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सड़क पर किसी महिला को कहा 'डार्लिंग' तो पड़ेगा भारी, हाई कोर्ट ने बताया क्यों ऐसा कहना गलत?

Calcutta High Court ने एक अनजान महिला को Darling शब्द बोलने से जुड़े एक मामले पर सुनवाई की है. कोर्ट ने बताया कि अगर किसी महिला को सड़क पर 'डार्लिंग' कहा जाता है, तो ये गलत क्यों है?

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calling an unknown woman darling is offensive
लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करवाने के लिए महिला कॉन्स्टेबल राउंड पर निकली थीं. ( फोटो- इंडिया टुडे )
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प्रगति चौरसिया
3 मार्च 2024 (Updated: 3 मार्च 2024, 05:42 PM IST)
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कोलकाता में महिला पुलिस कॉन्सटेबल को 'डार्लिंग' कहना शख्स को भारी पड़ गया. इतना की मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने शख्स की जमकर फटकार लगाई. इस मामले में आरोपी पर FIR भी हुई. फिर कैसे ये बात कोर्ट तक पहुंची क्या और कैसे हुआ सब आगे जानते हैं.

ये मामला दुर्गा पूजा से पहले का है. लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए महिला कॉन्स्टेबल अपनी टीम के साथ राउंड पर निकली थीं. पुलिस की टीम लाल टिकरे इलाके की तरफ जा रही थी. इसी दौरान सूचना मिली कि एक शख्स इलाके में परेशानी पैदा कर रहा है. पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर थाने ले गई. जबकि महिला कांस्टेबल समेत बाकी टीम राउंड पर ही रही. अंधेरा होने की वजह से उन्होंने एक दुकान के सामने लगी स्ट्रीट लाइट के नीचे जाने का फैसला किया. तभी जनक राम नाम के शख्स ने नशे की हालत में सवाल पूछा “क्या डार्लिंग, चालान करने आई है क्या?”

इंडिया टुडे से जुड़ी शारंगी दत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की पोर्ट ब्लेयर पीठ में सिंगल बेंच के जस्टिस जय सेनगुप्ता ने कहा,

किसी अनजान महिला को "डार्लिंग" कहना अपमानजनक है. ये भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354A (महिला की विनम्रता को ठेस पहुंचाना) और 509 के तहत आपराधिक मामला है.

'डार्लिंग' कहना गलत क्यों? 

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि सड़क पर किसी अनजान महिला के लिए 'डार्लिंग' शब्द कहना अपमानजनक है. ये शब्द कहना मूल रूप से यौन उत्पीड़न है. चाहे वो महिला पुलिस कांस्टेबल हो या नहीं, लेकिन इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जस्टिस सेनगुप्ता ने कहा कि अब तक भारतीय समाज के मानक ऐसे नहीं हैं कि अनजान महिलाओं को 'डार्लिंग' शब्द कहने की अनुमति दी जाए.

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कोर्ट ने कहा कि अगर इस घटना के दौरान आरोपी नशे की हालत में नहीं होता तो अपराध की गंभीरता और भी बढ़ जाती. मायाबंदर पुलिस स्टेशन ने जनक राम के खिलाफ IPC की धारा 354A(i) (किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से बोले गए शब्द) और 509 (इशारा या कृत्य करने) के तहत FIR दर्ज की है. पिछले साल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने जनक राम को तीन महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माना का आदेश दिया था. इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था. फिर जनक राम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.

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