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कर्नाटक: मुस्लिम स्टूडेंट्स के खिलाफ FIR दर्ज, हिजाब ना पहनने देने पर टीचर का इस्तीफा

बीजेपी मंत्री के 'लाल किले पर भगवा झंडा' वाले बयान के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन जारी.

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हिजाब पहनकर आई छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज. (फोटो: इंडिया टुडे)
19 फ़रवरी 2022 (Updated: 19 फ़रवरी 2022, 10:38 IST)
Updated: 19 फ़रवरी 2022 10:38 IST
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कर्नाटक (Karnataka) में जारी हिजाब विवाद (Hijab controversy) ने अब एक नया मोड़ ले लिया है. यहां तुमकुरु जिले के एक कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छात्राओं के खिलाफ पुलिस ने FIR दर्ज की है. वहीं तुमकुरु जिले के ही एक कॉलेज की टीचर ने हिजाब पहनने की इजाजत ना मिलने से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने की बाद टीचर ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्हें कॉलेज प्रशासन ने क्लासरूम में हिजाब पहनने से रोका. उन्होंने कहा,
'मेरे आत्मसम्मान की बात थी. मैं बिना हिजाब के खुद को असहज महसूस करती हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया.'
इस्तीफा देने वाली टीचर का नाम चांदनी है. चांदनी तीन साल से तुमकुरु जिले के जैन पीयू कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर हैं. उनका कहना है कि वो पिछले तीन साल से हिजाब पहनकर बच्चों को पढ़ा रही हैं, लेकिन अचानक इस तरह से उनको हिजाब पहनने से मना कर देना गलत है. चांदनी ने अपने इस्तीफे में लिखा,
"मैं चांदनी, इंग्लिश डिपार्टमेंट में लेक्चरर के पद से इस्तीफा देती हूं. आपके द्वारा मुझे हिजाब पहनने से रोकना, जिसे मैं पिछले 3 साल से आपके कॉलेज में पहन रही हूं. धार्मिक स्वतंत्रता मेरा संवैधानिक अधिकार है. मैं आपके असंवैधानिक रवैये की निंदा करती हूं."
लेक्चरर चांदनी का इस्तीफा
लेक्चरर चांदनी का इस्तीफा (फोटो: ट्विटर)



दस छात्राओं के खिलाफ FIR
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 17 फरवरी को तुमकुरु जिले के एम्प्रेस कॉलेज में कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर आईं, लेकिन उनको अंदर घुसने से मना कर दिया गया. उन्हें हिजाब उतारकर कॉलेज में आने के लिए कहा गया. छात्राओं ने इसका विरोध किया. छात्राओं का कहना है कि उन्होंने जब कॉलेज प्रशासन से इस पाबंदी का कारण पूछा, तो किसी से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने 10 अज्ञात छात्राओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 145, 188 और 149 के तहत FIR दर्ज कराई है.


इस मामले में प्रिंसिपल का कहना है कि कुछ छात्राएं कॉलेज में हिजाब पहनकर घुसने की कोशिश कर रही थीं, उनकी इस हरकत से कॉलेज की दिनचर्या प्रभावित हो रही थी, इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया. पुलिस ने कॉलेज के दो सौ मीटर के इलाके में धारा 144 लगा दी है.
वहीं इंडिया टुडे से मिली ताज़ा जानकारी के मुताबिक शिवमोगा जिले की शिरलपोक्का तालुका के एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने हिजाब पहनकर आई 58 छात्राओं को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में जिले के डिप्टी कमिशनर ने कहा है कि
"प्रिंसिपल ने सिर्फ छात्राओं को धमकाते हुए सस्पेंड करने के लिए कहा है, लेकिन उनको सच में सस्पेंड नहीं किया है. कॉलेज के मना करने पर भी छात्राएं कैम्पस के अंदर घुसकर प्रदर्शन करने लगी, जिसके बाद प्रिंसिपल ने ऐसा कहा." 
पूर्व मुख्यमंत्री ने की निंदा इधर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने शुक्रवार, 18 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य में हिजाब विवाद के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराया है. सिद्धारमैया ने कहा,
"सभी धर्मों की अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं हैं. ये उनका संवैधानिक अधिकार है. इसमें किसी को भी रुकावट नहीं पैदा करनी चाहिए. पहले स्कूल और कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं की संख्या काफी कम थी, लेकिन अब वे शिक्षा में रुचि दिखा रही हैं. लेकन संघ परिवार हिजाब विवाद को मुद्दा बनाकर उनको शिक्षा से दूर करना चाहता है. शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है."
वहीं कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) के राष्ट्रीय ध्वज को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से विधानसभा में रातभर प्रदर्शन किया गया. कांग्रेस के विधायक केएस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने और राष्ट्रीय ध्वज पर उनके बयान के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांग पर अड़े विधायकों ने गुरुवार, 17 फरवरी की पूरी रात विधानसभा और विधान परिषद में गुजारी. लोग सदन के अंदर सोते भी नजर आए. विपक्ष का ये प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. इसके चलते कर्नाटक विधानसभा को सोमवार, 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दरअसल 8 फरवरी को हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने शिवमोगा जिले के एक सरकारी कॉलेज में तिरंगे की जगह भगवा झंडा पहरा दिया था. जिसपर भाजपा मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा था कि भविष्य में एक दिन भगवा झंडा देश का झंडा बनेगा और लाल किले की प्राचीर से फहराया जाएगा, लेकिन अभी तिरंगा देश का राष्ट्रीय ध्वज है, और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए.

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