The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • India-Canada dispute over khal...

जब कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो के पिता ने इंदिरा की बात नहीं मानी और 329 लोगों की जान चली गई

उस समय कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो थे. पियरे इंदिरा गांधी के सामने अपनी जिद पर अड़े रहे, नतीजा खालिस्तानियों की हरकत से 329 लोग मारे गए, जिनमें सबसे ज्यादा कनाडा के ही लोग थे. आखिर उस समय हुआ क्या था?

Advertisement
Pierre Trudeau declined a request over khalistan issue from India's ex-PM Indira Gandhi.
जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो 1968 से 1979 और फिर 1980 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे. (फोटो क्रेडिट - ट्विटर/एपी)
pic
प्रज्ञा
20 सितंबर 2023 (Updated: 20 सितंबर 2023, 16:42 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

खालिस्तान (Khalistan) के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद (India-Canada dispute) बढ़ता जा रहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ होने का संदेह जताया. कनाडा ने इसके चलते भारतीय राजनयिक को भी निकाल दिया.

भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज किया है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में इन आरोपों को बेतुका और एक विचारधारा से प्रेरित बताया है. भारत ने कनाडा के एक शीर्ष राजनयिक को पांच दिन के अंदर भारत छोड़कर जाने के लिए भी कहा है.

18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के एक पार्किंग इलाके में एक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप सिंह निज्जर को गोली मार दी गई थी. हालांकि, ये पहली बार नहीं है कि खालिस्तान का मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद का विषय बना है. इससे पहले भी कनाडा ने कई बार खालिस्तानियों का बचाव किया है.

ये भी पढ़ें- "खालिस्तानी आतंकी की हत्या के पीछे भारत"

1982 में भी कनाडा ने भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक अनुरोध को नकार दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने अनुरोध में कहा था कि खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार का प्रत्यर्पण(डिपोर्ट) किया जाए. तलविंदर भारत में एक वांटेड आतंकवादी था.

खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार

कनाडा सरकार ने इसे नकारते हुए तर्क दिया कि राष्ट्रमंडल देशों(Commonwealth Countries) के बीच प्रत्यर्पण के प्रोटोकॉल लागू नहीं होते. उस समय कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो थे. वे 1968 से 1979 और फिर 1980 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे.  

कैसे तलविंदर सिंह ने ली 329 लोगों की जान?

कनाडा के वरिष्ठ पत्रकार और खालिस्तानी आंदोलन पर लंबे समय तक रिपोर्टिंग करने वाले टेरी मिल्वस्की ने अपनी किताब 'ब्लड: फिफ्टी इयर्स ऑफ द ग्लोबल खालिस्तान प्रोजेक्ट' में इस घटना का जिक्र किया है. आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने लिखा,

"भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को ठुकराने से कनाडा को कुछ हासिल नहीं हुआ. बल्कि नुकसान ही हुआ. उन्होंने जिस आतंकवादी तलविंदर सिंह के प्रत्यर्पण से इनकार किया था, उसी ने 1985 में एयर इंडिया के कनिष्क विमान को टाइम बम से उड़ा दिया था. इसमें सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें ज़्यादातर कनाडाई नागरिक शामिल थे."

ये भी पढ़ें- कनिष्क हादसा: कनाडा का सबसे बड़ा नरसंहार

हाल ही में G20 समिट के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिन ट्रूडो के सामने कनाडा में लगातार बढ़ रहीं भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताई थी. जस्टिन ट्रूडो ने इन चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया. बल्कि उन्होंने इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कनाडा शांतिपूर्ण विरोध करने का हमेशा समर्थन करेगा.

कनाडा में इंदिरा गांधी का अपमान

हरदीप सिंह निज्जर की मौत से पहले 4 जून को कनाडा में ऑपरेशन ब्लू स्टार पर एक रैली निकाली गई थी. इसमें एक झांकी के ज़रिए भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया था. इसमें एक महिला को सफेद साड़ी पहने खून से लथपथ दिखाया गया था. उसके हाथ ऊपर थे और पगड़ी पहने लोगों ने उस पर बंदूक तान रखी थी. वहीं, इसके पीछे एक पोस्टर पर लिखा हुआ था - 'दरबार साहिब पर हमले का बदला.'

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसका खुलकर विरोध किया था. उन्होंने कहा था,

"मुझे लगता है यहां एक बड़ा विवाद शामिल है. कोई भी वोट बैंक की राजनीति करने के अलावा ऐसा क्यों करेगा? मुझे लगता है अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वालों को वहां जगह मिलना एक बड़ा मुद्दा है. ये हमारे रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है. कनाडा के लिए अच्छा नहीं है."

ये भी पढ़ें- हरदीप निज्जर, वो खालिस्तानी जिसके कारण कनाडा ने भारत से 'रिश्ते' तोड़ लिए

कनाडा सरकार आतंकियों को खुलेआम सपोर्ट करती है!

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले साल 2002 में टोरंटो से प्रकाशित होने वाली एक पंजाबी साप्ताहिक पत्रिका ‘सांझ सवेरा’ ने भी ऐसा ही कुछ किया था. उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या वाले दिन उनके शव की एक तस्वीर छापी. इस पर लिखा था - 'पापी को मारने वाले शहीदों का सम्मान करें'. सांझ सवेरा को कनाडा सरकार के विज्ञापन मिलते रहे. अब ये वहां का एक प्रमुख दैनिक अखबार है.

वहीं, 2022 में ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थक संगठन 'सिख फॉर जस्टिस'(SFJ) ने खालिस्तान के मुद्दे पर एक तथाकथित जनमत संग्रह किया था. इसमें दावा किया गया था कि खालिस्तान के समर्थन में 1 लाख से भी ज़्यादा लोग इकट्ठे हुए थे. SFJ भारत में एक गैरकानूनी संगठन है.

इन घटनाओं के बाद भारत सरकार ने कनाडा से आग्रह किया था कि वे भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाएं. साथ ही उन सभी लोगों को आतंकवादी घोषित किया जाए, जिन्हें भारतीय एजेंसियों ने आतंकवादी घोषित किया है.

पियरे ट्रूडो और इंदिरा गांधी

ये भी पढ़ें- जस्टिन ट्रूडो के बयान के पीछे असल वजह कुछ और है?

कनाडा सरकार आतंकियों को क्यों सपोर्ट करती है?

कनाडा को लंबे समय से खालिस्तान समर्थक माना जाता रहा है. साथ ही इस मुल्क को भारत में आतंकवाद फैलाने के आरोपियों के छिपने की सुरक्षित जगह के रूप में भी देखा जाता है. टेरी मिल्वस्की ने अपनी किताब में ये भी लिखा था,

"कनाडा ने खालिस्तान को कानूनी और राजनीतिक रूप से हमेशा मदद की है. उनका खालिस्तान के लिए नरम रुख हमेशा से भारतीय नेताओं के निशाने पर रहा. इसके लिए 1982 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कनाडा के प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो के सामने उनके नरम रवैये पर सवाल उठाए थे."

मिल्वस्की आगे लिखते हैं,

"भारतीय लोग हमेशा ये सवाल करते हैं कि कनाडाई नेता सिख चरमपंथियों को बढ़ावा क्यों देते हैं? इसका एक उत्तर ये हो सकता है कि वैशाखी पर कनाडा में 1 लाख सिखों की भीड़ देखना आसान नहीं है. नेता ये जानते हैं कि अगर वे अपना मुंह बंद रखेंगे तो उन्हें ये वोट मिल सकते हैं. वहीं, अगर वे कुछ बोलते हैं तो वोट खोने का जोखिम हो सकता है."

कनाडा में 2021 की जनगणना के अनुसार, देश की जनसंख्या का 2.1% हिस्सा सिख लोगों का है. साथ ही ये देश का सबसे तेज़ी से बढ़ता धार्मिक समुदाय है. भारत के बाद कनाडा में सबसे ज़्यादा सिख समुदाय के लोग रहते हैं. 

वीडियो: 'कीमत चुकानी होगी' इंडिया के खिलाफ खड़े होने वाले कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो पर दुनिया ने क्या कहा?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement