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घायल युवकों से जबरन राष्ट्रगान गवाने में गई थी एक की जान, आरोपी पुलिसवालों पर 1 लाख का इनाम

दिल्ली दंगों के दौरान वायरल हुआ था घटना का वीडियो. मृतक की पहचान फैजान के तौर पर हुई थी.

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Delhi riots Faizan Video
सड़क पर घायल फैजान और 4 अन्य लोग (फोटो- वीडियो स्क्रीनशॉट)
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साकेत आनंद
20 जून 2022 (Updated: 20 जून 2022, 03:18 PM IST) कॉमेंट्स
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दो साल पहले दिल्ली में CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़के थे. इन दंगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में कुछ लोग जमीन पर घायल पड़े थे. हाथ में डंडे लिए कुछ पुलिसकर्मी इन लोगों से जबरन 'वंदे मातरम' और 'जन गण मन' गाने को कह रहे थे. इस वीडियो में घायल दिख रहे एक 23 साल के शख्स फैजान की बाद में अस्पताल में मौत हो गई थी. घटना के दो साल बीत जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस आरोपी पुलिसकर्मियों की पहचान नहीं कर पाई है. अब दिल्ली पुलिस ने घटना में शामिल पुलिसकर्मियों की जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है.

दो साल पहले फैजान की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दरअसल फैजान और चार अन्य लोगों को 24 फरवरी 2020 को हिरासत में लिया गया था. पुलिस के ऊपर उन सभी को बुरी तरह से पीटने का आरोप लगा. अगले दिन यानी 25 फरवरी की शाम फैजान को हिरासत से छोड़ा गया था. फिर 26 फरवरी 2020 को दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में फैजान की मौत हो गई थी. इधर इन दो सालों के दौरान दिल्ली पुलिस ने बार-बार कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों की पहचान करने की कोशिश हो रही है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने घटना के अपडेट को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें सूत्रों के हवाले से कहा गया कि क्राइम ब्रांच ने करीब 250 पुलिसकर्मियों से पूछताछ की. कई सारे कागजात खंगाले गए. दंगों के दौरान इलाके से बाहर तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी चार्ट की भी जांच की गई.

‘एक पुलिसकर्मी की पहचान हुई’

दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने एक्सप्रेस को बताया, 

"पूछताछ के बाद, दिल्ली आर्म्ड पुलिस में तैनात एक हेड कॉन्स्टेबल की पहचान की गई लेकिन उसने घटना में किसी तरह शामिल होने से इनकार कर दिया. बाद में उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया, जिसमें वो फेल हो गया. चूंकि कोर्ट में पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं है. इसलिए पुलिस ने घटना की वीडियो क्लिप से उसकी आवाज का सैंपल लिया और उसे रोहिणी फॉरेंसिक लैब में भेजा है."

सूत्रों ने यह भी बताया कि क्राइम ब्रांच के सीनियर अधिकारियों ने दंगे से जुड़े मामलों की जांच कर रही SIT से कहा है कि वो सभी मामलों के जांच अधिकारियों को भी बदलें. यह इसलिए किया गया ताकि नए जांच अधिकारी मामले को नए तरीके से देख पाएं. एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 

“हाल में फैजान के मामले में भी जांच अधिकारी को बदला गया है. नए जांच अधिकारी को आरोपी की गिरफ्तारी के इनाम की घोषणा करने को कहा गया था. नए अधिकारी ने सभी पुलिसकर्मियों से दोबारा पूछताछ शुरू की है. अब तक करीब 95 पुलिसकर्मियों से पूछताछ हो चुकी है.”

कोर्ट ने जताई नाराजगी

इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई भी चल रही है. अदालत ने जांच में देरी और चार्जशीट फाइल नहीं होने लेकर कई बार दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. इस साल मार्च में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो बिना किसी प्रभाव में आए हुए कानूनी तरीके से मामले की जांच करे. पिछले साल दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट से कहा था कि घटना के समय का कोई सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि तब कैमरे खराब थे.  

फैजान की मां किस्मतून ने हाई कोर्ट में दावा किया था कि उनके बेटे को गैरकानूनी ढंग से हिरासत में लिया गया था और उसके साथ मारपीट की गई थी. मां ने पुलिस पर ये भी आरोप लगाया कि गंभीर स्थिति होने पर भी फैजान का सही समय पर इलाज नहीं कराया गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी.

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