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SC के पूर्व जज बने आंध्र के नए गवर्नर, राम मंदिर और नोटबंदी के पक्ष में दिया था फैसला

अब्दुल नजीर होंगे आंध्र प्रदेश के नए राज्यपाल.

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एस अब्दुल नजीर 6 साल तक सुप्रीम कोर्ट में जज रहे हैं. (फोटो- सोशल मीडिया/@adarshahgd)
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12 फ़रवरी 2023 (Updated: 12 फ़रवरी 2023, 14:37 IST)
Updated: 12 फ़रवरी 2023 14:37 IST
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केंद्र सरकार ने 12 फरवरी की सुबह कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल और उप राज्यपाल को बदल दिया है. इन बदलावों में सुप्रीम कोर्ट के जज रहे एस अब्दुल नजीर के नाम की खूब चर्चा हो रही है, जिन्होंने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. अब उन्हें आंध्र प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. वे इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे.

5 जनवरी 1958 को जन्मे अब्दुल नजीर ने वकालत की पढ़ाई एसडीएम लॉ कॉलेज मंगलुरु से की. फरवरी 1983 में बतौर वकील रजिस्टर्ड होने के बाद 20 साल तक वे कर्नाटक हाई कोर्ट में वकालत करते रहे. मई 2003 में उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया. फरवरी 2017 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया. वे तीसरे ऐसे जज हैं, जो किसी भी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नहीं रहे, उसके बावजूद सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए गए.  

सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के करियर के दौरान वे 458 बेंच का हिस्सा रहे और 93 फैसले सुनाए. इसमें सबसे ज्यादा (25) फैसले क्रिमिनल मामलों से जुड़े हैं.

वे राम मंदिर का फैसला सुनाने वाली बेंच का भी हिस्सा रहे हैं. उन्होंने मंदिर बनाने के पक्ष में फैसला दिया था. जब वे रिटायर हुए तब कहा कि अगर वे चाहते तो विरोध में फैसला देकर हीरो बन सकते थे, लेकिन उनके लिए देश सबसे ज्यादा जरूरी है.

सायरा बानो केस में तीन तलाक की संवैधानिक वैधता तय करने वाली वाली बेंच का भी वे हिस्सा रहे हैं. हालांकि, पांच जजों की बेंच में उन्होंने तत्कालीन चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर के साथ मिलकर तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने में असमर्थता जताई थी. कहा कि ये काम न्यायपालिका का नहीं, बल्कि संसद का है. इसके बाद तीन तलाक पर संसद को कानूनी ड्रॉफ्ट तैयार करने को कहा.

जस्टिस नजीर 2016 में की गई नोटबंदी को सही ठहराने वाली बेंच का भी हिस्सा रहे हैं. तब वे पांच जजों की बेंच को लीड कर रहे थे. बेंच ने फैसले में कहा था कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया था. आर्थिक मामलों पर सरकार की नीति में कोर्ट कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा जब तक ये तथ्यों और विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित न हो.

केंद्र सरकार ने 13 राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल बदले हैं. इनमें महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों के नाम भी हैं. जिन राज्यों के राज्यपाल बदले गए हैं, उनमें से कई में इस साल विधानसभा चुनाव होना है.

आप नए राज्यपालों की पूरी लिस्ट यहां देख सकते हैं.

वीडियो: जब बिहार के MLA को बंदूक की नोक पर राज्यपाल के निवास ले गए और CM पद की शपथ ले ली!

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