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HIV का इलाज संभव, सिर्फ एक इंजेक्शन और बीमारी खत्म!

इजरायल के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके द्वारा खोजे गए नए ट्रीटमेंट में एक इंजेक्शन देने से ही HIV वायरस दम तोड़ देता है

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HIV AIDS
सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Getty)
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साकेत आनंद
16 जून 2022 (Updated: 16 जून 2022, 03:38 PM IST) कॉमेंट्स
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एचआईवी (HIV) यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियंसी वायरस. इसी वायरस से एड्स (AIDS) फैलता है. अब तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं मिला है. दवाओं और सावधानियों के जरिए इसे फैलने से जरूर रोका जा सकता है. लेकिन इजरायल के कुछ रिसर्चर्स को HIV के इलाज को लेकर शुरुआती सफलता मिली है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक नई वैक्सीन बनाई है, जो एड्स के वायरस को खत्म कर सकता है. उन्होंने शरीर में मौजूद टाइप-बी वाइट ब्लड सेल्स के जरिये ये वैक्सीन विकसित की है. यह वैक्सीन एचआईवी के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में सफल रहा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्चर्स की ये फाइंडिंग 'नेचर' जर्नल में छपी है. इसमें बताया गया है कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी सुरक्षित और असरदार है. ये एंटीबॉडीज सिर्फ संक्रामक ही नहीं बल्कि गैर-संक्रामक बीमारियों जैसे कैंसर और ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में भी कारगर हो सकता है.

वैक्सीन कैसे काम करेगी?

रिसर्चर्स का दावा है कि यह नए तरीके का ट्रीटमेंट है. और सिर्फ एक इंजेक्शन से वायरस को खत्म किया जा सकता है. बी-सेल्स एक तरह के वाइट ब्लड सेल्स होतें हैं जो शरीर में वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी पैदा करते हैं. ये सेल्स बोन मैरो में बनते हैं. परिपक्व होने के बाद ये सेल्स खून में पहुंचते हैं और वहां से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच जाते हैं. रिसर्चर्स ने इन्हीं बी-सेल्स के जीन में बदलाव कर वायरस के साथ संपर्क कराया, जिससे वायरस टूटता गया. रिसर्च में ये भी कहा गया है कि वायरस में बदलाव के साथ बी-सेल्स भी अपनी क्षमता में बदलाव करता है.

रिसर्च टीम में शामिल डॉ बार्जेल ने नेचर जर्नल में बताया है, 

"जिन लैब मॉडल्स पर इस इलाज का परीक्षण किया गया, उन सभी में अच्छे परिणाम आए. शरीर में एंटीबॉडी की संख्या काफी बढ़ गई और यह एचआईवी वायरस को निष्क्रिय करने में सक्षम था."

HIV से अब तक 3.63 लोगों की मौत

HIV पूरी दुनिया के लिए अब भी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है. यह कई तरीकों से फैल सकता है. एड्स फैलने के पीछे असुरक्षित सेक्स एक बड़ी वजह मानी जाती है. इसके अलावा एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आने से कोई संक्रमित हो सकता है. प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के समय संक्रमित मां से यह बच्चों में भी फैल सकता है.  

अपोलो अस्पताल बेंगलुरु के डॉ विनय ने दी लल्लनटॉप को एक इंटरव्यू में बताया था कि इसे हाइपरटेंशन या डायबिटीज की तरह कंट्रोल किया जा सकता है. उन्होंने कहा था,

"जब HIV इम्युनिटी के कुछ सेल्स को खाने लगता है और इम्युनिटी घटने लगती है तब शरीर में CD4 की काउंट कम होने लगती है. ये एक तरह का प्रोटीन होता है जो संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखता है. CD4 के नंबर 500 से ऊपर होने चाहिए. जब ये 200 से कम हो जाएं तब HIV संक्रमण को हम AIDS कहते हैं. संक्रमण बिना लक्षण के भी हो सकता है."

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़े बताते हैं कि HIV के कारण अब तक 3.63 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है. साल 2020 के अंत तक दुनिया भर में 3 करोड़ 77 लाख लोग एचआईवी से संक्रमित थे. सिर्फ 2020 में 6 लाख 80 हजार लोगों की एचआईवी से मौत हुई और 15 लाख नए लोग वायरस से संक्रमित हुए.

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