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राजस्थान: राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों को साधने में लगी कांग्रेस को तगड़ा झटका लग गया

राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में 126 विधायकों के समर्थन वाली कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों को जीतना तय माना जा रहा था. लेकिन सुभाष चंद्रा की एंट्री ने पार्टी के कई समीकरण बिगाड़ दिए.

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Rajasthan Ashok Gehlot
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. (फोटो: PTI)
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मुरारी
3 जून 2022 (Updated: 3 जून 2022, 08:34 PM IST) कॉमेंट्स
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राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस में हलचल मच गई है. खबर है कि कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार से नाराज हैं और उन्होंने होटल में जाने से इनकार कर दिया है. जो विधायक नाराज हैं, उनकी संख्या लगभग दर्जन भर बताई जा रही है. ऐसे में राजस्थान से कांग्रेस के तीसरे राज्यसभा उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की जीत पर संकट खड़ा हो गया है.

45 विधायक ही उदयपुर पहुंचे

इंडिया टुडे से जु़ड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान कांग्रेस के 126 में से 45 विधायक ही उदयपुर के ताज होटल पहुंचे हैं. जिन विधायकों ने उदयपुर के ताज होटल जाने से इनकार कर दिया है, उनमें बसपा से कांग्रेस में आए विधायक भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इन बागी विधायकों का कहना है कि गहलोत सरकार ने उन्हें धोखा दिया है और सरकारी अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं. विधायकों का कहना है कि कांग्रेस को उनके वोट की गारंटी नहीं है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन विधायकों को मनाने में जुटे हैं.

दरअसल, राजस्थान के राज्यसभा चुनाव में 126 विधायकों के समर्थन वाली कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों का जीतना तय माना जा रहा था. लेकिन इस बीच सुभाष चंद्रा की एंट्री ने पार्टी के कई समीकरण बिगाड़ दिए. ऐसे में पार्टी ने अपने विधायकों को बीजेपी के पाले में जाने से रोकने के लिए उन्हें उदयपुर के ताज होटल में शिफ्ट करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री निवास में दो बसें बुलाई गईं. रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 39 विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और बसों के जरिए उदयपुर के लिए रवाना किए गए. वहीं सात विधायक अपने साधनों से रवाना हुए.

लेकिन कांग्रेस के 6 विधायक नहीं पहुंचे. वे घूमने चले गए. रिपोर्ट के मुताबिक ये विधायक हैं सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढा, ढांग विकास क्षेत्र के चेयरमैन लाखन मीणा, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा, संदीप यादव, वाजिब अली और गिरराज सरिस्का. वापस लौटने के बाद इन नेताओं ने सरकार के खिलाफ खूब बयानबाजी की. मंत्री राजेंद्र गुढा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राजस्थान से चौथा उम्मीदवार कौन जीतेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बातें तो बहुत करते हैं, मगर करते कुछ नहीं हैं. गुढा ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे जो वादा किया था, वो पूरा नहीं हुआ. इसी तरह से खिलाड़ी लाल बैरवा ने कहा कि वो इस सरकार में परेशान हैं. आगे कहा कि उन्होंने सरकार का साथ दिया था, लेकिन दो साल से उनकी बात नहीं सुनी जा रही.

Ashok Gehlot पर धमकाने का आरोप

होटल नहीं जाने वाले दूसरे विधायकों ने भी अपनी बात रखी. मसलन, गिरराज मलिंगा ने कहा कि ‘कभी ऊंट पहाड़ के नीचे आता है, तो कभी पहाड़ ऊंट के नीचे’. इधर विधायक संदीप यादव बोले कि वो बीएसपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे, लेकिन उनके काम नहीं होते. अधिकारियों ने लूट मचा रखी है. वहीं विधायक लाखन मीणा ने कहा कि उनसे किए गए वादे अभी तक निभाए नहीं गए हैं. इसी तरह विधायक वाजिब अली बोले कि उन्हें बहुत सी तकलीफें हैं और यही मौका है, नहीं तो डेढ़ साल बाद चुनाव हार जाएंगे.

रिपोर्ट बताती है कि बीते तीन दिन से सीएम अशोक गहलोत इन विधायकों को मनाने के लिए अपने लोगों को इनके पास भेज रहे हैं. राजस्थान टूरिज्म के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ इन विधायकों को मनाने गए थे. उन्होंने कहा कि परिवार में कमियां और शिकायतें बनी रहती हैं. इस बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत पर विधायकों को धमकाने का आरोप लगाया है.

राजस्थान में इस बार राज्यसभा की चार सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इन चारों सीटों के लिए कुल पांच उम्मीदवार हैं. कांग्रेस की तरफ से मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाल और प्रमोद तिवारी और बीजेपी की तरफ से घनश्याम तिवाड़ी. वहीं सुभाष चंद्रा निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. एक उम्मीदवार को जीत के लिए 41 वोट की जरूरत है.

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