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शिंदे-फडणवीस ने पहली बैठक में ही उद्धव का बड़ा फैसला पलटा, 'आरे में ही बनेगा मेट्रो कार शेड'

उद्धव ठाकरे सरकार ने कंजूरमार्ग में मेट्रो कार शेड बनाने का निर्णय लिया था. तब कई पर्यावरणविद और कार्यकर्ता इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे.

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Devendra Fadnavis, Eknath Shinde and Aarey forest
देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की बैठक तथा आरे जंगल में कटते पेड़. (फोटो: पीटीआई)
1 जुलाई 2022 (Updated: 1 जुलाई 2022, 16:06 IST)
Updated: 1 जुलाई 2022 16:06 IST
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उद्धव ठाकरे सरकार के एक बड़े निर्णय को पलट दिया है. फडणवीस की मांग पर एकनाश शिंदे ने मुंबई के आरे में ही मेट्रो 3 कार शेड बनाने का निर्णय लिया है. उद्धव सरकार ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से बाहर कर दिया था और कंजूरमार्ग प्लॉट पर लागू करने का फैसला किया था. महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2 और 3 जुलाई को बुलाया गया है, जहां बहुमत परीक्षण होगा और स्पीकर का चुनाव होगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फडणवीस ने शहरी विकास विभाग के अधिकारियों को कहा है कि वे आरे में मेट्रो कार शेड बनाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के सामने पेश करें. इसके साथ ही उन्होंने आईएएस अधिकारियों से यह भी पूछा कि क्या एडवोकेट जनरल के जरिये कोर्ट को ये बताया जाना चाहिए कि कार शेड आरे में ही बनाया जाना है. एकनाथ शिंदे ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया है.

मालूम हो कि आरे में मेट्रो कार शेड बनाने को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच लंबा विवाद चला है. सत्ता में आने के अगले ही दिन 29 नवंबर 2019 को उद्धव ठाकरे ने आरे में कार शेड बनाने के फडणवीस सरकार के फैसले को पलट दिया था.

कई पर्यावरणविदों ने आरे में कार शेड बनाने का कड़ा विरोध किया है. आरे जंगल संजय गांधी नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है और कई प्रकार के तेंदुओं का घर है. इसके साथ ही यहां पर कई तरह के महत्वपूर्ण पेड़ हैं, जो पूरे शहर की हरियाली को बनाए रखने में योगदान देते हैं.

उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने इस मांग का समर्थन किया था और प्रदर्शनकारियों का साथ दिया था.

शिवसेना की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने आरे की 804 एकड़ भूमि को 'सुरक्षित जंगल' घोषित कर दिया था. इसकी जगह पर कंजूरमार्ग में कार शेड बनाने का निर्णय लिया गया था.

हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट में दिसंबर 2020 में कंजूरमार्ग में कार शेड बनाने के फैसले पर रोक लगा दी थी.

बीजेपी ने दावा किया था कि कार शेड को आरे से बाहर करने का निर्णय ठाकरे के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए किया जा रहा है और इससे अंडरग्राउंड मेट्रो परियोजना के निर्माण में चार साल की देरी होगी और इसकी लागत में वृद्धि होगी.

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