एक गोलगप्पे वाले ने पूरे शहर में मचाया तहलका, अब पूरे शहर में गोलगप्पे पर बैन!
गोलगप्पा ही नहीं, चाट पर भी बैन लग गया!
![People got sick after eating Golgappas in Mandla district of MP.](https://static.thelallantop.com/images/post/1666765846882_untitled_design_(10).webp?width=540)
मध्य प्रदेश के मंडला (Mandala) में गोलगप्पे खाने पर तीन दिन से बैन लगा हुआ है. गोलगप्पे खाने के कारण एक साथ कई लोगों को फूड प्वाइजनिंग हो गई. जिसके बाद प्रशासन ने यह फैसला लिया है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक गोलगप्पे खाने की वजह से शहर के अलग-अलग इलाकों से लगभग 84 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन 84 लोगों में से 31 बच्चे एक ही मोहल्ले के हैं. इन सभी ने गोलगप्पे बेचने आए एक ही व्यक्ति से गोलगप्पे खाए थे. इसके बाद 23 अक्टूबर को मंडला के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने गोलगप्पे पर बैन लगा दिया. बैन चाट बेचने पर भी लगाया गया है.
मामला तब सामने आया, जब मंडला जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में गोलगप्पे खाने के बाद 84 मरीज शिकायत लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. इन सभी व्यक्तियों ने उनके इलाके में गोलगप्पे बेचने आए व्यक्ति के गोलगप्पे खाए थे. इन बीमार लोगों में कुल 57 बच्चे मौजूद हैं. बाकी महिलाएं और पुरुष हैं. दो महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भवती हैं. इन सभी लोगों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं गोलगप्पे बेचने वालों के खिलाफ मंडला कोतवाली और टिकरिया थाने में FIR दर्ज कराई गई है.
उल्टी-दस्त की शिकायत पर अपने बच्चे को भर्ती कराने आए पिता अशोक बैरागी ने बताया कि गोलगप्पे वाला उनके इलाके में कई सालों से आ रहा है. लेकिन आजतक कोई बीमार नहीं हुआ. ऐसा पहली बार हुआ है कि जिसने भी गोलगप्पे खाए वो सारे बीमार हो गए हैं. सभी अस्पताल में भर्ती हैं.
फूड पॉइजनिंग के मामले सामने आने के बाद से ही फूड डिपार्टमेंट और पुलिस ने इसकी जांच शुरू की. जांच में पता चला कि जालौन के रहने वाले 7-8 परिवार बीते 15-20 साल से मंडला में रह रहे हैं. मंडला के अलग-अलग इलाकों में ये लोग खाने-पीने का सामान बेचते हैं. फूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने जब इनकी जांच की तो इनके रहने वाली जगह से सिट्रिक एसिड के कई रैपर मिले. प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन ने उस दुकान को सील कर दिया है, जहां से सिट्रिक एसिड खरीदा गया था.
इस मामले में मंडला की डीएम का बयान भी सामने आया है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक डीएम हर्षिका सिंह ने बताया,
“गोलगप्पे खाने के बाद कई लोग बीमार हुए हैं. इस मामले में थाने में FIR दर्ज कराई गई है. प्रशासन स्ट्रिक्ट एक्शन भी लेगा. बच्चों और महिलाओं (विशेषकर गर्भवती) के स्वास्थ्य से जुड़ा यह मामला बहुत गंभीर है.”
हर्षिका ने आगे कहा कि हम मंडला में ऐसे खाद्य वस्तुओं का व्यवसाय करने वालों के सामान की रैंडम सैंपलिंग करा रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम आगे भी चाट-फुल्की पर बैन बनाए रखेंगे. इसके साथ ही हम स्ट्रीट फूड सर्टिफिकेशन पर भी विचार कर रहे हैं.
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