हैं. वो यूट्यूब की मौजूदा CEO सुज़ैन वुज़ूस्की (Susan Wojcicki) की जगह लेंगे. सुज़ैन पिछले 9 सालों से यूट्यूब के CEO पद पर रही हैं. नील मोहन को बधाई देते हुए सुज़ैन ने कहा कि वो यूट्यूब का नेतृत्व करने के लिए सही व्यक्ति हैं.

54 साल की सुज़ैन ने कहा,

नील मोहन एक शानदार लीडर हैं और वो इस बात को किसी से भी ज्यादा अच्छे तरीके से समझते हैं कि इस प्लेटफॉर्म को भविष्य में और क्या चाहिए. मैं ट्रांजिशन पीरियड के दौरान कंपनी में बनी रहूंगी और नील मोहन की मदद करूंगी. मैं गूगल और अल्फाबेट में बतौर सलाहकार काम करूंगी. मुझे आज भी यूट्यूब को लेकर उतना ही भरोसा है जितना कि 9 साल पहले था. यूट्यूब के सबसे अच्छे दिन अभी आने वाले हैं.

सुज़ैन वुज़ूस्की वही महिला हैं जिनके गैरेज में 25 साल पहले गूगल कंपनी की शुरूआत हुई थी. उन्होंने कहा है कि वो अपने जीवन का एक नया चैप्टर शुरू करने जा रही हैं. अब वो अपनी फैमिली, हेल्थ और पर्सनल प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेंगी. सुज़ैन पहले Google में एड प्रॉडक्ट्स की वाइस प्रेजिडेंट थीं और 2014 में YouTube की CEO बनीं.

नील मोहन ने सुज़ैन के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा है,

धन्यवाद सुज़ैन, सालों से आपके साथ काम करना अद्भुत रहा है. आपने YouTube को क्रिएटर्स और दर्शकों के लिए एक खास घर बना दिया है. मैं इस कमाल के और महत्वपूर्ण मिशन को जारी रखने के लिए उत्साहित हूं.

कौन हैं नील मोहन?

49 साल के नील मोहन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके हैं. 1996 में उन्होंने अपने करियर की शुरूआत आईटी कंपनी एक्सेंचर से की. फिर 1997 में नील ने नेट ग्रेविटी नाम के एक स्टार्टअप में काम किया. 1997 में इस कंपनी को ऑनलाइन विज्ञापन फर्म DoubleClick ने खरीद लिया था. तब नील न्यूयॉर्क शिफ्ट हो गए जहां कंपनी का हेडक्वार्टर था. इसी दौरान उन्होंने शादी की. उनकी पत्नी सरीन मोहन ने करीब दो दशकों तक गैर-लाभकारी और सार्वजनिक कल्याण क्षेत्रों में काम किया है.

डबलक्लिक में नील को बिजनेस ऑपरेशंस का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया. फिर 2003 में वो MBA करने स्टैनफोर्ड चले गए. 2007 में डबलक्लिक को गूगल ने खरीद लिया. इसके बाद ही नील की गूगल के साथ जर्नी शुरू हुई. 2015 में उन्हें यूट्यूब का चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर बनाया गया.

इस दौरान नील ने बेहतरीन प्रॉडक्ट और UX की टीम बनाई. उन्होंने कई बड़े प्रॉडक्ट्स के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जैसे YouTube टीवी, YouTube म्यूजिक, प्रीमियम और शॉर्ट्स. ऐडवर्ड्स, ऐडसेंस और डबलक्लिक सहित गूगल के विज्ञापन प्रॉडक्ट को आगे बढ़ाने में भी उनका योगदान रहा.

नील ने कॉर्पोरेट स्ट्रेटजी मैनेजर के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट के साथ भी काम किया है. वो अमेरिका की पर्सनल स्टाइलिंग सर्विस स्टिच फिक्स और बायोटेक कंपनी 23andMe के बोर्ड का हिस्सा भी हैं.

अब नील भी भारतीय मूल के CEO की बढ़ती सूची में शामिल हो गए हैं. इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, एडोब के CEO शांतनु नारायण और गूगल के CEO सुंदर पिचाई भी भारतीय मूल के हैं. इंद्रा नूई ने 2018 में पद छोड़ने से पहले 12 साल तक पेप्सिको की CEO के रूप में काम किया था. पराग अग्रवाल भी ट्विटर के CEO रह चुके हैं.

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