The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Hirabai Lobi of Siddhi community from Gujarat receives Padma Shri award, praises PM Modi

राष्ट्रपति के कंधे पर हाथ रखने वाली ये औरत कौन है? पद्म श्री मिला तो मोदी से कहा...

वीडियो में PM मोदी से क्या कह रही हैं?

Advertisement
Hirabai Lobi receives Padma Shri award
पद्म श्री रिसीव करती हीराबाई (फोटो- ट्विटर स्क्रीनशॉट)
pic
प्रशांत सिंह
23 मार्च 2023 (Updated: 23 मार्च 2023, 02:28 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

700 से ज्यादा महिलाओं और बच्चों का जीवन बदलने वाली, गुजरात के सिद्दी समाज की हीराबाई इब्राहिम लोबी (Hirbai Ibrahim Lobi) को पद्म श्री पुरस्कार 2023 (Padma Shri 2023) से सम्मानित किया गया है. उन्हें ये सम्मान महिला सशक्तिकरण और सिद्दी समुदाय के लिए किए गए कामों के लिए मिला है. बुधवार, 22 मार्च को राष्ट्रपति भवन में समारोह के दौरान हीराबाई लोबी का दिल छू लेने वाला वीडियो सामने आया. हीराबाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अपना दुपट्टा फैलाते हुए कुछ कहती नजर आईं.

पद्म श्री पुरस्कार लेने के लिए जैसे ही हीराबाई लोबी आगे बढ़ी, वो सबसे आगे की पंक्ति में बैठे पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने रुक गईं. लोबी वहां कई सेकेंड तक खड़ी रही. इस दौरान वो प्रधानमंत्री से कुछ बोलती हुई नजर आई. ANI की रिपोर्ट के अनुसार वहां मौजूद मेहमानों के मुताबिक हीराबाई ने पीएम से कहा,

“मेरे प्यारे नरेंद्र भाई, आपने हमारी झोली खुशियों से भर दी. किसी ने हमें कोई मान्यता नहीं दी और किसी ने भी हमारे बारे में तब तक परवाह नहीं की जब तक आपने नहीं की. आप हमें सबसे आगे लाए.”

हीराबाई लोबी ने पद्म श्री सम्मान लेने के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कंधे पर हाथ भी रखा. बता दे कि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं. वो आदिवासी समुदाय से आने वाली भारत की पहली महिला राष्ट्रपति हैं.

हीराबाई लोबी की कहानी

पद्म श्री सम्मानित हीराबाई लोबी गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले के जांबुर गांव की रहने वाली हैं. हीराबाई अफ्रीकी मूल के सिद्दी समाज की महिला हैं. बचपन में माता-पिता की मृत्यु के बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया था. हीराबाई ने रेडियो से ज्ञान अर्जित किया. हीराबाई ने रेडियो के माध्यम से जैविक खाद बनाने के बारे में सुना. उन्होंने इस दिशा में काम भी किया. हीराबाई के बारे में खबरें चलती हैं कि वो रेडियो पर सरकारी योजनाओं व विकास कार्यक्रमों के बारे में सुना करती थी.

लोबी सीद्दी समुदाय के बच्चों के लिए हीराबाई ने ‘बालवाड़ी’ के माध्यम से शिक्षा प्रदान की व्यवस्था बनाई. महिलाओं के विकास के लिए उन्होंने ‘महिला विकास मंडलों’ के माध्यम से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में भी काम किया. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने सौराष्ट्र के 18 गांवों में एक साइलेंट रिवॉल्यूशन की शुरुआत भी की. हीराबाई ने सहकारी आंदोलन, परिवार नियोजन और सिद्दी समुदाय के लिए छोटा सेविंग क्लब भी शुरू किया है.

हीराबाई लोबी को अपने काम के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है. 2001 में गुजरात कृषि विश्वविद्यालय, जूनागढ़ ने उन्हें ‘सम्मान पत्र’ से सम्मानित किया था. ये सम्मान हीराबाई को साल 2007 और 2012 में भी मिला था. साल 2002 में हीराबाई को विमेंस वर्ल्ड समिट फाउंडेशन की ओर से सम्मानित किया गया था. 2006 में उन्हें जानकी देवी सम्मान पुरस्कार ने नवाजा गया था.

वीडियो: सोशल लिस्ट: आरिफ से सारस छिना, अखिलेश यादव ने नरेंद्र मोदी के मोर पर निशाना साधते हुए बहस खड़ी कर दी

Advertisement