एंटी CAA प्रोटेस्ट करने पर जिस जर्मन छात्र को वापस भेजा था, उसने कायदे की बात बोली है
प्रदर्शन करने वाले और CAA का सपोर्ट करने वाले, दोनों पर खुलकर बात की है.

जैकब लिंडेनथल. IIT मद्रास में फिजिक्स की पढ़ाई करने वाला जर्मनी का एक स्टूडेंट, जिसने नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों का साथ दिया था. जिसे इस प्रदर्शन के बाद अपने देश वापस जाने का आदेश दे दिया गया था. वो लड़का अब यूरोप लौट चुका है और उसका मैसेज भी आ गया है.
जैकब ने फेसबुक पर पोस्ट करके कहा,
'आज सुबह मैं सुरक्षित एम्सटर्डम पहुंच गया हूं और जल्द ही नुरेम्बर्ग में रह रही अपनी फैमिली के पास रहूंगा. आप सभी को थैंक्यू जिन्होंने मेरा साथ दिया. इंडिया से लौटने वाली मेरी फ्लाइट जब एक दिन लेट हो गई, तो आप लोगों ने मुझे जो शेल्टर दिया, जो लीगल सलाह दी, जो मैसेज दिए उसके लिए थैंक्यू. मैं घर पहुंचने में कुछ दिन लूंगा और देखूंगा कि किस्मत मुझे कहां ले जाती है. ये इवेंट मेरे बारे में नहीं है, लेकिन ये दिखाता है कि रूल ऑफ लॉ और राजनीतिक आज़ादी को कई मिलियन खुली आंखों के सपोर्ट और आवाज़ की जरूरत है. CAA और NRC के खिलाफ भारत और दुनिया में प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों की मैं बहुत इज्ज़त करता हूं. मैं उन लोगों के सामने भी सिर झुकाना चाहूंगा, जो वर्तमान में हो रहे राजनीतिक डेवलपमेंट्स के बारे में खुलकर कोई चिंता व्यक्त नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने से उनके अस्तित्व को खतरा होगा. लेकिन फिर भी वो लोग किसी न किसी तरीके से उन लोगों का सपोर्ट कर रहे हैं जो खुलकर विरोध में आवाज़ उठा रहे हैं.
भले ही ये प्रदर्शन बहुत चिंताजनक कारणों से हो रहे हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि ये प्रदर्शन उन सभी लोगों को जो बेहतरी के लिए बदलाव चाहते हैं, जो सच्चाई, आज़ादी और सिविल राइट्स के लिए लड़ते हैं, उन्हें एक करेगा. मैं आप लोगों के साथ होने के लिए कोई न कोई रास्ता जरूर खोज लूंगा. मेरे संपर्क में रहें और अपना ध्यान रखें.'
क्या है मामला?
IIT मद्रास के स्टूडेंट्स ने भी CAA और NRC के विरोध में प्रदर्शन किया था. जैकब भी शामिल हुए थे. उसके बाद उन्हें इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने जर्मनी वापस जाने का आदेश दे दिया था. उनसे कहा गया था कि प्रदर्शन में शामिल होकर उन्होंने वीज़ा के नियमों का उल्लंघन किया है. क्योंकि उनके वीज़ा के मुताबिक उन्हें भारत में किसी राजनीतिक प्रदर्शन में हिस्सा लेने की परमिशन नहीं थी.
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