भारत में दो और कोरोना वैक्सीन के साथ इस दवा को भी मिली मंजूरी, जानिए कितने दिन में करती है असर
कोरोना की पहली दवा मोलनुपिराविर को अमेरिका और ब्रिटेन में भी मिल चुकी है मंजूरी
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केंद्र सरकार ने COVID-19 के दो टीके और एक एंटी-वायरल दवा को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार 28 दिसंबर को यह जानकारी दी है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा कि COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना की दो वैक्सीन 'कोवोवैक्स' और 'कोर्बीवैक्स' के साथ-साथ एक एंटी वायरल दवा Molnupiravir के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
केन्द्रीय औषधि प्राधिकरण ने की थी सिफारिश बीते सोमवार यानी 27 दिसंबर को केन्द्रीय औषधि प्राधिकरण की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स और बायोलॉजिकल-ई कंपनी की कोर्बीवैक्स वैक्सीन को मंजूरी देने की सिफारिश की थी. प्राधिकरण का कहना था कि इन वैक्सीनों को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति दी जा सकती है. साथ ही एसईसी ने भारत में कोविड की दवा मोलनुपीराविर को भी आपात स्थिति में इस्तेमाल करने की सिफारिश की थी. कोवोवैक्स के लिए सीरम इंस्टिट्यूट ने अक्टूबर में किया था आवेदन ‘कोवोवैक्स' को अमेरिकी कंपनी Novavax ने बनाया है. कोवोवैक्स (Covovax) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल है, यानी WHO से इसे मंजूरी मिल चुकी है. अगस्त 2020 में Novavax और भारत के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के बीच कोवोवैक्स को लेकर एक डील हुई थी. इस डील के बाद से ही भारत में कोवोवैक्स को सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है. पुणे में इसका निर्माण और भंडारण किया जा रहा है. बीते अक्टूबर में सीरम इंस्टीट्यूट ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था. इसमें कंपनी ने आपातकालीन स्थितियों में कोवोवैक्स के सीमित इस्तेमाल के लिए व्यावसायिक अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया था. सीरम इंस्टीट्यूट की इस नई कोरोना वैक्सीन को अनुमति मिलना बच्चों के लिए बहुत अच्छी खबर है. इसका परीक्षण 3 साल तक के बच्चों पर किया गया है. पिछले दिनों सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने इसके बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने यह भी बताया था कि ट्रायल के दौरान कोवोवैक्स कोरोना के खिलाफ 90 फीसदी तक असरदार रही है.Congratulations India 🇮🇳
Further strengthening the fight against COVID-19, CDSCO, @MoHFW_INDIA has given 3 approvals in a single day for: - CORBEVAX vaccine - COVOVAX vaccine - Anti-viral drug Molnupiravir For restricted use in emergency situation. (1/5) — Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021
कोर्बीवैक्स वैक्सीन कोर्बीवैक्स (Corbevax) को भारत की ही कंपनी बायोलॉजिल-ई (Biological-E) ने बनाया है. यानी कोवैक्सीन और जायकोव-डी के बाद यह तीसरी स्वदेशी यानी भारतीय वैक्सीन है. इंडिया टुडे की रिपोर्टर मिलन शर्मा के मुताबिक केंद्र सरकार बायोलॉजिकल-ई को 1,500 करोड़ रुपये में 30 करोड़ डोज का ऑर्डर भी दे चुकी है. कंपनी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस वैक्सीन की दोनों डोज 28 दिन के अंतर में दी जाएंगी. इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्टोर किया जाएगा. मोलनुपीराविर दवा मोलनुपीराविर कोविड-19 के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली दवा है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने हाल ही में ‘मर्क' कम्पनी की इस दवा को कोविड के उन मरीजों के लिए मंजूरी दी है, जिन्हें कोरोना से खतरा अधिक है. इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने भी इस दवा को सशर्त मंजूरी दी थी. इस दवा को भारत में सिप्ला, टोरंट और सन फार्मा जैसी 13 कंपनियां बनाएंगी. हालांकि, ये दवा अभी सिर्फ वयस्कों को ही दी जाएगी. साथ ही उन्हीं मरीजों को दी जाएगी जिनमें गंभीर लक्षण होंगे और जिनके गंभीर बीमार होने का खतरा ज्यादा होगा. Molnupiravir दवा सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी. जानकारों के मुताबिक 200mg के कैप्सूल का कोर्स 5 दिन का होगा. गर्भवती महिलाओं और 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए ये दवा प्रतिबंधित रहेगी.Vaccine for children aged 3 years and above will be launched in the next 6 months: Serum Institute of India's CEO Adar Poonawalla, at CII Partnership Summit#COVID19pic.twitter.com/KdGZH8fwaU
— ANI (@ANI) December 14, 2021