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किसान आंदोलन के समर्थन में वैज्ञानिक ने केंद्रीय मंत्री के हाथ से अवॉर्ड लेने से मना कर दिया

पत्र में कहा, 'ये मेरी अंतरात्मा के खिलाफ़ है'

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वीरेंद्र पाल (बाएं) और नरेंद्र मोदी को लिखा लेटर (दाहिने)
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सिद्धांत मोहन
9 दिसंबर 2020 (Updated: 9 दिसंबर 2020, 07:06 AM IST) कॉमेंट्स
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पंजाब के कृषि विज्ञान विशेषज्ञ हैं डॉ. वीरेंद्र पाल सिंह. 7 दिसम्बर को उन्होंने केंद्र सरकार से एक अवॉर्ड लेने से मना कर दिया. वीरेंद्र पाल ने कहा कि ऐसा वो किसानों और उनकी मांगों को समर्थन देने के लिए कर रहे हैं.  वो पंजाब एग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी में मिट्टी की केमिस्ट्री के प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक हैं. हाल ही में उन्हें फ़र्टिलाइज़र असोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा गोल्डन जुबिली अवॉर्ड और गोल्ड मेडल दिया जाना था. आयोजन दिल्ली में था. अवॉर्ड देने केंद्रीय केमिकल और फ़र्टिलाइज़र मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा आए हुए थे. स्टेज पर चढ़ने के बाद वीरेंद्र पाल ने कहा, 'मेरी अंतरात्मा इस समय ये अवॉर्ड लेने से मुझे रोक रही है, वो भी तब, जब देश के किसान सड़कों पर हैं.' वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने अपने ट्विटर पर इस पूरी घटना का वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि मंच पर आने के बाद वीरेंद्र पाल ने अपनी तकनीक के बारे में कुछ बातें कहीं. और उसके बाद कहा,
“मुझे आशा है कि हम देश के लिए साथ काम करेंगे, और सरकार हमारे किसानों की बातों को सुनेगी. जो काम मैंने किया है, वो इस देश के किसानों और देश के लिए है. और अगर इस समय मैं ये अवॉर्ड लेता हूं तो मैं अपराधबोध से भर जाऊंगा.”
इसके बाद भीड़ में से आवाज़ आती है. लोग कहते हैं कि मंत्री जी खड़े हैं स्टेज पर, अवॉर्ड ले लीजिए. वीरेंद्र पाल मना कर देते हैं.  इस पूरे मसले पर वीरेंद्र पाल ने चिट्ठी भी लिखी है. नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में वीरेंद्र पाल ने लिखा,
“चूंकि भारत सरकार द्वारा शांति से प्रदर्शन कर रहे किसानों को बहुत दर्द दिया जा रहा है, ऐसे में मेरी अंतरात्मा मुझे इस बात की परमिशन नहीं देती है कि मैं किसी मंत्री या अधिकारी से ये अवॉर्ड ग्रहण करूं.”
सदानंद गौड़ा को लिखी चिट्ठी में वीरेंद्र पाल ने लिखा,
“मुझे मालूम है कि मेरा अवॉर्ड न लेना आपको थोड़ा अटपटा लगा होगा, लेकिन मैं ये साफ़ कर दूं कि मेरी आपसे या भारत सरकार से व्यक्तिगत खुन्नस या विरोध नहीं है.”
उन्होंने आगे लिखा,
“मेरा इस जीवन में कभी कोई राजनीतिक या आतंकवादी क़िस्म का जुड़ाव किसी संगठन या लोगों से नहीं रहा है. और मेरा जीवन भारत की अखंडता को समर्पित है…..लेकिन सिर्फ़ पर्सनल फ़ायदे के लिए ये अवॉर्ड ग्रहण करना मेरे देश के किसानों और मेरे देश के साथ धोखा होगा.”

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