The Lallantop
Advertisement

बिलकिस बानो के बलात्कारी बाहर आए, मुसलमान डर से घर छोड़कर जाने लगे!

"उन्हें रिहा कर दिया गया है तो क्या गारंटी है कि वो ऐसा दोबारा नहीं करेंगे?"

Advertisement
bilkis bano convicts randhikpur muslim family relief colony
बिलकिस के दोषियों की रिहोई से मुसलिम परिवारों के बीच डर का माहौल (फोटो- आजतक)
23 अगस्त 2022 (Updated: 23 अगस्त 2022, 16:20 IST)
Updated: 23 अगस्त 2022 16:20 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गुजरात (Gujarat) के बिलकिस बानो (Bilkis Bano) मामले में 11 दोषियों की रिहाई के बाद सिंगवाड़ के रंधीकपुर (Randhikpur) गांव में मुस्लिम परिवारों के बीच कथित तौर पर डर का माहौल है. खबरें बताती हैं कि ये परिवार अपना घर छोड़कर दाहोद जिले के राही-मबाद राहत कॉलोनी (Relief Colony) में शरण ले रहे हैं. ये वही रिलीफ कॉलोनी है, जहां बिलकिस बानो साल 2017 से रह रही हैं. फिलहाल बिलकिस बानो सुरक्षा के लिए कॉलोनी से बाहर चली गई है.

इन परिवारों का मानना है कि दोषियों की रिहाई को लेकर कोई फैसला जल्द लिया जाएगा और तब तक ये राहत कॉलोनी में ही रहेंगे. रिहाई के फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है. वहीं दूसरी ओर रिहा हुए दोषियों के परिवार वालों से पता चला है कि उनमें से कुछ टूर पर घर से निकल गए है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में 24 साल की सुल्ताना बताती हैं कि जिस तरह जेल से निकलने के बाद दोषियों का स्वागत किया गया उससे वो काफी परेशान हैं और असुरक्षित महसूस कर रही हैं. सुल्ताना ने कहा,  

“जब वो पैरोल पर बाहर आए तो अलग बात थी क्योंकि हम जानते थे कि वो कैदी थे लेकिन अब उन्हें रिहा कर दिया गया है.”

रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सोमवार, 22 अगस्त को जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है. इसमें दोषियों को छूट देने के राज्य सरकार के फैसले पर दोबारा विचार करने और इसे वापस लेने की मांग की गई है. उनका मानना है कि इस फैसले से न्यायिक प्रणाली की छवि और सम्मान को ठेस पहुंची है. दोषियों की रिहाई के विरोध में एक रैली करने की अनुमति भी मांगी गई है.

बिलकिस के एक भाई इंडियन एक्सप्रेस से बताते हैं

“उन्होंने मेरी परिवार की औरतों के साथ जो किया, उसके बावजूद उन्हें रिहा कर दिया गया है. वो गांव और बाजार में घूमते हैं. मेरे पास घर छोड़कर राहत कॉलोनी में शिफ्ट होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.”

एक अन्य ग्रामीण सबेरा इंडियन एक्सप्रेस से कहती हैं कि उन्हें रिहा कर दिया गया है तो क्या गारंटी है कि वो ऐसा दोबारा नहीं करेंगे?

रिहा हुए कुछ दोषी टूर पर

मामले में रिहा हुए दोषी राधेश्याम शाह के भाई आशीष से पता चला कि वो टूर पर बाहर गया है. आशीष ने बताया

“रिहाई के बाद से मेरा भाई और बाकी लोग शांति से गांव में रह रहे हैं. अगर कुछ लोगों को उनसे खतरा महसूस होता है तो वो अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.”

अन्य दोषी शैलेश भट्ट और उनके भाई मितेश के परिवार वालों ने भी दावा किया कि दोनों टूर पर गए हैं.  

बता दें 2002 में गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान रंधीकपुर में ही बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. वो उस समय 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी. बिलकिस के परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी. मामले के दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा की सब जेल से रिहा कर दिया गया था. 

देखें वीडियो- बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के लिए गुजरात सरकार ने क्या खेल किया?

thumbnail

Advertisement

Advertisement