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मुकेश दलाल पहले नहीं है, उनसे पहले 35 सांसद जीत चुके हैं निर्विरोध

1951 से चुनाव हो रहे हैं और तब से 35 सांसद हैं, जो ऐसे ही निर्विरोध चुनाव जीत गए. सपा प्रमुख Akhilesh Yadav की पत्नी Dimple Yadav भी पहली बार निर्विरोध जीत कर ही संसद में पहुंची थीं.

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वाईबी चौहान, फ़ारूक़ अब्दुल्ला और डिंपल यादव ने अपनी लोकसभा सीटें निर्विरोध जीती थीं. (फ़ोटो - PTI)
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23 अप्रैल 2024 (Updated: 23 अप्रैल 2024, 10:04 IST)
Updated: 23 अप्रैल 2024 10:04 IST
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भाजपा के मुकेश दलाल चुनाव लड़े बिना ही जीत गए. जिस लोकसभा सीट से खड़े हैं, वहां मतदान 7 मई को होने हैं. लेकिन मुकेश को अभी ही विजेता घोषित कर दिया गया है. दरअसल, सूरत लोकसभा से बाक़ी सभी दावेदारों ने नामांकन पत्र वापस ले लिए और जिस इकलौते कांग्रेसी उम्मीदवार ने पर्चा भरा था, उनका पर्चा दस्तख़त न मिलने पर रद्द कर दिया गया. चुनांचे मुकेश सूरत से निर्विरोध सांसद चुन लिए गए. संभवतः वो भाजपा के पहले उम्मीदवार हैं, जिन्होंने संसदीय चुनाव निर्विरोध जीता है.

बीते 12 साल में ऐसा 'संयोग' नहीं बना है, मगर ये पहली घटना भी नहीं है. 1951 से चुनाव हो रहे हैं और तब से 35 सांसद हैं, जो ऐसे ही निर्विरोध चुनाव जीत गए. मतलब इस सीट पर हारे हुए प्रत्याशी की तरफ़ से - ‘वो तिफ़्ल क्या गिरे, जो घुटनों के बल चले..’ या ‘तुम्हारी जीत से ज़्यादा हमारी हार के चर्चा हैं’ टाइप का बयान नहीं आ पाया.

कौन-कौन जीता है बिना लड़े?

मुकेश दलाल से पहले समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने 2012 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव निर्विरोध जीता था. उनसे पहले, उनके पति अखिलेश यादव इस सीट से चुनाव लड़ते थे. फिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने ये सीट छोड़ दी थी.

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जबकि अधिकतर केस सामान्य या नियमित चुनावों के हैं, पर कम से कम नौ ऐसे सांसद भी हैं, जिन्होंने उपचुनाव में निर्विरोध जीत दर्ज की है. डिंपल यादव समेत. बाक़ी बचे 24 की लिस्ट नीचे दी गई है:

  • आनंद चंद (निर्दलीय): 1951 - बिलासपुर.
  • टीए रामलिंगम चेट्टियार (कांग्रेस): 1951 - कोयंबटूर.
  • टी सांगना (कांग्रेस): 1951 - रायगढ़ा-फुलबनी.
  • कृष्णा चार्य जोशी (कांग्रेस): 1951 - यादगीर.
  • मेजर जनरल एचएस हिम्मासिंहजी (कांग्रेस): 1951 - हलार.
  • डी सत्यनारायण राजू (कांग्रेस): 1957 - राजमुंदरी.
  • संगम लक्ष्मी बाई (कांग्रेस): 1957 - विकाराबाद.
  • बिजॉय चंद्र भगवती (कांग्रेस): 1957 - दरांग.
  • मंगरुबाबू उइके (कांग्रेस): 1957 - मंडला.
  • एचजे सिद्दनानजप्पा (कांग्रेस): 1957 - हसन.
  • मानवेंद्र शाह (कांग्रेस): 1962 - टिहरी गढ़वाल.
  • टीटी कृष्णामाचारी (कांग्रेस): 1962 - तिरुचेंदूर.
  • हरेकृष्ण महताब (कांग्रेस): 1962 - अंगुल.
  • कनुरी लक्ष्मण राव (कांग्रेस): 1967 - विजयवाड़ा.
  • आर ब्रह्मा (कांग्रेस): 1967 - कोकराझार.
  • मोहम्मद शफ़ी क़ुरैशी (कांग्रेस): 1967 - अनंतनाग.
  • कुशोक बकुला रिनपोछे (कांग्रेस): 1967 - लद्दाख.
  • सेनयांगबा चुबातोशी जमीर या एससी जमीर (एनएनओ): 1967 - नागालैंड.
  • पीएम सईद (कांग्रेस): 1971 - लक्षद्वीप.
  • रिनचिन खांडू खिमरे (कांग्रेस): 1977 - अरुणाचल पश्चिम.
  • छत्र बहादुर छेत्री (कांग्रेस): 1977 - सिक्किम.
  • फारूक अब्दुल्ला (जेकेएनसी): 1980 - श्रीनगर.
  • मोहम्मद शफी भट (जेकेएनसी): 1989 - श्रीनगर.
  • मुकेशकुमार चंद्रकांत दलाल (भाजपा): 2024 - सूरत.

जो उम्मीदवार बिना किसी मुक़ाबले के लोकसभा में पहुंचे, उनमें से सबसे ज़्यादा कांग्रेस से हैं. 1957 वाले चुनाव में सबसे ज़्यादा सात उम्मीदवार निर्विरोध जीते थे. 

वीडियो: नेता नगरी: लोकसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग के बाद कौन आगे, किसकी सीट फंसी?

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