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'ट्रंप को मिले 2026 का नोबेल शांति पुरस्कार...', पाकिस्तान ने की सिफारिश, लेकिन ट्रंप निराश हैं

Trump on Nobel Prize: पाकिस्तान ने सिफारिश की है कि 2026 का नोबेल शांति पुरस्कार डॉनल्ड ट्रंप को दिया जाए. इसके बाद ट्रंप का बयान आया है.

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Pakistan Trump 2026 Nobel Peace Prize
डॉनल्ड ट्रंप ने नोबल पुरस्कार पर बात की है. (फ़ोटो- AP)
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हरीश
21 जून 2025 (Updated: 21 जून 2025, 09:05 AM IST) कॉमेंट्स
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पाकिस्तान सरकार ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump Nobel Peace Prize) की सिफारिश की है. इसके लिए उसने हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष (India-Pakistan Conflict) के दौरान ट्रंप के ‘डिप्लोमैटिक हस्तक्षेप और निर्णायक नेतृत्व’ का हवाला दिया है. हालांकि, भारत संघर्ष विराम (Ceasefire) में अमेरिका की किसी भी तरह की भूमिका को नकारता रहा है.

पाकिस्तान ने की सिफारिश

पाकिस्तान सरकार ने एक्स पर घोषणा की है,

पाकिस्तान सरकार ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नाम की सिफारिश की है. हालिया भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और नेतृत्व के लिए ये फ़ैसला लिया गया है.

The announcement was made on X by the Pakistan government
पाकिस्तान सरकार की घोषणा.
लेकिन ट्रंप निराश हैं

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रवांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो के बीच संघर्ष विराम की घोषणा की. लेकिन उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जताया कि चाहे वो कुछ भी कर लें, उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा,

मुझे ये बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैंने विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो और रवांडा के बीच एक शानदार संधि की व्यवस्था की. जो दूसरी लड़ाइयों की तुलना में कहीं ज़्यादा हिंसक खूनखराबे और मौत के लिए जाना जाता है. और, दशकों तक चलता रहा है. दोनों देश सोमवार, 23 जून को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाशिंगटन आएंगे.

डॉनल्ड ट्रंप ने आगे लिखा,

ये अफ्रीका के लिए और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन है. लेकिन मुझे इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. मुझे भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. ना ही सर्बिया-कोसोवो युद्ध विराम के लिए. मुझे मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा.

मुझे मध्य पूर्व में अब्राहम समझौता करने के लिए भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. नहीं, मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. रूस-यूक्रेन और इजरायल ईरान. चाहे मैं कुछ भी कर लूं और जो भी परिणाम हों. लेकिन मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा. लेकिन लोग जानते हैं… और यही मेरे लिए मायने रखता है.

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. उसके कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया. बदले में पाकिस्तान ने भी हमलों की कई नाकाम कोशिशें कीं. कई दिनों के संघर्ष के बाद सीज़फ़ायर हुआ. जिसकी सबसे पहले घोषणा ट्रंप ने की. उन्होंने दावा किया कि इस सीज़फ़ायर में उन्होंने अहम भूमिका निभाई.

इसके बाद से ही पाकिस्तान सीज़फ़ायर के लिए अमेरिका को क्रेडिट देता रहा है. बीते दिनों पाकिस्तान के चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भी ये बात दोहराई थी. हालांकि, भारत इस सीज़फ़ायर में किसी बाहरी ताकत की भूमिका से इनकार करता रहा है. बीते दिनों, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है. और ना ही भविष्य में कभी स्वीकारेगा.

वीडियो: ईरान से लड़ाई, डॉनल्ड ट्रंप और अयातुल्लाह पर इजरायल के एंबेसडर क्या बता गए?

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