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1984 सिख दंगा: 'टाइटलर के कहने पर दिल्ली के गुरुद्वारे में भीड़ ने आग लगाई'- चार्जशीट में आरोप

"टाइटलर ने ही भीड़ को उकसाया था."

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CBI chargesheet against Jagdish Tytler
CBI की चार्जशीट में जगदीश टाइटलर पर कई आरोप लगाए गए हैं. (फाइल फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
20 मई 2023 (Updated: 25 मई 2023, 11:51 IST)
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केंद्रीय जांच एजेंसी यानी CBI ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. ये चार्जशीट 1984 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में भड़के सिख विरोधी दंगे से जुड़ी है. जांच एजेंसी ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ हत्या, भीड़ को उकसाने और दंगा भड़काने के आरोप लगाए हैं.

उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारे में 1 नवंबर, 1984 की शाम भीड़ ने आग लगा दी थी. आजतक के अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा में ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नाम के तीन व्यक्ति मारे गए थे. CBI की चार्जशीट में कहा गया है कि जगदीश टाइटलर के उकसाने के बाद भीड़ ने पुल बंगश गुरुद्वारे में आग लगाई थी.

जगदीश टाइटलर पर क्या आरोप हैं?

CBI ने जगदीश टाइटलर पर IPC की धारा 147 (दंगा करने), 148 (घातक हथियार से लैस) और 149 (अवैध जनसभा), 153A (समूहों के बीच शत्रुता भड़काने), 109 (अपराध के लिए उकसाने), 302 (हत्या), 295 (उपासना स्थल को नुकसान) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

इंडिया टुडे के मुनीष पांडे की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने बताया कि नवंबर 1984 में दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारे में हिंसा भड़काने के पीछे टाइटलर का हाथ था. CBI अधिकारी ने इंडिया से कहा,

"सबूत बताते हैं कि आरोपी जगदीश टाइटलर ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली के आजाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश में इकट्ठी हुई भीड़ को कथित रूप से उकसाया था. नतीजतन वहां आग लगाई गई, जिसमें तीन सिख लोग मारे गए थे. कई दुकानों को लूट लिया गया था और जला दिया गया था."

जगदीश टाइटलर को CBI ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में अपनी आवाज का सैंपल रिकॉर्ड कराने के लिए 11 अप्रैल को तलब किया था. CBI को अपनी आवाज का सैंपल देने के बाद जगदीश टाइटलर ने कहा था,

"मैंने क्या किया है? अगर मेरे खिलाफ सबूत मिले तो मैं फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं. मेरी आवाज़ का सैंपल लेना  1984 दंगों के मामले से संबंधित नहीं था, बल्कि एक और मामला था."

नानावटी कमिशन की रिपोर्ट में क्या था?

सिख विरोधी दंगों के मामले में साल 2000 में नानावटी कमिशन बनाया गया था. साल 2005 में इस कमिशन ने अपनी रिपोर्ट दी थी. नानावटी कमीशन ने सिख विरोधी दंगों में राजनीतिज्ञों, कांग्रेस के नेताओं के शामिल होने के संकेत दिए थे. इस मामले में दर्ज 214 FIR में से 4 मामलों के लिए कमिशन ने CBI जांच की सिफारिश की थी. इनमें 1 नवंबर, 1984 को उत्तरी दिल्ली के पुलबंगश गुरुद्वारे में आग लगाए जाने का केस भी शामिल था.

CBI ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामले में पहले क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. हालांकि, सेशन कोर्ट ने CBI की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को मंजूर नहीं किया था. वहीं, इस मामले में एक अन्य आरोपी सुरेश कुमार को कोर्ट ने पर्याप्त सबूत नहीं होने के कारण 2014 में बरी कर दिया था.

वीडियो: 1984 सिख विरोधी दंगे में तापसी पन्नू के पापा के घर को घेर लिया, फिर क्या हुआ?

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