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चीन में प्रदर्शन का वीडियो बना रहा पत्रकार अरेस्ट, पीटा गया, अधिकारी ने माथा पीटने वाला बयान दिया!

"कोरोना न हो जाए, इसलिए पकड़ा"

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China covid protest
गिरफ्तार होने वाले बीबीसी पत्रकार एडवर्ड लॉरेंस (फोटो- ट्विटर/Edward Lawrence)
28 नवंबर 2022 (Updated: 28 नवंबर 2022, 14:29 IST)
Updated: 28 नवंबर 2022 14:29 IST
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चीन की 'जीरो कोविड नीति' (Zero Covid Policy) के खिलाफ शंघाई और दूसरे शहरों में प्रदर्शन तेज हो गया है. दो दिनों से सड़कों पर उतरकर लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस प्रदर्शन को दबाने के लिए सरकार बल प्रयोग भी कर रही है. BBC ने बताया कि प्रदर्शन को कवर करने गए उसके पत्रकार एडवर्ड लॉरेंस को शंघाई में गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप लगा कि लॉरेंस के साथ हिरासत में मारपीट भी की गई. हालांकि बाद में पत्रकार को रिहा कर दिया गया.

'कोविड ना हो इसलिए पकड़ा'

पत्रकार एडवर्ड लॉरेंस की गिरफ्तारी पर 28 नवंबर को बीबीसी ने एक बयान जारी किया. इसके मुताबिक, 

"शंघाई में प्रदर्शन कवर करने के दौरान हमारे पत्रकार एड लॉरेंस को गिरफ्तार किया गया और उन्हें हथकड़ी पहनाई गई. उन्हें रिहा करने से पहले कई घंटों तक हिरासत में रखा गया. इस दौरान उन्हें पुलिस ने पीटा और लात तक मारी. ये सब तब हुआ जब वो एक मान्यताप्राप्त पत्रकार के तौर पर काम कर रहे हैं."

BBC ने आगे कहा है कि अपने काम के दौरान हमारे पत्रकार पर इस तरीके से हमला किया जाना चिंताजनक है. संस्था ने कहा है कि उन्हें चीनी अधिकारियों की तरफ से ना कोई स्पष्टीकरण दिया गया और ना ही माफी मांगी गई. बाद में एक अधिकारी ने दावा किया कि लॉरेंस को इसलिए गिरफ्तार किया गया ताकि उन्हें भीड़ से कोविड ना हो जाए. BBC ने कहा कि वो इस सफाई को सही नहीं मानता है.

क्यों शुरू हुआ प्रदर्शन?

कोरोना को लेकर सख्ती के खिलाफ प्रदर्शन को दो दिन हो चुके हैं. मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक कई प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया है. इस प्रदर्शन की शुरुआत 25 नवंबर को उरुमची के एक अपार्टमेंट में आग लगने के बाद हुई. आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे. सख्त लॉकडाउन के कारण फायरफाइटर्स को अपार्टमेंट तक पहुंचने में कथित रूप से देरी हुई थी. इसके बाद ही विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे. फिलहाल शंघाई के कई इलाकों में पुलिस ने बैरियर लगा दिए हैं. 

चीन में कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए सख्त 'जीरो-कोविड पॉलिसी' लागू है. इस सख्ती के बाद भी पिछले हफ्ते चीन में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आए थे. सरकार ने मामले कम होने पर ढील दी थी. लेकिन केस बढ़ने पर फिर से पाबंदी बढ़ा दी है.

चीन पर लग रहे आरोपों के बीच वहां के स्टेट मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' ने लिखा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में चीन जो भी करता है वो पश्चिमी मीडिया की नजरों में गलत है. जिन्होंने सख्ती को गलत बताया था अब खोले जाने के परिणाम को भी बड़ा करके दिखा रहे हैं. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह उसी तरह है जैसे वाशिंगटन (अमेरिका) समर्थकों ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर लिखा है.

जैसा हमने पहले बताया कि ग्लोबल टाइम्स स्टेट मीडिया. यानी सरकारी अखबार.

दुनियादारी: चीन में क्या चल रहा है? क्या भारत को चिंता करने की जरूरत है?

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