The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • hanuman flag removed in karnat...

हनुमान झंडे की जगह तिरंगा, कर्नाटक में मचे नए बवाल की पूरी कहानी क्या है?

भाजपा कार्यकर्ता और हिंदुवादी संगठन ने गांव वालों से मिलकर प्रशासन के क़दम का विरोध किया.

Advertisement
karnataka flag removed
पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. (फ़ोटो - सोशल)
pic
सोम शेखर
29 जनवरी 2024 (Updated: 29 जनवरी 2024, 05:28 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

कर्नाटक राज्य में मांड्या ज़िले के केरागोडु गांव में तनाव पैदा हो गया है. क्यों? रविवार, 28 जनवरी को अधिकारियों ने वहां लगा 108 फुट ऊंचा हनुमान ध्वज उतार दिया. उसकी जगह राष्ट्रीय ध्वज लगा दिया. इस घटना के बाद राज्य के भाजपा नेताओं और हिंदू कार्यकर्ताओं ने इस क़दम की कड़ी आलोचना की. प्रदेश सरकार और विपक्ष के बीच विवाद शुरू हो गया. भाजपा, जनता दल सेक्युलर (जद-एस) और बजरंग दल के सदस्यों के साथ-साथ गांव और आसपास के लोग इकट्ठा होने लगे, तो एहतियातन बहुत सारे पुलिस वालों को तैनात किया गया. गांव में तनाव को देखते हुए धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा भी लगा दी गई है.

NDTV में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, केरागोडु और उसके 12 पड़ोसी गांव वालों ने कुछ संगठनों के साथ मिलकर रंगमंदिर के पास ध्वज स्तंभ की स्थापना के लिए चंदा दिया था. कथित तौर पर बीजेपी और जद-(एस) के कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे.

रिपोर्ट के मुताबिक़, ध्वज स्तंभ पर हनुमान की तस्वीर वाला भगवा झंडा फहराया गया था. कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और प्रशासन से शिकायत की. तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारी ने ग्राम पंचायत अफ़सरों को झंडा हटाने का निर्देश दिया. आदेश आने के बाद से ही कुछ कार्यकर्ता और गांव वाले झंडे के पास मौजूद थे. 

ये भी पढ़ें - 6 दिसंबर 92 को दंगे भड़काने के आरोप में कर्नाटक में 31 साल बाद गिरफ्तारी

रविवार, 28 जनवरी को प्रशासनिक अफ़सरों की मौजूदगी में ध्वज को उतारा गया. और, इसके बाद से ही इलाक़े में तनाव बढ़ गया. प्रदर्शनकारी गांव वालों और हिंदुवादी संगठनों के कुछ लोगों ने ध्वज हटाने का विरोध किया. उनकी पुलिस के साथ नोकझोंक हुई. भीड़ को क़ाबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

राजनीति कैसे घुसी?

विरोध के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने सिद्दारमैया सरकार और मांड्या से कांग्रेस विधायक गनीगा रविकुमार के ख़िलाफ़ नारे लगाए. उन्होंने ध्वज स्तंभ की नींव पर एक छोटा भगवा झंडा लगा दिया. साथ में भगवान राम की तस्वीर वाला एक फ़्लेक्स बोर्ड लगा दिया. फिर 'जय श्री राम! जय हनुमान!' के नारे लगाए गए.

इस घटना पर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने स्थानीय मीडिया से कहा,

"राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बजाय भगवा ध्वज फहराया गया. ये ठीक नहीं है. मैंने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा है.''

मांड्या ज़िले के प्रभारी ने भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय ध्वज फहराने की ही अनुमति ली गई थी. उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया था, लेकिन उसी शाम उसे हटाकर हनुमान ध्वज लगा दिया गया.

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता आर अशोक ने सरकार की निंदा की. सिद्धरमैया सरकार को 'हिंदू-विरोधी' कहा और पुलिस हस्तक्षेप की आलोचना की.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement