संगीत के आसमान का एक और तारा टूटा, बप्पी दा नहीं रहे
70 साल के थे बप्पी लाहिड़ी.
Advertisement
गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का निधन हो गया है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 69 वर्षीय बप्पी लाहिड़ी ने मुंबई के जुहू क्रिटी केयर अस्पताल में आखिरी सांस ली. खबर के मुताबिक मंगलवार रात बप्पी लाहिड़ी की तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की पर नाकामयाब रहे.
आजतक से जुड़े अमित त्यागी के मुताबिक के बप्पी लाहिड़ी पिछले कुछ समय से काफी बीमार थे. उन्हें बीते एक साल के दौरान कई बार मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. साल 2021 में उनमें कोरोना के हल्के लक्षण नजर आए थे, तब भी वह कई दिनों तक अस्पताल में रहे थे.
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बप्पी दा को अपनी श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा,
"श्री बप्पी लाहिड़ी जी का संगीत सर्वांगीण था. विभिन्न भावनाओं को जाहिर करने वाला था. कई पीढ़ियों के लोग उनके संगीत से खुद को जुड़ा महसूस कर सकते हैं. उनका खुशमिजाज स्वभाव सभी को याद रहेगा. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति"
बॉलीवुड के डिस्को किंग थे बप्पी दा म्यूजिक लेजेंड बप्पी लाहिड़ी का असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था. प्यार से लोग उन्हें बप्पी दा के नाम से बुलाते थे. उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में हुआ था. इनके पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी तथा मां का नाम बांसुरी लाहिड़ी था. बप्पी दा ने 70-80 के दशक में बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए. मिथुन चक्रवर्ती का गाना 'आई एम ए डिस्को डांसर' आते ही लोगों की जुबान पर चढ़ गया था. वो बप्पी दा ही थे जिनकी आवाज ने इस गाने को घर-घर पॉपुलर किया था. इस गाने के बाद बप्पी दा को डिस्को किंग के नाम से भी जाना जाने लगा था. उन्होंने अपने करियर में तकरीबन 5000 गाने कंपोज किए. इनमें न केवल हिंदी और बंगाली, बल्कि तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी और आसामी भाषाओं के गाने भी शामिल थे. इसके अलावा बप्पी दा ने कई बांग्लादेशी फिल्मों के गानों और अंग्रेजी गानों को भी कंपोज किया था. बप्पी लाहिड़ी ने 1972 में पहली बार एक बंगाली फ़िल्म दादू में संगीत दिया था. बॉलीवुड में उन्होंने पहली बार 1973 में फिल्म 'नन्हा शिकारी' के लिए संगीत दिया था. इसके बाद उन्होंने बाजार बंद करो, चलते चलते, आप की खातिर, वारदात, नमक हलाल, शराबी, हिम्मतवाला, सत्यमेव जयते, आज का अर्जुन, थानेदार सहित कई फिल्मों में म्यूजिक दिया और गाने भी गाए. 2020 में बागी 3 का गाना भंकस बॉलीवुड में उनका आखिरी गाना था.Shri Bappi Lahiri Ji’s music was all encompassing, beautifully expressing diverse emotions. People across generations could relate to his works. His lively nature will be missed by everyone. Saddened by his demise. Condolences to his family and admirers. Om Shanti. pic.twitter.com/fLjjrTZ8Jq
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2022
आवाज खो देने की अफवाह फैली थी
कुछ महीने पहले सोशल मीडिया साइट्स पर खबरें आईं थी कि बप्पी लहरी की सेहत खराब है और उन्होंने अपनी आवाज खो दी है. इसके बाद बप्पी दा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इन खबरों को खारिज किया. तब उन्होंने लिखा था, 'ये जानकर दुख हो रहा है कि कुछ मीडिया हाउस ने मेरी सेहत और आवाज को लेकर गलत खबरें चलाईं. मेरे फैंस और मेरा अच्छा चाहने वालों की दुआओं से मैं अच्छा हूं.'