बांग्लादेश में हिंदू रिक्शा चालक को भीड़ ने बुरी तरह पीटा, कलावा देखकर बोले- रॉ एजेंट है
Bangladesh में भीड़ ने हिंदू रिक्शा चालक को निशाना बनाया है. आरोप है कि उसके हाथ में कलावा देखकर लोगों ने उसके साथ मारपीट की. बाद में पुलिस उसे हिरासत में लेकर थाने ले आई. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है.
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है. हाल ही में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास (Dipu Chandra Das) को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से मार डाला था. इस बार भीड़ ने हिंदू रिक्शा चालक को निशाना बनाया है. आरोप है कि उसके हाथ में कलावा देखकर लोगों ने उसके साथ मारपीट की. बाद में पुलिस उसे हिरासत में लेकर थाने ले आई.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला बांग्लादेश के झेनाइदह जिले का है. शुक्रवार, 19 दिसंबर को भीड़ ने एक हिंदू रिक्शा चालक की जमकर पिटाई की, जिसकी पहचान गोविंदा बिस्वास के तौर पर हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि युवक के हाथ में कलावा देखकर भीड़ ने उसे घेर लिया और उससे सवाल-जवाब करने लगे. कुछ लोगों ने उसे भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (R&AW) का एजेंट बता दिया.
इसके बाद भीड़ ने गोबिंदा के साथ जमकर मारपीट की. इस दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसको कई जगह पर चोट भी आई. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वह बार-बार कहता हुआ नजर आ रहा है कि वह सिर्फ एक रिक्शा चालक हैं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी.
यह घटना झेनाइदह के मेट्रोपॉलिटन ऑफिस के पास हुई. इसके बाद, पुलिस पीड़ित गोबिंदा को हिरासत में लेकर थाने ले आई. भास्कर ने झेनाइदह सदर थाना प्रभारी एमडी शमसुल अरेफिन के हवाले से लिखा,
भीड़ के बीच फंसने के कारण पीड़ित को तुरंत हटाना जरूरी था. पीड़ित की मां के थाने पहुंचने के बाद उसे सुरक्षित छोड़ दिया गया.
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इस घटना से ठीक एक दिन पहले यानी 18 दिसंबर को भीड़ ने हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला था. रात करीब 9 बजे एक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. पुलिस ने बताया कि भीड़ ने पहले दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी. फिर उनके शव को एक पेड़ से बांध दिया और आग लगा दी. बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को हटाकर शव अपने कब्जे में लिया.
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