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'बिहार में मुस्लिम 17 फीसदी, अति पिछड़ा 36', और किसकी कितनी आबादी जातिगत जनगणना में पता चला?

बिहार सरकार ने जारी किए जातिगत जनगणना के आंकड़े, जानिए किस वर्ग की राज्य में कितनी जनसंख्या है?

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bihar caste census result declared highest percentage of extremely backward people at 36 per cent
बिहार में राज्य सरकार द्वारा कराई गई जाति जनगणना के नतीजे आ गए | फ़ाइल फोटो: आजतक
2 अक्तूबर 2023 (Updated: 2 अक्तूबर 2023, 14:33 IST)
Updated: 2 अक्तूबर 2023 14:33 IST
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बिहार (Bihar) की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) ने जातिगत जनगणना (Cast Census) के आंकड़े जारी कर दिए हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में सबसे ज्यादा 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से ज्यादा अनुसूचित जाति, 15.52 फीसदी सवर्ण (अनारक्षित वर्ग), और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है.

2 अक्टूबर (सोमवार) को मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट जारी की. बिहार सरकार की तरफ से विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है.  बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है.

बिहार सरकार के अधिकारियों ने आगे बताया कि बिहार में यादव 14 फीसदी, ब्राह्मण 3.66 फीसदी, राजपूत 3.45 फीसदी, कुर्मी 2.87 फीसदी, मुसहर 3 फीसदी और भूमिहार 2.86 फीसदी हैं.

बिहार में किस धर्म के कितने लोग? 
धर्मफीसदीकुल संख्या
हिन्दू 81.99%10,71,92,958
मुस्लिम17.70%2,31,49,925
ईसाई0.05%75,238
सिख0.011%14,753
बौद्ध0.0851%1,11,201
जैन0.0096%12,523
अन्य धर्म0.1274%1,66,566
कोई धर्म नहीं0.0016%2,146
बिहार की जातीय जनगणना रिपोर्ट में धार्मिक आधार पर डाटा
 
सीएम नीतीश ने क्या संदेश दिया?

आंकड़े जारी होने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर जनगणना करने वाली पूरी टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा है,

जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी. 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है, बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है…

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुताबिक जाति गणना को आधार बनाकर आने वाले समय में सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए काम किया जाएगा. उन्होंने ट्वीट में ये भी लिखा है कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर जल्द ही बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी. और जाति आधारित गणना के नतीजों के बारे में उन्हें बताया जाएगा.

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