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जमीन निगल जाएंगे समुद्र, एक पौधे का वजूद खत्म होने की ये खबर आपको परेशान करनी चाहिए

दुर्लभ कैक्टस कैरिबियन के कुछ हिस्सों में अभी भी उगता है. 1992 में फ़्लोरिडा कीज़ में खोजा गया था और तब से इस पर नज़र रखी जा रही थी. मंगलवार, 9 जुलाई को प्रकाशित एक स्टडी में पता चला है कि फ़्लोरिडा कीज़ में लगभग 150 तने हुआ करते थे, जो अब घटकर सिर्फ़ छह बीमार टुकड़े रह गए हैं.

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key largo cactus tree
की लार्गो कैकटस. (तस्वीर - पाम बीच पोस्ट)
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सोम शेखर
10 जुलाई 2024 (Updated: 10 जुलाई 2024, 12:08 AM IST)
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ग्लेशियर पिघलेंगे, समुद्र तल बढ़ेगा और पौधे विलुप्त होने लगेंगे — क्लाइमेट चेंज की वकालत करने वाले अक्सर ये चेतावनी देते हैं. आज ये चेतावनी हक़ीक़त में बदल गई. अमेरिका में एक ख़ास क़िस्म का कैक्टस (Pilosocereus millspaughii) विलुप्त हो गया है. लगातार बढ़ते समुद्र के जलस्तर की वजह से.

ये दुर्लभ कैक्टस कैरिबियन के कुछ हिस्सों में अभी भी उगता है. 1992 में फ़्लोरिडा कीज़ में खोजा गया था और तब से इस पर नज़र रखी जा रही थी. मंगलवार, 9 जुलाई को प्रकाशित एक स्टडी में पता चला है कि फ़्लोरिडा कीज़ में लगभग 150 तने हुआ करते थे, जो अब घटकर सिर्फ़ छह बीमार टुकड़े रह गए हैं.

फ़्लोरिडा कीज़ ट्रॉपिकल द्वीपों का एक समूह है, जो फ़्लोरिडा राज्य के दक्षिणी सिरे से लगभग 120 मील की दूरी पर फैला हुआ है. अटलांटिक महासागर और मैक्सिको की खाड़ी के बीच.

और, ये हुआ कैसे? 

ये कैक्टस अक्सर किनारे के पास उगता है. मैंग्रोव पौधों से घिरा हुआ. लहरें तेज़ हुईं और नमकीन पानी पौधे के अंदर चला गया. इससे कैक्टस तबाह हो गया. 

आज की तारीख़ में अमेरिका में कोई भी की लार्गो ट्री कैक्टस नहीं बचा है. 2021 तक केवल छह तने बचे थे. इससे हुआ ये कि शोधकर्ताओं ने ऑफ़-साइट खेती के लिए शेष सामग्री बचा ली. रिसर्च में पाया गया है कि जलस्तर में बदलाव के चलते समुद्र के पानी के खारे हो जाने से, तूफ़ानों की वजह से मिट्टी के बह जाने से, जानवरों के चर जाने से कैक्टस नहीं रह पाया.

डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 1971 से 2022 के बीच क्षेत्र का औसत समुद्र स्तर हर साल 4.09 मिलीमीटर बढ़ा है. यानी कुल 0.21 मीटर.

फ़ेयरचाइल्ड ट्रॉपिकल बॉटनिक गार्डन में क्षेत्रीय संरक्षण निदेशक और इस स्टडी की प्रमुख जेनिफ़र पॉस्ले ने चेतावनी दी है कि ‘की लार्गो ट्री कैक्टस’ का विलुप्त होना असल में इस बात का संकेत देता है कि और जो निचले तटीय पौधे हैं, उनका जलवायु परिवर्तन की वजह से क्या हश्र होगा.

ये भी पढ़ें - जलवायु परिवर्तन पर UN की आखिरी चेतावनी

इस स्थानीय विलुप्ति से हमारे सामने कई चुनौतियों आ गई हैं. समुद्री जीवों के लिए हालात धीरे-धीरे ख़राब होते ही जा रहे हैं. ये एक डॉमिनो इफ़ेक्ट है. कई समस्याएं एक साथ उन पर तारी हो रही हैं. इंस्टीट्यूट फ़ॉर रीजनल कंज़र्वेशन के कार्यकारी निदेशक जॉर्ज गैन का कहना है कि दक्षिण फ्लोरिडा में एक-से-चार देसी पौधों की प्रजातियां क्षेत्रीय विलुप्ति के गंभीर ख़तरे में हैं. 

वीडियो: साइंसकारी: क्लाइमेट चेंज और महामारी का अनोखा रिश्ता

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