ठंड, बारिश, और नम आंखें... हमास ने मां और बच्चों सहित 4 लोगों के शव इजरायल को लौटाए
Israel Hamas Hostage Exchange: इज़रायली लोग ठंड और भारी बारिश के बावजूद शवों को तेल अवीव ले जाने के लिए रास्ते पर कतार में खड़े दिखे. पूरा देश गहरे शोक में डूबा हुआ है.

मिडल ईस्ट में लंबे वक्त से इज़रायल और हमास (Israel-Palestine War) के बीच युद्ध चल रहा था. एक दूसरे के नागरिकों को बंधक बनाने का सिलसिला भी था. फिर युद्ध विराम हुआ और बंधकों को लौटाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ. इसी बीच फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने पहली बार बंधक बनाए गए चार इज़रायलियों के शव लौटाए हैं. इनमें एक मां और उनके दो बच्चों के शव भी शामिल हैं. इनके बारे में लंबे समय से आशंका जताई जा रही थी कि वे पहले ही जान गंवा चुके हैं. इनके अलावा, 80 वर्ष से ज़्यादा की उम्र के बुज़ुर्ग का शव भी शामिल है. हमास का कहना है कि 6 और इज़रायली बंधकों को शनिवार 22 फरवरी को रिहा करेगा.

न्यूज़ एजेंसी AP के मुताबिक, जान गंवाने वाली महिला का नाम शिरी बिबास बताया गया है. वहीं उनके बेटों के नाम एरियल और केफिर के हैं. अपहरण के वक्त इन बच्चों की उम्र चार साल और नौ महीने थी. जान गंवाने वाले बुज़ुर्ग का नाम ओडेड लिफ़्शिट्ज़ (Oded Lifshtiz) है, जब उनका अपहरण किया गया तब उनकी उम्र 83 वर्ष थी. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शवों के इज़रायल वापस आने पर कहा, “इन्हें देखकर पूरे देश का दिल पसीज गया है.”
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 19 फरवरी को X पर लिखा था,
कल का दिन (20 फरवरी) इजरायल के लिए बहुत मुश्किल दिन होगा. एक दुख का दिन होगा. हम अपने चार बंधकों को घर ला रहे हैं, जो अपनी जान गंवा चुके हैं. हम उनके परिवारों को गले लगाते हैं. मेरा दिल टूट गया है. आपका भी. और पूरी दुनिया का दिल टूटना चाहिए क्योंकि यहां हम देखते हैं कि हम किसके साथ काम कर रहे हैं, हम किससे निपट रहे हैं, हम किन राक्षसों से निपट रहे हैं.

BBC के मुताबिक, वहां के लोकल समय अनुसार, सुबह 8:30 बजे से ही गाज़ा के दक्षिण में खान यूनिस के एक चौक पर फिलिस्तीनियों की भीड़ जमा होने लगी थी. चौक के बीच में बनाए गए एक स्टेज पर चार कॉफिन लाए गए. कुछ हथियारबंद हमास के चरमपंथी पूरे मैदान की निगरानी कर रहे थे. सुबह क़रीब 9:00 बजे के आसपास रेड क्रॉस की गाड़ियों का एक काफिला खान यूनिस पहुंचा.

काग़ज़ी कार्यवाही हुई. दोनों साइड के लोगों ने दस्तावेज़ों पर साइन किए. वहां मौजूद लोगों की जान गंवाने वाले इज़रायलियों के शवों पर नज़र न पड़े, इसलिए शव वाहनों के चारों ओर सफेद स्क्रीन लगाई गई थीं. इसके बाद एक-एक करके शवों को इज़रायली गाड़ियों में शिफ्ट किया गया. काफिला खान यूनिस से क़रीब 10 बजे रवाना हुआ. इसके एक घंटे बाद इज़राइल ने कन्फर्म किया कि शवों को गाज़ा में उनकी फोर्स को सौंप दिया गया है. जब ताबूत इज़रायल को सौंपे गए तो मिलिट्री चीफ रब्बी ने जान गंवाने वालों के लिए प्रार्थना की.
12:00 बजे तक, वे साउथ इज़राइल में एंट्री कर चुके थे. बंधकों के शवों की औपचारिक पहचान के लिए जाफा में अबू कबीर फॉरेंसिक संस्थान ले जाया गया. इज़रायली लोग ठंड और भारी बारिश के बावजूद शवों को तेल अवीव ले जाने के लिए रास्ते पर कतार में खड़े दिखे. पूरा देश गहरे शोक में डूबा हुआ है.

गाज़ा और लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालयों के अनुसार, गाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 50,000 से ज़्यादा नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं. गाजा की लगभग 70 फीसदी इमारतें तबाह हो चुकी हैं. 7 अक्टूबर के हमले में इज़रायल में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे.
वीडियो: दुनियादारी: क्या रूस के साथ हो जाएगा अमेरिका? यूक्रेन का क्या होगा?