'चलते-फिरते मुर्दों की तरह जी रहे हैं...', बांग्लादेश के इस हिंदू शख्स ने बताए देश के हालात
Bangladesh के एक हिंदू शख्स ने इंडिया टुडे को दिए एक खास इंटरव्यू में बताया कि उन्हें डर है कि पहचान सामने आने पर उनकी जान भी जा सकती है. और क्या बताया उन्होंने?

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. देश भर से कई ऐसी खबरें सामने आई हैं, जिनमें या तो किसी अल्पसंख्यक को मार दिया गया या उनके घरों को आग लगा दी गई. बीते एक हफ्ते में ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. शुरुआत दीपू चंद्र दास की हत्या से हुई. इस बीच, बांग्लादेश के एक हिंदू शख्स ने बताया कि कैसे उन्हें हर रोज एक डर के साथ जीना पड़ रहा है.
इंडिया टुडे को दिए एक खास इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्हें डर है कि पहचान सामने आने पर उनकी जान भी जा सकती है. नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने कहा,
हम जिंदा हैं...हम चलते-फिरते मुर्दों की तरह जी रहे हैं. अभी भी, अगर मेरा चेहरा या आवाज पहचान ली गई, तो कल सुबह मेरी आखिरी सुबह हो सकती है.
कट्टरपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा बढ़ गई. जिसके बाद चरमपंथी समूहों ने दूरदराज के गांवों में भी हिंदू घरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
चट्टोग्राम (Chattogram) में 20 दिसंबर को हुई एक घटना का जिक्र करते हुए, शख्स ने बताया कि उस इलाके में हिंदुओं को उकसाया जा रहा था और खुलेआम उन पर हमले की धमकी दी जा रही थी. उन्होंने दावा किया कि धमकी भरे पर्चे मिले थे, जिनमें कथित तौर पर यह ऐलान किया गया था कि हिंदुओं को जान से मारने और उन्हें वहां से भगाने की इजाजत दे दी गई है. उन्होंने कहा,
उन्होंने (चरमपंथियों ने) लोगों को उनके घरों में बंद कर दिया और उनमें आग लगा दी. परिवार झाड़ियों के रास्ते भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब हुए. उनके मवेशी, मुर्गियां-सब कुछ नष्ट हो गया.
उन्होंने कहा कि घर जलाए जा रहे हैं. लोगों को लूटा जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है. खुलेआम हत्याएं और भीड़ द्वारा हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. पूरी दुनिया ने यह सब देखा है.
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18 दिसंबर को भीड़ ने हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला था. रात करीब 9 बजे एक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि भीड़ ने पहले दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी. फिर उनके शव को एक पेड़ से बांध दिया और आग लगा दी. बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को हटाकर शव अपने कब्जे में लिया.
वीडियो: दीपू चंद्र दास की मौत के बाद दिल्ली में क्यों मचा हंगामा?

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