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'CAA भारत के संविधान का उल्लंघन...', अमेरिकी संसद की ये रिपोर्ट तो नई बहस छेड़ देगी?

US Congress की रिपोर्ट में कहा गया है कि CAA भारत की मुस्लिम आबादी के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है. BJP और मोदी सरकार के फैसले को लेकर इसमें और क्या-क्या लिखा है?

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caa provisions may violate indian constitution harm muslim rights us congress report raise concerns
CAA पर अमेरिका की रिपोर्ट (फोटो- आजतक)
22 अप्रैल 2024 (Updated: 22 अप्रैल 2024, 14:54 IST)
Updated: 22 अप्रैल 2024 14:54 IST
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नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिकी संसद (कांग्रेस) की एक रिपोर्ट आई है (US Congress Report on CAA). रिपोर्ट में इस एक्ट को लेकर कई चिंताजनक बातें लिखी गई हैं. कहा गया है कि CAA के कुछ प्रावधान संभावित रूप से भारत के संविधान का उल्लंघन कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ये एक्ट भारत में मुस्लिम आबादी के अधिकारों को भी खतरे में डाल सकता है.

ताजा रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की इंडिपेंडेंट रीसर्च विंग - कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS) - ने पब्लिश की है. CRS आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन कांग्रेस को किसी मुद्दे पर फैसला लेने में मदद करने के लिए रिपोर्ट तैयार करके देता है.

CAA वाली रिपोर्ट में लिखा क्या है? 

#CAA के प्रमुख प्रावधान भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन कर सकते हैं. चिंता की बात है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के साथ मिलकर CAA भारत की मुस्लिम आबादी के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है.

#CAA का विरोध करने वाले लोग ये बात जानते हैं कि सत्तारूढ़ BJP, हिंदू बहुसंख्यकवादी और मुस्लिम विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. ये आधिकारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष गणराज्य के रूप में भारत की स्थिति को खतरे में डालता है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों और दायित्वों का उल्लंघन करता है.

#CAA को BJP के चुनाव अभियान के बीच लागू किया गया है और कुछ एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि ये टाइम मुख्य तौर पर राजनीति से प्रेरित है.

#CAA को केवल 'विशेष' धर्मों के सदस्यों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. दूसरों को इससे बहुत कम सहारा होगा. 

#CAA भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार को कमजोर करता है और एक जातीय लोकतंत्र स्थापित करता है, जो हिंदू समुदाय को राष्ट्र के बराबर मानता है और बाकियों को सेकेंड क्लास दर्जा देता है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भी CAA की अधिसूचना को लेकर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि वो विवादास्पद कानून की बारीकी से निगरानी कर रहा है. हालांकि भारत का कहना है कि CAA का उद्देश्य मुख्य रूप से नागरिकता देना है. केंद्र ने आश्वासन दिया था कि कानून के जरिए देश का कोई भी नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोएगा.

क्या है CAA?

CAA, 1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधित करता है. संसद में मंजूरी मिलने के लगभग चार साल बाद इसे मार्च 2024 में लागू किया गया. CAA अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों के लिए है. वो लोग जो 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले अपने देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के चलते भारत आए थे. ये कानून उन्हें भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है.

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जब ये कानून पारित हुआ था, तब देशभर में इस फैसले का जमकर विरोध हुआ था. दिल्ली के शाहीन बाग में धरना और असम के गुवाहाटी में विरोध सभाएं हुई थीं.

वीडियो: हरीश साल्वे ने CAA पर फिलिस्तीन का ज़िक्र कर अमेरिका को घेर लिया

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