यूपी: बृजेश प्रजापति के घर पर चल सकता है बुलडोजर, BJP छोड़ SP में शामिल हुए थे
यूपी सरकार के 'बुलडोजर समर्थक' ये खबर जरूर पढ़ें.
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BJP छोड़ SP में शामिल हुए थे बृजेश (फोटो-फेसबुक, आजतक)
“बुलडोज़र”. ये कीवर्ड उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान और उसके बाद भी ऐसा फेमस हुआ कि अब इसकी लोकप्रियता थमने का नाम नहीं ले रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ के चुनाव जीतने के बाद उनके कई समर्थकों ने तो खिलौने वाला बुलडोज़र अपने सिर पर रखकर जश्न मनाया था. अगर कहें कि ये खबर विशेष रूप से उन्हीं के लिए है तो गलत नहीं होगा. दरअसल योगी सरकार का बुलडोज़र चलने वाला है. एक ऐसे नेता के घर पर जो बीजेपी का साथ छोड़ सपा में शामिल हुआ था.
तिंदवारी विधानसभा सीट से बृजेश प्रजापति बीजेपी की टिकट से विधायक रह चुके हैं. खबरों के मुताबिक उनके आवास और कार्यालय पर बुलडोज़र चलने का ख़तरा बढ़ रहा है. उनको प्राधिकरण की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में बृजेश प्रजापति के चार मंजिला मकान और कार्यालय में हुए अवैध निर्माण का ब्यौरा है. नोटिस कहता है कि बृजेश प्रजापित आगामी 7 अप्रैल को पेश हों. ये भी कहा गया है कि अगर प्रजापति 7 अप्रैल तक ब्यौरा देने में असफल होते हैं तो ये इमारतें ढहा दी जाएंगी.
क्यों मिला नोटिस?
प्राधिकरण के नोटिस मेंं भले ही अवैध निर्माण का हवाला दिया गया हो, लेकिन चर्चा इस बात की है कि चूंकि बृजेश प्रजापति ने चुनाव से पहले दूसरी पार्टी में जाने का फैसला किया था, इसलिए उन पर ये कार्रवाई की जा सकती है. आजतक की ख़बर के मुताबिक बांदा विकास प्राधिकरण ने बृजेश प्रजापति को बगैर नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कराने के मामले में नोटिस भेजा है. बृजेश प्रजापति इस बार सपा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए. उन्होंने नोटिस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया और सरकार पर तंज कसते हुए लोगों को इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा,"भारत लोकतांत्रिक देश है और लोकतांत्रिक देश में पक्ष और विपक्ष दोनों होते हैं. सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना अगर गुनाह है तो ये गुनाह बृजेश प्रजापति बार-बार करेगा, अंजाम चाहे जो हो. ये बात याद रखने वाली है कि मेरा मकान 2009 से बना हुआ हैं. अब तक विभाग क्या सो रहा था? सरकार की हिम्मत है तो पेपर लीक करवाने वालों के ऊपर, असली गुंडा-माफिया और भ्रष्टाचारियों के ऊपर कार्रवाई करके दिखाए. गरीब, पिछड़े, दलितों के ऊपर ही फर्जी कार्रवाई क्यों? पर तब भी स्वागत है. जय भीम जय समाजवाद जय सविंधान."


