'क्या अमेरिका फिलिस्तीनियों को नागरिकता देगा... ' CAA पर बोले यूएस को हरीश साल्वे ने तगड़ा सुना दिया
भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद अमेरिका ने इस पर चिंता व्यक्त की थी. अब Harish Salve अमेरिका की तरफ से आए बयानों पर बोले हैं, क्या-क्या कहा है?
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून. इसे लेकर भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ( Former Solicitor General Harish Salve ) ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई है. CAA पर अमेरिका की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने वहां के नेताओं को चुप रहने की सलाह दी है. कुछ रोज पहले ही अमेरिका ने भारत में CAA लागू होने पर चिंता व्यक्त की थी. 11 मार्च को भारत में CAA लागू हो गया था. 15 मार्च को अमेरिका ने भारत में CAA लागू होने पर चिंता जताते हुए कहा था कि इससे देश की धार्मिक आजादी पर असर पड़ेगा.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब अमेरिका के बयान पर हरीश साल्वे ने कहा,
Harish Salve ने CAA को सही क्यों कहा?' क्या अमेरिका पाकिस्तान के अहमदिया, म्यांमार के रोहिंग्या या बेरहमी से मारे जा रहे फिलिस्तीनियों को नागरिकता देगा? अगर नहीं देगा तो मैं कहता हूं, अमेरिका चुप रहो.'
बातचीत के दौरान हरीश साल्वे ने अमेरिका से इजरायल को दिए जा रहे समर्थन पर सोचने और अपने आंतरिक मसलों पर गौर करने की सलाह दी. उन्होंने कहा,
'पाकिस्तान जो खुद को एक इस्लामिक देश बताता है, वहां चीजें बदल गई हैं. बांग्लादेश भी खुद को इस्लामिक देश बताता है. और अफगानिस्तान में तालिबान वाली घटना के बारे में सब जानते हैं.
गृह मंत्री (अमित शाह) ने बताया था कि इन देशों में गैर-मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है. तो ऐसे में भारत का कहना है कि भारतीय मूल के और भारत से ताल्लुक रखने वाले जोरोस्ट्रियन, सिख, ईसाई, हिंदुओं को जल्दी नागरिकता मिल जाएगी. चूंकि उन्हें इस्लामिक राज्यों में अपने धर्म का पालन करने की आजादी नहीं है.'
उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बॉर्डर खोलने वाली बात पर कहा,
'क्या हमें सभी के लिए अपने बॉर्डर खोल देने चाहिए? काश भगवान हमें इतने साधन और संसाधन देते. और सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश को ही CAA के तहत क्यों शामिल किया गया है. श्रीलंका और म्यांमार को क्यों नहीं? ऐसा इसलिए क्योंकि इन देशों में खतरा नहीं है.'
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बता दें कि 11 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने एक नोटिफिकेशन में भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने का ऐलान किया था. इससे पहले साल 2019 में इस कानून को सदन में पेश किया गया था और दिसंबर में इसे पास कर दिया गया था. जिसके बाद पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
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