हरियाणा: गौहत्या के मुद्दे पर हिंदू संगठनों की सरकार को खुली धमकी, कांग्रेस MLA को कहा, 'सुधार देंगे'
सोहना से बीजेपी विधायक संजय सिंह ने भी महापंचायत को अपना पूरा समर्थन दिया.
हरियाणा के नूह जिले का सांगेल गांव. रविवार 8 मई को यहां गौरक्षक समूहों ने एक गौशाला में महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और गौरक्षा दल से जुड़े लोगों के अलावा सोहना से बीजेपी विधायक संजय सिंह शामिल हुए. आयोजन में गौहत्या का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. इस दौरान कथित रूप से भड़काऊ बातें कही गईं.
'घरों से निकाल कर मारेंगे'खबर के मुताबिक ये महापंचायत गौरक्षकों पर दर्ज एफआईआर को लेकर बुलाई गई थी. इसमें हरियाणा सरकार को धमकी देते हुए कहा गया कि अगर गौरक्षकों पर दर्ज केस एक महीने के अंदर वापस नहीं लिए जाते तो सरकार उन पर और केस दर्ज करने को तैयार रहे.
पंचायत में गुरुग्राम के पूर्व बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज भी शामिल हुए. यहां बता दें कि सितंबर 2021 में बीजेपी ने कुलभूषण भारद्वाज को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था. आजतक के नीरज वशिष्ठ की रिपोर्ट के मुताबिक पंचायत में बोलते हुए कुलभूषण ने कहा,
'गौ रक्षकों को बंदूक का लाइसेंस मिले''अगर ये (गौतस्कर) नहीं सुधरे. और अगर मेवात में गौकशी हुई, गौतस्करी हुई तो हम इन्हें और इन्हें पनाह देने वाले (कांग्रेस) विधायकों को सुधार देंगे. हमारे ऊपर कोई छोटा मुकदमा नहीं दर्ज होगा. हम इन तस्करों को घरों से निकाल-निकाल कर मारेंगे...मनोहर लाल खट्टर भी सुन लें कि हिंदू समाज ने ही उन्हें गद्दी पर बैठाया है. अगर उसके खिलाफ काम किया गया तो वह गद्दी से उतारने का काम भी करेगा.'
वहीं महापंचायत के आयोजकों में से एक भारत भूषण ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा,
बीजेपी विधायक क्या बोले?'प्रशासन को गौतस्करी के आरोपियों की संपत्तियों और वाहनों को जब्त कर नीलाम करना चाहिए. ये राशि गौशालाओं में पहुंचाई जानी चाहिए. ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए. इसके अलावा, गौरक्षकों को बंदूक के लाइसेंस दिए जाने चाहिए और गौरक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ली जानी चाहिए. अगर इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम जेल भरो आंदोलन के लिए तैयार हैं. हमने एक आंदोलन शुरू किया है और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि गायों की हत्या पूरी तरह से बंद नहीं हो जाती.'
सोहना से बीजेपी विधायक संजय सिंह ने भी महापंचायत को अपना पूरा समर्थन दिया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पंचायत में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,
23 अप्रैल को हुआ क्या था?'आज मैं गौमाता के आशीर्वाद से विधायक हूं और इसलिए मैं यहां आया हूं. ये मेरा कर्तव्य था. पंचायत ये सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी कि नूह में गौहत्या न हो. हरियाणा देश का पहला राज्य था जिसने पशु वध पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया था. जो भी फैसला हो, मेरा समर्थन आपको है. मैं मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के पास ले जाऊंगा.'
इस महापंचायत के आयोजन के पीछे बीती 23 अप्रैल की एक घटना को वजह बताया गया है. उस दिन नूह (मेवात) जिले के शेखपुर और कुछ अन्य गांवों में बजरंग दल और गौरक्षा दल से जुड़े लोगों ने कथित तौर पर कुछ लोगों की गौहत्या करने के आरोप में पिटाई की थी. इसके बाद बंदूक की नोक पर गौरक्षक इन लोगों को अपनी गाड़ी में डालकर ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया.
खबर के मुताबिक इस बात से नाराज इलाके के लोगों ने अपने तीनों स्थानीय कांग्रेस विधायकों के साथ जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से मुलाकात की. आरोप है कि इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने चेतावनी दी कि अगर आगे से बिना पुलिस की इजाजत के हथियारों के दम पर गौरक्षा दल के लोगों ने किसी गांव में मारपीट की तो वे वहां से वापस नहीं लौट पाएंगे.
इसके बाद तीनों विधायकों की मांग पर पुलिस ने सरेआम फायरिंग करने और लोगों को पीटने के आरोप में कुछ गौरक्षकों पर एफआईआर दर्ज की थी. इसी एफआईआर को लेकर गुस्साए गौरक्षकों और हिंदूवादी संगठनों ने बीते रविवार को नूह के सांगेल में महापंचायत बुलाई.
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