ऋषि बागरी ने राम मंदिर के लिए 16 करोड़ जुटाने का दावा किया तो चंपत राय ने पोल खोल दी
फिर ऋषि बागरी ट्वीट डिलीट करने चले गए.
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बाएं ऋषि बागरी, दाहिने चंपत राय और फ़ोटो सांकेतिक.
लेकिन लगता है बात चंपत राय तक पहुंची तो उन्होंने इसका खंडन करने का इंतज़ाम कर लिया. ऋषि बागरी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए चंपत राय ने 22 दिसंबर को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर ट्वीट किया और लिखा कि वो ऋषि बागरी नाम के किसी भी इंसान को नहीं जानते हैं. उन्होंने अपने ट्विटर पर ये भी लिखा है कि मंदिर निर्माण के विषयों पर वो और भी कई लोगों से मिलते रहे हैं, लेकिन एक फ़ोटो के आधार पर भ्रामक तथ्य डालना बेहद गम्भीर विषय है. फिर चंपत राय ने हिदायत दी. कहा कि आस्था से जुड़े विषय को निजी प्रचार का विषय न बनाएं. बस चंपत राय का ट्वीट वायरल हो गया. और कहा जा रहा है कि चंपत राय का ट्वीट वायरल होते ही ऋषि बागरी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. और डिलीट होते ही आर्काइव लिंक तैयार हो गया. मतलब डिलीट होने के बाद भी पड़ा रहेगा. अब जब तक चंपत राय का जवाब नहीं आया था, तब तक और बवाल कटा हुआ था. एक ट्विटर यूज़र हैं निखिल अग्रवाल. अपने बायो के हिसाब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम देखते हैं. उन्होंने भी ऋषि बागरी का ट्वीट रिट्वीट करते हुए लिखा कि आप झूठ बोल रहे हैं, आपने महेश जी के घर बस एक मीटिंग अटेंड की थी. कई लोग मौजूद थे. चंपत राय तो आपको जानते भी नहीं हैं. लोगों को गुमराह करना बंद करिए.इस नाम के किसी व्यक्ति को मैं निजी तौर पर नहीं जानता।
मंदिर निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर मेरा अनेकों लोगों से मिलना होता है, पर एक चलचित्र के आधार पर इस संदर्भ में भ्रामक तथ्य डालना बेहद गंभीर विषय है। कृपया आस्था से जुड़े विषय को निजी प्रचार का विषय ना बनाएँ। pic.twitter.com/KxHdSVTXbo — Champat Rai (@ChampatRaiVHP) December 22, 2020
ऋषि बागरी भिड़ गए. ये जवाब नहीं दिया कि उन्होंने मीटिंग संचालित की थीं या नहीं. इस बात पर भिड़ गए कि घर किसका है. ट्वीट में कहा कि माफ़ी मांगो वरना क़ानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहो. लोगों ने पूछा कि बस इतना बता दो कि आपने मीटिंग संचालित की थी या नहीं. बहस होती रही. ऋषि बागरी अड़े रहे. बस बीच बहस चंपत राय ने अपनी टाइमलाइन पर स्पष्टीकरण दे दिया. मामले का दूसरा पक्ष सुनने के लिए हमने ऋषि बागरी को मैसेज किया. कहा कि लल्लनटॉप इस पर स्टोरी करने जा रहा है, आपका जवाब भी आए तो बेहतर. जवाब अब तक तो नहीं आया है. आएगा तो आपको ज़रूर बतायेंगे.First of all this is not Mahesh ji home but Jugal Kishore Saraf ji home. Secondly, I am working with Sri Gopal Jhunjhunwala ji who is treasurer and you can get my details from him. And in this meeting several leading businessmen gave a contribution totalling 16 crores.
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) December 22, 2020