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G20 में चीनी डेलिगेशन के साथ मारपीट? इस खुलासे से दिल्ली से बीजिंग तक भयंकर बवाल

तीन संदिग्ध बैग्स को लेकर शुरु हुआ विवाद, 12 घंटे तक चला हंगामा. G20 समिट में पहुंचा था चीनी प्रतिनिधिमंडल.

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Chaos at hotel Taj Palace over bags of Chinese delegates who attended the G20 summit.
चीनी राजनयिक होटल ताज पैलेस में रुके थे, यहां एक बैग के अजीब आकार को लेकर हुआ विवाद. (फोटो क्रेडिट - एपी)
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प्रज्ञा
13 सितंबर 2023 (Published: 02:56 PM IST)
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G20 समिट (G20 Summit) में शामिल होने आए चीन के प्रतिनिधियों के बैग्स को लेकर विवाद हो गया. इसे लेकर दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में सिक्योरिटी टीम के साथ कथित तौर पर मारपीट भी हो गई. इस होटल में G20 समिट के लिए आया चीन का प्रतिनिधिमंडल रूका हुआ था. इनमें से एक सदस्य के पास एक अजीब सा बैग था. उसका आकार सामान्य बैग्स की तुलना में काफी अलग था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनयिक प्रोटोकॉल मानते हुए बैग को होटल में ले जाने दिया गया. ये ताज पैलेस होटल की घटना है. इतना ही नहीं, चीनी राजनयिकों ने होटल से प्राइवेट नेटवर्क की मांग की. उन्होंने होटल के इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करने से मना कर दिया. होटल ने उनकी इस मांग को नहीं माना.

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दूतावास भेजने पड़े बैग

इसके बाद भी यहां एक और विवाद हुआ. होटल के एक कर्मचारी ने यहां रुके चीनी राजनयिकों के कमरे में दो बैग्स में संदिग्ध इक्विपमेंट्स देखे. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इसके बाद सुरक्षा अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई. उन्होंने चीनी प्रतिनिधिमंडल को बैग्स स्कैनर में डालने के लिए कहा. लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया.

चीनी प्रतिनिधियों ने इसे राजनयिक सामान बताया. करीब 12 घंटे तक एक सुरक्षाकर्मी उनके कमरे के बाहर खड़ा रहा. लेकिन उन्होंने बैग चैक कराने के लिए नहीं दिया. इस पर विवाद बढ़ गया और उन्हें अपना सामान दूतावास भेजना पड़ा.

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G20 समिट में चीन की तरफ से राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हुए थे. यहां चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली कियांग ने किया. नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G20 समिट का आयोजन हुआ था.

इसके बाद 11 सितंबर को चीन ने पहली बार इस पर कुछ कहा. उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वो नई दिल्ली घोषणा पत्र का स्वागत करता है. यह घोषणा पत्र एक बार फिर से यह स्थापित करता है कि G20 समिट आर्थिक सहयोग के लिए   है, ना कि भू-राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों को हल करने के लिए.

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