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क्या कोरोना की नई वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को लकवा मार जा रहा है?

वैक्सीन लगवाने पर कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या भी सामने आई है.

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क्या नयी वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को दिक़्क़त होने लग रही है?  (सांकेतिक फोटो- PTI)
यूके और अमेरिका में फाइजर कंपनी की वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोगों को दिक़्क़त सामने आई है. (सांकेतिक फोटो- PTI)
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सिद्धांत मोहन
10 दिसंबर 2020 (Updated: 10 दिसंबर 2020, 09:27 AM IST) कॉमेंट्स
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यूके में कोरोना की वैक्सीन लगनी क्या शुरू हुई, कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे हैं. इसे देखते हुए कहा गया है कि जिनको पहले से कोई एलर्जी रही है, वो अभी कोरोना की वैक्सीन लगवाने से बचें. अमेरिका में इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान भी कुछ लोगों में रिएक्शन देखे गए हैं. वैक्सीन लगवाने के बाद क्या हुआ? यूके में दवा कम्पनी फ़ाइज़र और बायोएनटेक द्वारा तैयार की गयी वैक्सीन आम लोगों को लगाने का काम शुरू किया गया है. इस वैक्सीन का पहला डोज़ लेने के बाद ब्रिटेन के दो स्वास्थ्यकर्मियों ने एलर्जी की शिकायत की. उनका ब्लड प्रेशर गिरने लगा. स्किन पर रैश होने लगे. सांस लेने में भी दिक़्क़त होने लगी. इसे मेडिकल भाषा में ऐनाफ़ायलैक्टॉयड प्रतिक्रिया कहा जाता है, जो लोगों को एलर्जी के समय होती है.  दोनों स्वास्थ्यकर्मियों का इलाज किया गया. ख़बरों के मुताबिक़, दोनों की हालत अब स्टेबल है. इस बारे में ये जानकारी सामने आ रही है कि दोनों स्वास्थ्यकर्मी पहले से एलर्जी के मरीज़ रहे हैं. इमरजेंसी के लिए अपने पास हमेशा एड्रीनलीन के इंजेक्शन रखते थे.  दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन का ऐसा रिएक्शन ट्रायल के समय सामने नहीं आया था. यूके के मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) की प्रमुख डॉ. जून रैन ने इस बारे में यूके की संसदीय कमिटी को बताया,
“वैक्सीन के ट्रायल के समय हमें पता था कि ऐसा नहीं होगा. लेकिन अब हमारे सामने केस हैं, और पूरी आबादी है, तो हमें इस पर ध्यान देना होगा.”
BBC के अनुसार, MHRA ने ये भी कहा है कि अभी वैक्सीन न लगवाने के निर्देश उन्हीं लोगों के लिए हैं, जिन्हें किसी भी खाने की चीज, दवा या वैक्सीन से एलर्जी होती है. लेकिन ये अकेला मामला नहीं अमेरिका में फ़ाइज़र की वैक्सीन के ट्रायल के दौरान बेल्स पाल्सी के मामले सामने आए हैं. बेल्स पाल्सी यानी चेहरे पर लकवा मार जाना. इसमें चेहरे की एक तरफ़ की मांसपेशियां झूल जाती हैं. US में हुए ट्रायल में 21,720 लोगों ने भाग लिया. इनमें से वैक्सीन लेने वाले 4 लोगों में इस बेल्स पाल्सी के केस देखे गये थे. इसे देखते हुए US के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने बयान भी जारी किया. कहा कि ट्रायल में 4 लोगों में ऐसा पाया जाना ये कहीं से नहीं जताता कि सभी लोगों को वैक्सीन दिए जाने पर भी ऐसा ही होगा. अमरीका में बनी फ़ाइज़र की वैक्सीन को यूके में सबसे पहले लोगों के इस्तेमाल में लाया जा रहा है. यूके की हेल्थ रेगुलेटरी MHRA ने बेल्स पाल्सी जैसे रिएक्शन के बाबत USFDA के बयान का समर्थन किया. उसने भी कहा कि 4 केसों का मतलब ये नहीं है कि पूरी आबादी को वैक्सीन दिए जाने पर ऐसा ही होगा. लेकिन फिर भी सारे साइड इफ़ेक्ट्स और उससे जुड़ी बातों की स्टडी की जाएगी

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